पेट्रोल पंप के सामने मेरिडियन कंस्ट्रक्शन व गणपति डेवलपर्स द्वारा बनाये गये शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के अवैध हिस्से को नगर आयुक्त कोर्ट ने पिछले साल अगस्त में ही तोड़ने का आदेश दिया था, लेकिन इन आठ महीने में टूटना,तो दूर अंदर ही इसका निर्माण कंपलीट कर लिया गया है. तत्कालीन नगर आयुक्त कुलदीप नारायण के हटने के बाद अब खुले आम इसकी फिनिशिंग चल रही है. फिलहाल इससे जुड़ा मामला ट्रिब्यूनल कोर्ट में लंबित है.
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कोर्ट का आदेश तोड़ कर बनायी बिल्डिंग
पटना: नगर निगम में निजाम बदलते ही बिल्डरों का मूड भी बदल गया है. निगरानीवाद के खौफ के कारण जिन अवैध भवनों का निर्माण कार्य कल तक बंद था, उनमें एक बार फिर से तेजी आ गयी है. इसकी बानगी डाकबंगला चौराहा पर देखी जा सकती है. पेट्रोल पंप के सामने मेरिडियन कंस्ट्रक्शन व गणपति […]
पटना: नगर निगम में निजाम बदलते ही बिल्डरों का मूड भी बदल गया है. निगरानीवाद के खौफ के कारण जिन अवैध भवनों का निर्माण कार्य कल तक बंद था, उनमें एक बार फिर से तेजी आ गयी है. इसकी बानगी डाकबंगला चौराहा पर देखी जा सकती है.
ऊपर के दो तल्ले हैं अवैध
विवादित भूखंड पर मेरिडियन कंस्ट्रक्शन प्रा लि द्वारा बी प्लस जी प्लस आठ फ्लोर का शॉपिंग मॉल बनाया जा रहा है. निगम अभियंताओं की टीम को जांच में कई अनियमितताएं मिली थी, जिस पर दिसंबर 2013 में निगरानी वाद (संख्या 200ए/13) दर्ज किया गया. केस पर छह अगस्त 2014 को फैसला देते हुए तत्कालीन नगर आयुक्त कुलदीप नारायण की अदालत ने इसे विवादित भूखंड बताया था. इसका नक्शा भी अवैध करार दिया गया. बिल्डर पर 10 लाख रुपये का आर्थिक दंड लगाया गया. बिल्डिंग में दो ऊपरी फ्लोर और ग्राउंड फ्लोर के विचलन को 30 दिनों में तोड़ने का आदेश भी दिया गया था.
नगर आयुक्त कोर्ट का निर्णय आने के बाद बिल्डर इस मामले को ट्रिब्यूनल में ले गये. ट्रिब्यूनल में यह मामला अब भी लंबित है. बावजूद शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण धड़ल्ले से हो रहा है. जिस वक्त इस पर रोक लगी. उस वक्त सिर्फ बिल्डिंग का स्ट्रक्चर ही खड़ा था, लेकिन धीरे-धीरे अंदर ही अंदर इसका निर्माण करा लिया. तत्कालीन नगर आयुक्त के रहते निर्माण कार्य परदे में चल रहा था,लेकिन अब परदा हटा कर खुले आम फिनिशिंग टच दिया जा रहा है. इस बीच नगर निगम ने बिल्डर पर कोतवाली थाने में दो एफआइआर भी करायी है.
तत्कालीन नगर आयुक्त ने अपने निर्णय में इस बिल्डर को आद्यतन नियम तोड़ने का दोषी करार दिया था. इसी बिल्डर ने एयरपोर्ट ऑथोरिटी से एनओसी लिये बिना एयरपोर्ट कैंपस के किनारे रेड जोन एरिया में जी प्लस चार फ्लोर भवन बनाया था. डीएम के आदेश पर निगम ने जांच कर इस पर रोक लगायी थी.
मिली थीं कई अनियमितताएं
बिल्डर ने 2008 में बी प्लस जी प्लस छह फ्लोर का नक्शा पास कराया. फिर 2012 में वास्तुविद् रमण कुमार से पुनरीक्षित नक्शा पारित कराया, जबकि रमण कुमार को नक्शा पारित करने का अधिकार नहीं था. साथ ही मॉल में कारपेट एरिया के अनुसार चार हजार वर्ग मीटर का पार्किग एरिया होना चाहिए जबकि बिल्डर ने सिर्फ चार सौ वर्ग मीटर पार्किग की जगह छोड़ी. इस पर नगर आयुक्त ने अवैध ऊपरी हिस्सा तोड़ने के साथ-साथ ग्राउंड फ्लोर पर बनाये गये अवैध निर्माण को तोड़ने का आदेश दिया. साथ ही बिल्डर से कहा गया कि कोर्ट के निर्णय आने तक निर्माण कार्य नहीं करना है.
जांच के लिए फिर गठित होगी अभियंताओं की टीम
नगर आयुक्त जय सिंह ने कहा कि अवैध भवनों की जांच को लेकर अभियंताओं की टीम फिर से बनेगी. निगम में अभियंताओं की कमी है. पहले पथ निर्माण व जल संसाधन विभाग से 30-32 इंजीनियरों को प्रतिनियुक्ति पर लेकर जांच करायी जा रही थी. उसे फिर से गठित करने के लिए पत्र लिखा जायेगा. नयी टीम अवैध भवनों को चिह्न्ति करने के साथ ही निगरानीवाद के मामलों पर भी निगाह रखेगी.
अवैध निर्माण पर रोक के लिए आयुक्त ने भेजा पत्र
हाइकोर्ट के निर्देश के आलोक में अवैध निर्माण के खिलाफ निगरानीवाद दर्ज करते हुए निर्माण कार्य पर रोक लगायी गयी. भवनों की सूची संबंधित थानाध्यक्षों को भी उपलब्ध करायी गयी,लेकिन थानाध्यक्ष नोटिस का संज्ञान नहीं ले रहे हैं. इस संबंध में नगर आयुक्त ने गुरुवार को एसएसपी को पत्र लिखा है. एसएसपी से अनुरोध किया गया है कि अपने स्तर से सभी संबंधित थानाध्यक्ष को निर्देशित करे, ताकि अवैध भवन निर्माण पर रोक लग सके.
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