प्रत्येक दिन लगभग 600 से 800 मेगावाट बिजली की क्षति होती है, जबकि राज्य में 1800 से 2000 मेगावाट सामान्य परिस्थिति और 2400 से 2500 मेगावाट बिजली में पीक आवर में आपूर्ति हो रही है. जानकारों का कहना है कि ट्रांसमिशन लॉस लगभग पांच फीसदी होता है, जबकि वितरण में बिजली क्षति अधिक होती है. रेगुलेटरी कमीशन ने बिजली कंपनी को बिजली क्षति को कम करने का टास्क दिया है. यदि कंपनी टास्क को पूरा करे तो बिजली क्षति 20 फीसदी तक कम की जा सकती है.
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गुड न्यूज: बिजली क्षति रोकेगी सरकार, ट्रांसमिशन लाइन किये जायेंगे दुरुस्त, प्रतिदिन तीन करोड़ की बचत
पटना: बिजली कंपनी अगर बिजली क्षति को कम करने में सफल हो जाये, तो लगभग तीन करोड़ की राशि की प्रतिदिन बचत की जा सकती है, क्योंकि सालाना एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की बिजली क्षति होती है. इस राजस्व गैप की भरपाई के लिए बिजली कंपनी बिजली टैरिफ में वृद्धि करने का प्रस्ताव […]
पटना: बिजली कंपनी अगर बिजली क्षति को कम करने में सफल हो जाये, तो लगभग तीन करोड़ की राशि की प्रतिदिन बचत की जा सकती है, क्योंकि सालाना एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की बिजली क्षति होती है. इस राजस्व गैप की भरपाई के लिए बिजली कंपनी बिजली टैरिफ में वृद्धि करने का प्रस्ताव देती है. राज्य सरकार से मिलने वाले रिसोर्स गैप में लगभग 1200 करोड़ रुपये सालाना क्षति के रूप में समायोजित होता है.
35 फीसदी की क्षति का अनुमान : बिजली क्षति को कम करने पर जोर देने का बिजली कंपनी ने निर्णय लिया है. इसके लिए अब योजना बना कर काम करने की तैयारी शुरू कर दी गयी है. हालांकि चालू वित्तीय वर्ष में बिजली कंपनी ने लगभग 35 फीसदी बिजली क्षति का अनुमान लगाया है. रेगुलेटरी कमीशन ने संचरण व आपूर्ति लॉस को कम करने के लिए कहा है, ताकि बिजली क्षति का भार उपभोक्ताओं पर नहीं पड़े. बिजली की बरबादी नहीं हो, इसके लिए ट्रांसमिशन लाइन को दुरुस्त करने के साथ ग्रिड सब स्टेशन का निर्माण हो रहा है. बिजली चोरी पर रोकथाम के लिए विशेष दल गठित कर छापेमारी अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है.
योजना पर हो रहा काम : ट्रांसमिशन लाइन को दुरुस्त कर नये ग्रिड सब स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है. हाल ही में 132 केवी के 348 किलोमीटर व 132 केवी के 242 किलोमीटर तक बदले गये ट्रांसमिशन लाइन का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किया गया. ट्रांसमिशन लाइन क्षमता को बढ़ाने के लिए 132 व 220 केवी के 1361 किलोमीटर नये ट्रांसमिशन लाइन का शिलान्यास किया गया. इसके तहत 43 नये ग्रिड सब स्टेशन का निर्माण होगा. इससे बिजली आपूर्ति व्यवस्था में जहां सुधार होगी, वहीं बिजली क्षति कम होगी.
20 फीसदी कम करने का टास्क : रेगुलेटरी कमीशन ने बिजली कंपनी को बिजली क्षति को 20 फीसदी कम करने का टास्क दिया है. कमीशन ने वितरण नेटवर्क के सुदृढ़ीकरण, कंडक्टर्स का रिप्लेसमेंट, शत-प्रतिशत मीटर लगाने, सही बिल देने, बिल वसूली, खराब ट्रांसफॉर्मर, जजर्र तार बदलने का सुझाव दिया है. कमीशन का मानना है कि इससे 116 करोड़ रुपये की साधारण क्षति की भरपाई होगी. चालू वित्तीय वर्ष में बिजली कंपनी के 113 करोड़ राजस्व गैप की भरपाई के लिए कमीशन ने 2.5 फीसदी बिजली टैरिफ में वृद्धि की है.
सबको बिल देने का लक्ष्य
पावर सब स्टेशन, डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर में मीटर लगाये जायेंगे. इससे जानकारी मिलेगी कि किस इलाके में कितनी बिजली खपत हो रही है, खपत के अनुसार बिजली बिल की वसूली हो रही है या नहीं. छूटे हुए उपभोक्ताओं के घर पर मीटर लगाने काम तेजी से करने का निर्णय लिया गया है. बिजली कंपनी द्वारा 23342 घरों में मीटर बदलने का काम किया. राज्य में लगभग 54 लाख बिजली उपभोक्ता हैं. सभी उपभोक्ताओं को बिजली बिल मिले, इसका प्रयास किया जा रहा है. उपभोक्ताओं को मिलनेवाले बिजली बिल की शत-प्रतिशत वसूली को लेकर भी अभियंताओं को निर्देश दिया गया है. बकायेदार बिजली उपभोक्ता के कनेक्शन काटने की कार्रवाई होगी. बिजली चोरी रोकने के लिए विशेष दल का गठन कर छापेमारी अभियान चलेगा. खराब मीटर को बदल कर नया लगाया जायेगा.
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