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यहां एचआइवी किट नहीं, दूसरे अस्पताल जाओ

पटना: स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी अस्पतालों में परिवार नियोजन व प्रसव कराने का दिशा-निर्देश दिया गया है. इसके लिए अनुमंडल से लेकर एपीएचसी तक लाखों रुपये खर्च किये गये. लेकिन, इन अस्पतालों में प्रसव व परिवार नियोजन के लिए आये महिलाओं के लिए परिसर में एचआइवी किट तक नहीं उपलब्ध हैं. ऐसे में […]

पटना: स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी अस्पतालों में परिवार नियोजन व प्रसव कराने का दिशा-निर्देश दिया गया है. इसके लिए अनुमंडल से लेकर एपीएचसी तक लाखों रुपये खर्च किये गये. लेकिन, इन अस्पतालों में प्रसव व परिवार नियोजन के लिए आये महिलाओं के लिए परिसर में एचआइवी किट तक नहीं उपलब्ध हैं. ऐसे में चिकित्सकों को किट बाहर से मंगवाना पड़ता है. अस्पताल प्रभारियों के मुताबिक एचआइवी किट नहीं आता है, जिसके कारण परिवार नियोजन में दिक्कत आती है और इस कारण से सभी को पीएमसीएच या आरएमआइ रेफर करते हैं.
प्रभारी नहीं देते जिला स्वास्थ्य समिति को किट की जानकारी
प्रसव ठीक से हो और डिलेवरी के लिए पीएचसी पहुंची महिलाओं को किट नहीं होने के कारण दूसरे अस्पतालों में भेज दिया जाता है, जब इस बाबत जिला स्वास्थ्य समिति के अधिकारियों से बात की गयी, तो उनका कहना था कि किट नहीं होने की सूचना हमारे पास नहीं आती है. इस कारण से हमें मालूम नहीं है कि जांच कैसे हो रहा है. दूसरी ओर वहां के पदाधिकारियों को स्टोर में किट है कि नहीं इसकी जानकारी उनके पास भी नहीं हैं.
शहरी अस्पतालों में नहीं है जांच की सुविधा
पटना जिला के अस्पतालों में पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी जांच की सुविधा नहीं हैं. मरीजों को जांच के लिए बाहर जाना पड़ता है. कुछ अस्पतालों में लगाये गये ऑटो एनालाइजर ठीक से काम नहीं करता है. ऐसे में मरीजों को बाहर जाना पड़ता है. दूसरी ओर कुछ जांच की व्यवस्था पीपीपी मोड में कराया भी गया है. लेकिन, उसका फायदा भी मरीजों को नहीं मिल रहा है. इस कारण से एचआइवी जांच के लिए मरीजों को बाहर जाना पड़ता है.
पूर्व के निदेशक ने लोकल खरीद कर कुछ किट मंगवाया था. लेकिन, अब एक भी किट नहीं बचा हुआ है. ऐसे हमलोगों को किट समय पर नहीं मिल पाता है. ऐसे में गर्भवती महिलाओं को जांच के लिए बाहर भेजना पड़ता है.
डॉ मनोज कुमार सिन्हा, अधीक्षक न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल
जिन अस्पतालों में आइसीटीसी केंद्र होगा, हम उन्हीं अस्पतालों में किट देंगे, अगर बाकी एपीएचसी पर अगर सरकार डिलेवरी करा रही है, तो उनका काम है कि वह लोकल खरीद कर उन अस्पतालों में एचआइवी किट दें. यह उनका काम है.
डॉ सोने लाल अकेला, अपर परियोजना निदेशक, एड्स कंट्रोल सोसाइटी
एचआइवी किट देने की जिम्मेवारी स्वास्थ्य समिति की है. लेकिन, जब तक पीएचसी प्रभारी बतायेंगे नहीं हमको मालूम कैसे चलेगा कि वहां क्या कमी है. एचआइवी किट को लेकर सभी अस्पतालों के प्रभारियों को पत्र लिखा गया है कि वह बताये कि उन्होंने किट खत्म होने की जानकारी जिला स्वास्थ्य समिति को क्यों नहीं दी है. बहुत जल्द सभी अस्पतालों में किट उपलब्ध करा दी जायेगी.
डॉ सरोज सिंह, एसीएमओ

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