15 बोक 93 – परिणय सूत्र में बंधे सोनाली व मिथिलेश परिजनों के साथ जैनामोड़. महिलाओं के लिए संघर्ष की मिसाल बनी सोनाली मुखर्जी बुधवार को वैवाहिक बंधन में बंध गयी. कसमार प्रखंड के धधकिया की रहने वाली सोनाली (पिता चंडीदास मुखर्जी) ने चास निबंधन कार्यालय में पश्चिम सिंहभूम निवासी चितरंजन तिवारी के साथ शादी की है. चितरंजन ओडि़शा में बतौर अभियंता कार्यरत हैं. उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल, 2003 को धनबाद में तेजाब हमले में सोनाली मुखर्जी के शरीर का 70 फीसदी हिस्सा जल गया था. इतना कुछ झेलने के बाद भी वह न्याय की लड़ाई लड़ती रही और अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा भी बनी. चास न्यायालय में हुई शादी के गवाह सोनाली के माता-पिता व भाई बने. फेसबुक पर दोस्ती, फिर शादी : आठ माह पूर्व पश्चिम सिंहभूम के युवक चितरंजन तिवारी ने फेसबुक पर तेजाब पीडि़ता सोनाली मुखर्जी से दोस्ती का हाथ बढ़ाया. फिर चार माह बाद सोनाली ने उसे अपना जीवनसाथी बनाने का प्रस्ताव रखा. चितरंजन ने भी शादी के लिए हामी भर दी. चितरंजन मेरे भगवान : सोनाली सोनाली ने कहा कि मेरे पति चितरंजन मेरे लिए भगवान समान हैं. उन्होंने मुझे नयी दुनिया दी है. वहीं चितरंजन ने कहा कि सोनाली हर किसी के लिए प्रेरणास्रोत है. इसे अपना जीवनसाथी बना कर मुझे गर्व है.
विवाह बंधन में बंधी सोनाली मुखर्जी
15 बोक 93 – परिणय सूत्र में बंधे सोनाली व मिथिलेश परिजनों के साथ जैनामोड़. महिलाओं के लिए संघर्ष की मिसाल बनी सोनाली मुखर्जी बुधवार को वैवाहिक बंधन में बंध गयी. कसमार प्रखंड के धधकिया की रहने वाली सोनाली (पिता चंडीदास मुखर्जी) ने चास निबंधन कार्यालय में पश्चिम सिंहभूम निवासी चितरंजन तिवारी के साथ शादी […]
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