संवाददाता,पटनाखाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक ने भाजपा को नसीहत दी है कि वह सांप्रदायिक व्यक्तियों की तुलना महापुरुषों से न करे. इससे महापुरुषों के सम्मान को ठेस पहुंचती है. उन्होंने कहा कि आरएसएस के जनक केशव बलिराम हेडगेवार की तुलना संविधान निर्माता डा भीम राव अंबेडकर से करने की भूल न करे. दोनों की विचार धारा अलग-अलग रही है. डा हेडगेवार का जीवन संघ व सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने, कट्टरपंथी संगठन को बतबूत करने में में गुजरा तो बाबा साहेब का जीवन देश् केा संविधान, दलित, पिछड़े, दबे-कुचलों के बीच गुजरा. दोनों का विचार व सोच भिन्न-भिन्न है. उन्होंने कहा कि अंतिम पायदान पर खड़े समाज के दबे, कुचले, दलित, पीडि़त व उपेक्षित व्यक्तियों के लिए सांप्रदायिक शक्तियों से लड़ने के लिए ही डा अंबेडकर को बौद्ध धर्म अपनाना पड़ा था. भाजपा कार्यकर्ता समागत में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास जो मूत्र त्याग का दूश्य भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा दर्शाया गया उससे साबित होता है कि भाजपा महापुरुषों को सिर्फ अपमानित करने का काम करती है. ऐसे लोग महापुरुषों के नाम पर दंगा-फसाद करा सकते हैं, महापुरुषों के प्रति सम्मान का भाव नहीं अपना सकते.
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भाजपा सांप्रदायिक व्यक्तियों की तुलना महापुरुषों से न करे : श्याम
संवाददाता,पटनाखाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक ने भाजपा को नसीहत दी है कि वह सांप्रदायिक व्यक्तियों की तुलना महापुरुषों से न करे. इससे महापुरुषों के सम्मान को ठेस पहुंचती है. उन्होंने कहा कि आरएसएस के जनक केशव बलिराम हेडगेवार की तुलना संविधान निर्माता डा भीम राव अंबेडकर से करने की भूल न करे. दोनों […]
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