सीएम ने कहा कि विशेष अभियान के जरिये 14 जिलों को कवर करना है,लेकिन हमारा मानना है कि जिन जिलों में 80 प्रतिशत तक टीकाकरण के बाद भी कुछ ब्लॉक के बच्चे टीकाकरण अभियान से वंचित रह गये हैं. इसलिए जरूरी है कि ब्लॉक स्तर पर काम किया जाये और इसकी मॉनीटरिंग डीएम हर सप्ताह करें. नीतीश ने कहा कि मिशन मानव विकास पिछले दो वर्षो से चल रहा है. नियमित टीकाकरण इसी का एक अंग है. अगर हम टीकाकरण अभियान में सफलता पा लें ,तो जापानी बुखार जैसी बीमारियों का खतरा कम हो जायेगा. जापानी बुखार के दौरान शोधकर्ताओं ने कई बातों पर चर्चा की, जिनमें एक बात जो अभी तक सबसे अच्छी है कि अगर सभी बच्चों का टीकाकरण करा दिया जाये, तो बीमारी पर काफी हद तक अंकुश लगेगा.
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टीकाकरण से ‘ जेइ ’ पर लगेगी रोक: नीतीश
पटना: बिहार टीकाकरण के मामले में अब राष्ट्रीय औसत से आगे है,लेकिन कुछ जिलों में टीकाकरण का प्रतिशत अब भी कम है. इसे सामान्य करने के लिए पल्स पोलियो अभियान की तरह काम करने की जरूरत है. हमारा लक्ष्य है कि बिहार 2017 तक देश के पांच बड़े राज्यों में शामिल हो. टीकाकरण पर खर्च […]
पटना: बिहार टीकाकरण के मामले में अब राष्ट्रीय औसत से आगे है,लेकिन कुछ जिलों में टीकाकरण का प्रतिशत अब भी कम है. इसे सामान्य करने के लिए पल्स पोलियो अभियान की तरह काम करने की जरूरत है. हमारा लक्ष्य है कि बिहार 2017 तक देश के पांच बड़े राज्यों में शामिल हो. टीकाकरण पर खर्च होने वाली राशि का वहन राज्य सरकार करेगी. ये बातें मंगलवार को मिशन इंद्रधनुष योजना का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहीं.
स्वास्थ्य क्षेत्र में व्यवस्था को ठीक कर दिया जाये और बिहार के हर जिले में नियमित टीकाकरण होने लगे, तो अधिकतर बीमारियां खुद खत्म हो जायेंगी. मिशन इंद्रधनुष के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मुख्यमंत्री ने पत्रिका, विज्ञापन, पोस्टर एवं लोगों का विमोचन किया. एक बच्च जिसका कभी टीकाकरण नहीं हुआ था, उसके टीकाकरण से अभियान की शुरुआत की गयी. मौके पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डीएस गंगवार,मुख्यमंत्री के सचिव चंचल कुमार, अपर कार्यपालक निदेशक राहुल कुमार, यूनिसेफ की ओर से यामिन मजूमदार, एम्स पटना के निदेशक डॉ जीके सिंह, डॉयरेक्टर इन चीफ डॉ आरडीरंजन, स्वास्थ्य विभाग के उप सचिव अनिल कुमार, स्वास्थ्य समिति के प्रशासी पदाधिकारी रजनीश कुमार, पटना सिविल सजर्न डॉ केके मिश्र, एसीएमओ डॉ सरोज सिंह व भासा अध्यक्ष डॉ अजय कुमार आदि थे.
सात बीमारियों पर होगा प्रहार
स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह ने कहा कि अभियान का नाम मिशन इंद्रधनुष इस कारण से रखा गया है कि इंद्रधनुष में सात रंग होते हैं और सात बीमारियां (टीबी, पोलियो, गलघोटू, काली खांसी, टेटनस, हेपेटाइटिस बी एवं खसरा)से बचाव के टीके हैं. उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान दो साल तक के बच्चे एवं गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण होगा. छुटा बच्च सत्र स्थल पर आता है, तो उसे भी टीका दिया जायेगा.
पांच सालों में संपूर्ण टीकाकरण का लक्ष्य
प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्र ने कहा कि विशेष अभियान के माध्यम से पांच वर्षो में 90 फीसदी बच्चों का संपूर्ण टीकाकरण के विस्तार पर केंद्रित हैं. मिशन इंद्रधनुष के माध्यम से सभी बच्चों को टीका देना है ताकि इन बच्चों को टीबी,गलघोटू,काली खांसी, टेटनस, हेपेटाइटिस बी, हीमोफीलिया इन्फ्लुएंजा टाइप बी, खसरा एवं जापानी बुखार जैसी जानलेवा विकलांगता पैदा करने वाली बीमारियों से बचाया जा सके.
एम्स में कुछ शोध कराएं, 22 विभागों से नहीं चलेगा काम
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एम्स पटना के निदेशक डॉ जीके सिंह से कहा कि एम्स एक शोध संस्थान है. इसलिए आप भी जेइ को लेकर शोध कर रहे होंगे और करना भी चाहिए, लेकिन एम्स का बोर्ड लगाने से काम नहीं चलेगा. आज भी गांव में रहने वाले लोग अपने एमपी को पकड़ कर उनसे पैड पर लिखवाते हैं कि एम्स में दिखाना है. परंपरा काफी समय से चली आ रही है. अब एम्स पटना में है. इस परंपरा को तोड़े और महज 22 विभाग से एम्स थोड़े ही चलेगा. विभाग को भी बढ़ाये ताकि सूबे के लोग दिल्ली एम्स नहीं पटना में इलाज के लिए पहुंचे.
पहले चरण में टीकाकरण के लिए चयनित जिले
पहले चरण में वैसे जिलों को चिह्न्ति किया गया है, जिनमें देश के कुल टीका रहित या आंशिक रूप से प्रतिरक्षित बच्चों में लगभग 50 प्रतिशत बच्चे रहते हैं. इनमें बिहार के 14 जिले अररिया, किशनगंज, कटिहार, सहरसा, दरभंगा, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मोतिहारी, बेतिया, पटना, गया, जमुई एवं बेगूसराय हैं.
ऐसे हो रहा काम
आशा एवं आंगनबाड़ी बहनें घर-घर कर रहीं सर्वेक्षण
टीकाकरण ड्यू लिस्ट सह लाभार्थी सूची हो रही अद्यतन
विशेष मोबाइल दल द्वारा बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण
कोल्ड चेन मैनेजमेंट को बेहतर करने का प्रयास
आइसीडीएस एवं शिक्षा विभाग के साथ समन्वय
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