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10वीं के सर्टिफिकेट में सुधार के लिए 10 चक्कर

पटना: मैट्रिक के सर्टिफिकेट पर पिता का नाम गलत था. कई दिनों तक भाग-दौड़ के बाद पिता का नाम सही करवाया. इसके लिए 500 रुपये भी खर्च हुए. इसके बाद इंटर की परीक्षा दी. इंटर के एडमिट कार्ड में तो पिता का नाम सही था, लेकिन जब सर्टिफिकेट मिला, तो पिता का नाम ही चेंज […]

पटना: मैट्रिक के सर्टिफिकेट पर पिता का नाम गलत था. कई दिनों तक भाग-दौड़ के बाद पिता का नाम सही करवाया. इसके लिए 500 रुपये भी खर्च हुए. इसके बाद इंटर की परीक्षा दी. इंटर के एडमिट कार्ड में तो पिता का नाम सही था, लेकिन जब सर्टिफिकेट मिला, तो पिता का नाम ही चेंज कर दिया गया. अब जब पिता का नाम सही करवाने के लिए इंटर काउंसिल पहुंचा, तो काउंसिल वालों ने मैट्रिक विंग से लिखवा कर लाने का निर्देश दिया.

पिछले 10 दिनों से भागलपुर प्रमंडल संजय कुमार (रोल नंबर 0236 और रोल कोड 07160) इंटर काउंसिल का चक्कर लगा रहा है, लेकिन उसकी बातों को माना नहीं जा रहा है. 1988 बैच में मैट्रिक और 1988-90 सत्र में इंटरमीडिएट की परीक्षा संजय कुमार ने पास की है. अब जब सर्टिफिकेट निकलवाया तो पिता के नाम की गलती सामने आयी.

लाल किशोर शर्मा को कर दिया जनेश्वर सिंह
संजय कुमार ने बताया कि मैट्रिक के एडमिट कार्ड पर पिता का नाम लाल किशोर शर्मा था. लेकिन मैट्रिक के सर्टिफिकेट पर लाल किशोरे शर्मा हो गया. इसे काफी जद्दो जहद के बाद समिति से सही करवाया. जब इंटरमीडिएट का परीक्षा फॉर्म भरा तो एडमिट कार्ड में पिता का नाम लाल किशोर शर्मा ही था, लेकिन जब इंटरमीडिएट का सर्टिफिकेट मिला तो पिता का नाम जनेश्वर सिंह कर दिया गया. संजय कुमार ने बताया कि पिता के सही नाम को प्रूव करने के लिए मैंने मैट्रिक के सर्टिफिकेट के साथ इंटर का एडमिट कार्ड भी दिया है. इसके बाद भी इंटर काउंसिल इस बात को मानने को तैयार नहीं है. काउंसिल का कहना है कि मैट्रिक के सर्टिफिकेट पर जहां पिता का नाम है, उस पर समिति की मुहर लगी होने के कारण पिता का नाम दिखायी नहीं देता है. ऐसे में मैट्रिक शाखा से लिखा कर लायें कि पिता का नाम लाल किशोर शर्मा है.

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