मैं इसकी जानकारी प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को दूंगा. उन्होंने सफाई कर्मचारियों से भी बात की और सभी महत्वपूर्ण जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ नगर निगम के अधिकारियों से कई सवाल किये. असंतुष्ट होने पर ङिाड़की भी लगायी. उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारी नहीं स्वास्थ्य सैनिक कहिए. प्रधानमंत्री मोदी जी का यह निर्देश है.
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भेड़-बकरी का जीवन जी रहे सफाई कर्मी
पटना: पटना शहर की जनसंख्या कितनी है? सर 22 लाख. सफाई कर्मचारी कितने हैं? 3500 हैं सर. अरे यह क्या अनुपात है? इस शहर की कैसी व्यवस्था है? एक सफाई कर्मचारी दस-बीस लोगों के बराबर काम कर रहा है. यह तो भेड़-बकरी जैसा काम करना हुआ. बंधुआ मजदूरी जैसे हालात है. यह संवाद राष्ट्रीय सफाई […]
पटना: पटना शहर की जनसंख्या कितनी है? सर 22 लाख. सफाई कर्मचारी कितने हैं? 3500 हैं सर. अरे यह क्या अनुपात है? इस शहर की कैसी व्यवस्था है? एक सफाई कर्मचारी दस-बीस लोगों के बराबर काम कर रहा है. यह तो भेड़-बकरी जैसा काम करना हुआ. बंधुआ मजदूरी जैसे हालात है.
यह संवाद राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य विजय कुमार और नूतन राजधानी अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी विशाल आनंद के बीच हुई. सर्किट हाउस में सफाई कर्मचारियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के दौरान जब विजय कुमार ने दो हजार सफाई कर्मचारियों के रिक्त पड़े पद के आंकड़ों को देखा,तो हैरत जताया और कहा कि पटना के हालात बदतर हैं.
हर रविवार को लगाएं कैंप
नगर निगम को निर्देश दिया गया कि वे सफाई कर्मचारियों के लिए हर रविवार को सरकारी योजनाओं की जानकारी कैंप लगा कर दें. उन्होंने नगर निगम को इस बात के लिए भी लपेटा क्योंकि मृत कर्मचारियों के परिजनों की बहाली अनुकंपा के आधार पर भी नहीं हुई है. मौके पर सिविल सजर्न, जिला कल्याण और सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी उपस्थित थे.
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