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एसटीएफ का छापा: गये थे हथियार बरामद करने, हाथ लगा खजाना सूदखोरी का मुखिया
मोतिहारी: तुरकौलिया की शंकर सरैया उत्तरी पंचायत के करोड़पति मुखिया कृष्ण प्रसाद को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस को मुखिया के घर अवैध हथियार के साथ कुछ संदिग्ध लोगों के ठहरने की सूचना मिली थी, लेकिन जब छापेमारी शुरू हुई, तो मुखिया का राज खुला. वह सूद-ब्याज पर रुपये लगाने का काम करता था. इसका […]
मोतिहारी: तुरकौलिया की शंकर सरैया उत्तरी पंचायत के करोड़पति मुखिया कृष्ण प्रसाद को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस को मुखिया के घर अवैध हथियार के साथ कुछ संदिग्ध लोगों के ठहरने की सूचना मिली थी, लेकिन जब छापेमारी शुरू हुई, तो मुखिया का राज खुला. वह सूद-ब्याज पर रुपये लगाने का काम करता था. इसका उसने बड़ा नेटवर्क तैयार कर रखा था. सूद के एवज में मुखिया लोगों से बैंक पासबुक, एटीएम कार्ड आदि रख लेता था. मुखिया के पास से एक राइफल, एक रिवॉल्वर, 32 कारतूस, 52 एटीएम कार्ड, 175 पासबुक, 500 चेकबुक, चार पेंशनबुक, चार बही-खाता के अलावा एक लाख 58 हजार नकद मिला है.
जानकारी के मुताबिक, मुजफ्फरपुर एसटीएफ व मोतिहारी नगर थाने की पुलिस की टीम मुखिया के चांदमारी चौक स्थित आवास पर मंगलवार की सुबह सात बजे पहुंची. तलाशी के दौरान मुखिया के घर पर कोई बाहरी व्यक्ति तो नहीं मिला. मुखिया अपने परिवार के साथ था. इस दौरान पुलिस को एक राइफल व इटली की बनी रिवॉल्वर मिली. पूछताछ के दौरान मुखिया ने दोनों हथियारों को लाइसेंसी करार दिया. उनके लाइसेंस भी पुलिस टीम को दिखाये. लाइसेंस के मुताबिक हथियार गोपालगंज के बरौली माधवपुर रहनेवाले शेषनाथ प्रसाद के नाम से हैं. शेषनाथ के बारे में बताया गया कि वह मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देता था. वाहन चोरी के मामले में उसे मध्य प्रदेश में गिरफ्तार किया गया था. अभी वह वहीं की जेल में बंद है.
शेषनाथ व मुखिया कृष्ण प्रसाद के बीच कैसे संबंध हैं, इसकी पुलिस ने छानबीन की, तो पता चला कि शेषनाथ चार साल पहले मुखिया के घर में किरायेदार था. इसी दौरान उससे मुखिया का संबंध बना. उसने मुखिया के यहां हथियार क्यों छोड़े, इसको लेकर पुलिस जांच कर रही है. इसी के आधार पर मुखिया के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.
पुलिस छापेमारी के दौरान मुखिया के घर से बड़े पैमाने पर एटीएम कार्ड, पासबुक, चेकबुक व पेंशनबुक मिली, तो पुलिस ने छानबीन का दायरा और बढ़ाया. पूछताछ के दौरान मुखिया ने स्वीकार किया कि वह सूदखोरी का धंधा करता है. उसके करोड़ों रुपये लोगों के पास बकाया हैं. इनमें पुलिसवालों से लेकर सरकारी अधिकारी तक शामिल हैं.
मुखिया के यहां से सूदखोरी से संबंधी बही-खाता पुलिस ने जब्त किया है, जिनमें चार करोड़ रुपये का हिसाब मिला है, जिन्हें मुखिया ने सूद पर शहर के लोगों को दे रखा है. पूछताछ के दौरान मुखिया ने बताया कि उसने यह काम 1996 में शुरू किया था. उस समय गांव में रहता था. पैसों के लिए उसने अपनी जमीन बेच दी थी. इससे ही उसने काम को आगे बढ़ाया.
तीन साल पहले जब चुनाव हुआ, तो कृष्णा प्रसाद मुखिया बना था. इस दौरान उसके राजनीतिक संबंध भी बने. गिरफ्तारी के बाद जब उसे नगर थाने लाया गया, तो कई जन प्रतिनिधियों के फोन पुलिस के पास आने लगे. इसमें नेता कृष्ण प्रसाद की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस से सवाल कर रहे थे. हालांकि, पुलिस अधिकारियों ने कृष्ण प्रसाद को किसी तरह की ढील नहीं दी.
एएसपी प्रमोद कुमार मंडल ने बताया कि अभी आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. सूदखोरी के मामले की जांच चल रही है. मुखिया पर मनी लांड्रिंग का मामला भी जांच के बाद दर्ज किया जायेगा. उन्होंने बताया कि बरामद हथियार व विभिन्न बैंकों की पासबुक, चेक बुक व पेंशनबुक से साफ लग रहा है कि मुखिया हथियार के बल पर सूद का पैसा वसूलता था. छापेमारी में नगर इंस्पेक्टर अजय कुमार, दारोगा संजीव कुमार, जीतेंद्र देव दीपक, मुजफ्फरपुर एसटीएफ के दारोगा धीरज कुमार, विमलेश कुमार, नवनीत कुमार आदि शामिल थे.
नगर पुलिस का कहना है कि मुजफ्फरपुर एटीएफ को ही मुखिया के बारे में जानकारी मिली थी. उसी की सूचना के आधार पर छापेमारी की गयी. छापेमारी की कार्रवाई लगभग एक घंटे ही चली. इस दौरान मुखिया का राज खुल गया. बताया जाता है कि जिन लोगों को वो सूद पर पैसे देता था. उनसे एटीएम कार्ड, पासबुक व चेकबुक ले लेता था, ताकि सूद के ब्याज का पैसा निकालने में परेशानी नहीं हो.
वकील भी पहुंचे
मुखिया के यहां जब छापेमारी चल रही थी, तो वहां उसके वकील भी पहुंच गये. लेकिन पुलिस से वकील ने कोई बात नहीं की. छापे की सूचना पर आसपास लोग भी इकट्ठा हो गये थे. इसके बाद वकील थाने भी पहुंचे. वहां भी उन्होंने पुलिसवालों से किसी तरह की बात नहीं की.
करोड़ों का है चांदमारी चौक का मकान
मुखिया के जिस घर में छापेमारी हुई है, वह चार तल्ला है और शहर के मुख्य चौक में शुमार चांदमारी चौक पर बना है. इसे शहर की ऑलीशान बिल्डिंगों में शुमार किया जाता है. लगभग ढाई कट्ठे में बना है. उसके केवल मकान की कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है.
इओयू करेगी जांच
आर्थिक अपराध इकाई को भी मामला सौंपा जायेगा, जो यह पता लगायेगी कि आखिर मुखिया के पास इतना पैसा आया कहां से? इसकी जानकारी एएसपी प्रमोद कुमार मंडल ने दी. उन्होंने कहा कि जल्द ही आर्थिक अपराध इकाई से संपर्क साधा जायेगा.
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