संवाददाता, पटनाकितने छात्र डीएवी बीएसइबी में पढ़ते हैं, कितने छात्र का नामांकन हर साल डीएवी बीएसइबी में लिया जाता है, क्लास वन से 12वीं तक आते-आते सेक्शन में इतना अंतर कैसे हो जाता है, 11वीं में 32 सेक्शन के स्टूडेंट्स कहां हैं, अटेंडेंस सीट और एडमिशन रजिस्टर में स्टूडेंट्स की संख्या में इतना अंतर क्यों है, 11 वीं में फेल छात्र 12वीं बोर्ड की परीक्षा में कैसे शामिल हुए, ये तमाम बातें अब भी अनसुलझी हुई हैं. इन्हीं सब सवालों को जानने के लिए 23 मार्च को जांच कमेटी बनायी गयी थी. कमेटी ने अपना काम भी किया, लेकिन उसे कई रेकॉर्ड नहीं मिले. इससे जांच में अड़चनें आ रही हैं. मालूम हो कि छात्रा के गायब व बरामद होने व डीएवी बीएसइबी में हेराफेरी की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनायी गयी है. कमेटी में डीएवी ओडि़शा जोन के प्राचार्य सह रीजनल डायरेक्टर डॉ केसी सत्यपती, रांची सह हजारीबाग के रीजनल डायरेक्टर सह प्रिंसिपल डॉ टी पी पाति और पटना डीएवी के सहायक रीजनल डायरेक्टर सह प्राचार्य इंद्रजीत राय शामिल हैं. जांच में स्कूल के एकाउंट से लेकर एकेडमिक, प्रशासनिक और इंटरनल डाटा आदि की जांच की जानी है. सूत्रों के अनुसार स्कूल संबंधी अधिकांश जानकारी जेल में बंद तीन शिक्षकों के पास है, लेकिन उनसे संपर्क नहीं होने के कारण जानकारी पूरी नहीं मिल पा रही है. स्कूल कैंपस में एक बंद कमरा है. इसकी चाबी स्कूल के पूर्व प्राचार्य रामानुज प्रसाद के पास है. इस कमरे को स्कूल प्रबंधन अब तक नहीं खोल पाया है. प्रभारी प्राचार्य इंद्रजीत राय ने बताया कि हमलोग लगे हुए हैं, जल्द ही सारी चीजें सामने आ जायेंगी. अभी जांच रिपोर्ट तैयार नहीं हो पायी है. अंतिम रिपोर्ट बाकी दो सदस्य करेंगे.
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कई रेकॅर्ड नहीं मिलने से जांच में आ रहीं अड़चनें
संवाददाता, पटनाकितने छात्र डीएवी बीएसइबी में पढ़ते हैं, कितने छात्र का नामांकन हर साल डीएवी बीएसइबी में लिया जाता है, क्लास वन से 12वीं तक आते-आते सेक्शन में इतना अंतर कैसे हो जाता है, 11वीं में 32 सेक्शन के स्टूडेंट्स कहां हैं, अटेंडेंस सीट और एडमिशन रजिस्टर में स्टूडेंट्स की संख्या में इतना अंतर क्यों […]
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