17.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रिजल्ट खोल रहा डीएवी की पोल

पटना : सेक्शन सी का छात्र मयंक को इंगलिश में जीरो अंक आया, वहीं सेक्शन आइ के उज्ज्वल कुमार को केमेस्ट्री में एक अंक आया और फिजिक्स व मैथ में 70 अंक आये. सेक्शन बी के छात्र धीरज को मैथेमेटिक्स विषय में पांच अंक दिये गये थे. यह स्थिति 85 छात्रों की है, जो डीएवी […]

पटना : सेक्शन सी का छात्र मयंक को इंगलिश में जीरो अंक आया, वहीं सेक्शन आइ के उज्ज्वल कुमार को केमेस्ट्री में एक अंक आया और फिजिक्स व मैथ में 70 अंक आये. सेक्शन बी के छात्र धीरज को मैथेमेटिक्स विषय में पांच अंक दिये गये थे. यह स्थिति 85 छात्रों की है, जो डीएवी बीएसइबी में 11वीं में फेल कर गये हैं.
इन छात्रों के लिए न तो स्कूल ने इन्हें अगले क्लास में प्रोमोट करने के लिए कंपार्टमेंटल परीक्षा ली गयी और न ही 12वीं के प्रेजेंटेशन रजिस्टर पर इनका नाम अंकित किया गया. लेकिन, जब 12वीं की बोर्ड परीक्षा हुई तो उसमें अधिकांश फेल छात्रों को शामिल करा दिया गया. इसी में सेक्शन जे में वह छात्र भी थी, जिसे 11वीं फेल कर दिया और 12वीं नाम शामिल नहीं किये जाने पर वह भाग गयी. फिर हेराफेरी का खुलासा हुआ.
सीबीएसइ के रिजल्ट मांगने पर फंस गया स्कूल
जानकारी के अनुसार 2014 में सीबीएसइ ने देश भर के स्कूलों से 11वीं का रिजल्ट भेजने को कहा. यह रिजल्ट ऑनलाइन हर स्कूल को भेजना था. ऐसे में डीएवी बीएसइबी की पोल सीबीएसइ के सामने पोल न खुले इस कारण 85 छात्रों को फेल कर दिया. इससे सेक्शन में छात्रों की संख्या को वैलेंस करने की कोशिश की गयी.
सूत्रों की मानें तो 11वीं में पास छात्रों के रिजल्ट भेज कर स्कूल ने खुद को बचा तो लिया, लेकिन जब 12वीं का परीक्षा फॉर्म भरने वाले छात्रों की एलओसी मांगी गयी, तो फिर स्कूल ने गलती कर डाली. स्कूल सूत्रों की मानें तो इसमें उन छात्रों के नाम भी गलती से चला गया, जो 11वीं में फेल की लिस्ट में शामिल थे. स्कूल ने 85 छात्रों को 11वीं में फेल तो कर दिया था, लेकिन इन्हें 12वीं बोर्ड दिलाने का प्रलोभन दिया जाता रहा. 12वीं की एलओसी में नाम जाने के बाद इन फेल छात्रों को परीक्षा फॉर्म भरवाया गया. इसके बाद एडमिट कार्ड भी आया. पैसे के लेन-देन में इनमें से लगभग 22 परीक्षार्थियों ने 12वीं बोर्ड की परीक्षा भी दे दी.
महज एक साल में कैसे हो गये पढ़ने में कमजोर
फेल छात्रों की जांच से यह भी खुलासा हुआ है कि 11वीं में फेल होने वाले अधिकांश छात्र बाहरी स्कूलों के हैं. वे स्कूल पटना के अलग-अलग इलाकों में हैं. ये छात्र अपने-अपने स्कूलों में 90 फीसदी से ऊपर अंक लाये हैं. उन्हें डीएवी बीएसइबी में नामांकन के लिए एंट्रेंस देना पड़ा है. उसके बाद उनका एडमिशन लिया गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि ये छात्र मात्र एक साल में पढ़ने में इतने कमजोर कैसे हो गये और 11वीं में फेल कर गये.
हर सेक्शन में 40 से अधिक छात्र
डीएवी बीएसइबी में पिछले साल 11वीं में 14 सेक्शन चल रहे थे. हर सेक्शन में 40 से अधिक छात्रों की संख्या थीं. किसी सेक्शन में 60 तो किसी सेक्शन में 70 के लगभग छात्रों का नामांकन लिया गया था. 11वीं में इनका रजिस्ट्रेशन तो कर लिया गया, लेकिन जब 12वीं की एलओसी (लिस्ट ऑफ कैंडिडेट्स) बनाने की बात आयी, तो सेक्शन वाइज छात्रों को कम किया गया. सूत्रों की मानें तो अधिकांश छात्रों को सेक्शन में इधर-उधर किया गया. कई को 11वीं में फेल कर दिया गया, ताकि वे स्कूल छोड़ कर चले जायें. सीबीएसइ के पास 12वीं की एलओसी में 40 छात्रों का ही नाम भेजा गया. लेकिन सेक्शन जे में फेल छात्र के 20 दिनों तक गायब होने के बाद धीरे-धीरे स्कूल की कारस्तानी उजागर होती चली गयी. पुलिस अनुसंधान में पता चला, मोटी रकम के लिए छात्रों को फेल करता था. इसके आरोप में तीन शिक्षकों को पहले ही जेल भेज दिया गया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें