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अवैध घोषित 8वें तल्ले पर बन रहा था थियेटर

पटना: डाकबंगला चौराहा पर गणपति डेवलपर्स व मेरिडियन कंस्ट्रक्शन द्वारा बनाये जा रहे शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के अवैध घोषित आठवें तल्ले पर बगैर स्वीकृति थियेटर बनाया जा रहा था. इसका खुलासा नगर आयुक्त कोर्ट के दिये गये आदेश में हुआ है. यही नहीं, बिल्डर ने शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की क्षमता का आकलन करते हुए पार्किग की पर्याप्त […]

पटना: डाकबंगला चौराहा पर गणपति डेवलपर्स व मेरिडियन कंस्ट्रक्शन द्वारा बनाये जा रहे शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के अवैध घोषित आठवें तल्ले पर बगैर स्वीकृति थियेटर बनाया जा रहा था. इसका खुलासा नगर आयुक्त कोर्ट के दिये गये आदेश में हुआ है. यही नहीं, बिल्डर ने शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की क्षमता का आकलन करते हुए पार्किग की पर्याप्त जगह भी नहीं छोड़ी. नक्शे में पार्किग के लिए चिह्न्ति जगह पर अधिक कमाई के लिए दुकानें बना ली गयीं. इसको ध्यान में रखते हुए ही आयुक्त कोर्ट ने बेसमेंट के कई हिस्सों को तोड़ कर विवाद निबटारे तक उसे यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया था.
टाइटल डिस्प्यूट छिपा गलत तरीके से पास कराया नक्शा बिल्डिंग बाइलॉज के प्रावधानों के मुताबिक नक्शे की स्वीकृति के लिए आवेदन के साथ आइ-बांड और किसी भी न्यायालय में वाद न चलने संबंधित शपथ पत्र देना आवश्यक होता है, लेकिन बिल्डर ने इसे छुपाते हुए नक्शा पास कराया. तत्कालीन नगर आयुक्त द्वारा नक्शे को रद्द किये जाने का एक आधार यह भी रहा.
वास्तुविद पर एफआइआर दर्ज करने का हुआ था आदेश
बिल्डिंग के नक्शे में हेरफेर किये जाने को लेकर नगर आयुक्त कोर्ट ने वास्तुविद रमण कुमार पर एफआइआर करने का आदेश दिया था. निबंधित वास्तुविद रमण कुमार ने बिना अधिकार के स्वीकृत नक्शा में फेरबदल करते हुए 2012 में उसे बी प्लस जी प्लस आठ कर दिया. इसी में वास्तुविद द्वारा अवैध रूप से स्वीकृत आठवें तल्ले पर थियेटर का प्रावधान स्वीकृत किया गया. इसमें शॉपिंग-मल्टीप्लेक्स संबंधित किसी भी बिल्डिंग बाइलॉज का ख्याल नहीं रखा गया. साजिश कर गलत तरीके से नक्शा पास कराने पर रमण कुमार पर प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया गया था.
जांच टीम गठन महज खानापूर्ति
इधर, नगर आयुक्त जय सिंह ने एक बार फिर से अवैध भवनों की जांच को लेकर प्रमंडलवार चार जांच दलों का गठन किया है. यह जांच दल बिल्डिंग बाइलॉज उल्लंघन से संबंधित प्राप्त आवेदनों की जांच करेंगे तथा अगले दिन रिपोर्ट आयुक्त को उपलब्ध करायेंगे. आयुक्त ने जांच टीम को नागरिकों से मिलने वाली शिकायतों का रजिस्टर मेंटेन करने तथा उसे उसी क्रमवार जांच करने का निर्देश भी दिया है. हालांकि यह पूरी जांच टीम सिर्फ नये बन रहे अवैध भवनों पर ही नजर रखेगी. आयुक्त कोर्ट द्वारा फैसला सुनाये गये केस में उल्लंघन करनेवाली बिल्डिंगों की जांच करने तथा उन पर कार्रवाई को लेकर आयुक्त ने अलग से कोई आदेश जारी नहीं किया है. ऐसे में निगम अब भी कानून का उल्लंघन करनेवाले बिल्डरों पर कार्रवाई को लेकर गंभीर नहीं है.

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