हमलोग दो तिहाई बहुमत से विधानसभा चुनाव जीतेंगे और बिहार से ही नरेंद्र मोदी की हार की शुरुआत होगी. विधानसभा चुनाव के लिए कम समय है. कई लोग सम्मेलन करेंगे, लेकिन वास्तविक घर यही है, जहां लालू प्रसाद व नीतीश कुमार हैं. पटना के गांधी मैदान में आयोजित इस रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नहीं आने पर उन्होंने कहा कि वो आएं, चाहे नीतीश आएं, बराबर है. हमलोग (जनता परिवार) एकजुट हो गये हैं. इसमें कोई कंफ्यूजन नहीं है. पहले भाजपावाले लालू व पिछड़ों के राज को जंगलराज कहते थे. अब जब राजद, जदयू और जनता परिवार के अन्य दल मिल गये हैं, तो जंगलराज पार्ट टू कह रहे है. भाजपा के अंदर धुकधुकी समा गयी है.
वे लोग घबरा गये हैं. लोकसभा चुनाव के समय कहा जाने लगा कि चाय बेचनेवाले का बेटा प्रधानमंत्री बनेगा. किसी ने नरेंद्र मोदी को चाय बेचते हुए देखा था क्या? यह आरएसएस ने प्रचार किया. कहा गया कि अच्छे दिन आयेंगे, काला धन आयेगा. जड़ी-बूटी बेचनेवाले रामदेव बाबा भी कहते थे कि भाजपा की सरकार बनीं, तो एक महीने में काला धन आयेगा. एक साल हो गया, कहां गया काला धन? लड़का-लड़की सबने टीवी पर देखा और कहा कि मम्मी-पापाजी अबकी बार मोदी सरकार. काल धन आयेगा, तो घर के एक-एक सदस्य को करीब 15 लाख रुपये मिलेंगे. काम करने की जरूरत ही नहीं. दो करोड़ लोगों को नौकरी देने की बात हुई, लेकिन नौकरी देनी तो दूर, छंटनी हो रही है. अब उनके लोग उसे जुमला कह रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमने पिछड़ों की हक की बात की, गाय चरानेवालों, कपड़ा धोनेवालों पढ़ना-लिखना सीखो, यह कहना अपराध है. सामाजिक न्याय की बात करना ही मेरा अपराध था. भाजपा के नेता लालकृष्ण आडवाणी के रथ को हमने रोका था और दंगा नहीं होने दिया था. तावा पर रोटी एक तरफ जल रही है, हमने ही उसे पलटने का काम किया था, यही मेरा कसूर था. भगवान बुद्ध ने शिक्षा दी है कि बुद्धिमान बनो, चतुर बनो, अपनी एकता-संगठन को मजबूत करो. राजनीति में प्रजापति समुदाय को प्रतिनिधित्व देना पड़ेगा और इस समाज को भी इसे लेना पड़ेगा. जो प्रतिनिधत्व देगा, उसी के साथ जायेंगे, यह कहना वसूलवाले इनसान की निशानी नहीं है.
यह तो हमारे भाई रामविलास पासवान की निशानी है. वे मौसम वैज्ञानिक हैं और कहते हैं कि जो उन्हें, उनके भाई, बेटे को साथ में रखेगा, वे उसके साथ रहेंगे. लालू मर जायेगा, लेकिन वसूल से डिगनेवाला नहीं है. प्रजापति समाज के पास वोट है. उन्हें सरकार बनानी है, तो वे किसी से क्यों मांगते हैं? जिस प्रकार मिट्टी का इस्तेमाल वे कोई आकार बनाने में करते हैं, उसमें अगर कंकड़ होता है, उसे निकाल फेंकते हैं, उसी प्रकार भाजपा रूपी कंकड़ को भी निकाल फेंकें. लालू प्रसाद ने कहा कि आज किसी भी जाति का पिछड़ा तबका मेन स्ट्रीम में नहीं है. उसके लिए अलग से टोला है. इसलिए प्रजापति (कुम्हार) समाज को अपना पैतृक काम नहीं छोड़ना है. पढ़ाई- लिखाई करनी है. एमएलए-एमएलसी कोई बड़ी बात नहीं है.