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डीएवी के टीचर्स की सूची भी निकली फर्जी
परदाफाश : विजिलेंस की जांच में एक और बड़ा खुलासा छोड़े व हटाये गये टीचरों के नाम अब भी स्कूल की लिस्ट में रिंकू झा पटना : टीचर एक हैं, लेकिन उनका नाम कई डीएवी में दर्ज हैं. नियुक्ति भले डीएवी, बीएसइबी के लिए होती है, लेकिन बाद में उन्हें दूसरे जिले के डीएवी स्कूल […]
परदाफाश : विजिलेंस की जांच में एक और बड़ा खुलासा
छोड़े व हटाये गये टीचरों के नाम अब भी स्कूल की लिस्ट में
रिंकू झा
पटना : टीचर एक हैं, लेकिन उनका नाम कई डीएवी में दर्ज हैं. नियुक्ति भले डीएवी, बीएसइबी के लिए होती है, लेकिन बाद में उन्हें दूसरे जिले के डीएवी स्कूल में भेज दिया जाता है. यह खेल डीएवी में वर्षो से चल रहा है. इतना ही नहीं, जब-जब सीबीएसइ में रि-एफिलिएशन के लिए आवेदन दिया गया, तो सीबीएसइ के पास टीचर्स की लंबी लिस्ट भेजी गयी.
डीएवी, बीएसइबी की ओर से 2003, 2009, 2010 और 2014 में सीबीएसइ के पास 94 टीचर्स की लिस्ट भेजी गयी. इस लिस्ट में कई टीचर ऐसे हैं, जो डीएवी में कभी शिक्षक के रूप में काम ही नहीं किये हैं. वहीं, लगभग 61 टीचर बहुत पहले ही डीएवी, बीएसइबी को छोड़ चुके हैं. स्कूल की ओर से 2014 में सीबीएसइ को भेजी गयी टीचर्स लिस्ट में 137 परमानेंट व 76 एडहॉक टीचर के नाम हैं.
जब 10 और 16 अक्तूबर को विजिलेंस डिपार्टमेंट ने सीबीएसइ की रेडंमली जांच की, तो पाया गया कि स्कूल में सिर्फ 35 शिक्षक पीजीटी रेगुलर व 19 एडहॉक पर काम कर रहे हैं. यह फर्जी रिपोर्ट सिर्फ 2014 ही नहीं, बल्कि पिछले कई सालों में ऐसा किया गया है. सूत्रों के अनुसार डीएवी, बीएसइबी की ओर से सीबीएसइ को भेजी गयी लिस्ट में वर्ष 2003, 2009, 2010 और 2014 की लिस्ट में भारी अंतर है. सीबीएसइ की मानें, तो 2009 में 33 पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) और 2010 में 47 दिखाया गया है. जबकि, 2014 में 213 और 2010 में 208 शिक्षकों के नाम लिस्ट में थे.
टीचर डीएवी के, इंचार्ज कहीं और के
डीएवी, बीएसइबी में कई कार्यरत टीचर दूसरे स्कूल के इंचार्ज भी बने हुए हैं. सूत्रों की मानें, तो सुनील कुमार वर्मा डीएवी, बीएसइबी में पीजीटी के बायोलॉजी के टीचर हैं, साथ ही वह हाजीपुर, डीएवी के इंचार्ज के रूप में काम कर रहे हैं. कुछ ऐसा ही मामला मिनीता प्रसाद का भी है. वह डीएवी, बीएसइबी में पीजीटी की टीचर के साथ ही राजीव नगर डीएवी की इंचार्ज हैं. इंद्रपुरी डीएवी की प्रभारी प्राचार्या के रूप में नूतन अंबष्ट डीएवी, बीएसइबी में भी पीजीटी टीचर के रूप में कार्यरत हैं. मिथिलेश कुमार सिंह यहां मैथ के टीचर के अलावा मसौढ़ी डीएवी में इंचार्ज भी हैं.
प्रोजेक्ट स्कूल है डीएवी, बीएसइबी
डीएवी पब्लिक स्कूल बिजली बोर्ड का प्रोजेक्ट स्कूल है. इस स्कूल में कार्यरत शिक्षकों को बिजली बोर्ड की ओर से पेमेंट होता है. ऐसे में डीएवी के कई टीचर स्कूल में रहते हुए दूसरे ब्रांच के इंचार्ज के रूप में कार्यरत हैं. इन्हें वेतन तो बीएसइबी की ओर से दिया जाता है, लेकिन ये काम इंचार्ज के रूप में दूसरे स्कूलों के लिए करते हैं.
ये टीचर सिर्फ माह भर रहे
डीएवी, बीएसइबी की ओर से 2010 में सीबीएसइ को 208 टीचर्स की भेजी गयी लिस्ट में से 70 ऐसे हैं, जो डीएवी में सिर्फ एक माह के लिए टीचर रहे, लेकिन इसके बाद भी पूर्व प्राचार्य रामानुज प्रसाद ने 2010 में रि-एफिलिएशन के लिए इन टीचर्स की लिस्ट सीबीएसइ को भेजी थी. इसी पर 31 मार्च, 2015 तक स्कूल को रि-एफिलिएशन मिला था. इनमें से कुछ टीचर्स का नाम यहां पर दिये जा रहे हैं :
शिक्षक : नौकरी छोड़ने का वर्ष
जितेंद्र कुमार मिश्र – 2005
मोहन कुमार दुबे – 2003
चंदन सिंह – 1999
प्रमोद कुमार महाराज – 1999
प्रसन्ना सामन – 2002
पुष्पा कुमार – 1999
रश्मि माला मोहंती – 2003
सुब्रत राय चौधरी – 2000
सुषमा झा – 1994
उग्र मोहन ठाकुर – 2000
विकास चंद्रा – 2002
विनीता शर्मा – 2005
अजय कुमार मुखर्जी – 2003
नोट – टीचर्स की पूरी लिस्ट है, लेकिन जगह की कमी होने के कारण कुछ ही के नाम दे रहे हैं.
केस-1
स्नेहलता ने डीएवी, बीएसइबी में अप्रैल, 2012 में आवेदन दिया. 2 मई, 2012 को यहां अस्थायी शिक्षिका नियुक्ति हुई, लेकिन उसे डीएवी, हाजीपुर भेज दिया गया. मई, 2012 से 13 अप्रैल, 2013 तक वह हाजीपुर डीएवी में पढ़ाती रही. हाजीपुर आने-जाने के लिए टीएडीए की मांग की, तो उसे स्कूल से निकाल दिया गया. पर आज भी डीएवी, बीएसइबी स्नेहलता का नाम टीचर की लिस्ट में जोड़े हुए है.
केस-2
संगीता 23 नवंबर, 2003 को डीएवी, बीएसइबी के लिए शिक्षिका नियुक्त हुई.पर उसे डीएवी, मुंगेर भेज दिया गया. इसको लेकर पहले से कार्यरत उसके पति अंजनी कुमार ने इसका विरोध किया, तो शिक्षक अंजनी कुमार का भी तबादला मोकामा, डीएवी में कर दिया गया. शिक्षिका संगीता काम तो डीएवी, मुंगेर में 2007 से कर रही है, लेकिन डीएवी, बीएसइबी के टीचर्स की लिस्ट में उसका नाम दर्ज है.
58 डीएवी स्कूलों को भेजा नोटिस
फर्जी शिक्षकों की लिस्ट के मामले में सीबीएसइ बिहार के 58 डीएवी स्कूलों को शो कॉज नोटिस जारी किया गया है. यह नोटिस पहली बार अगस्त, 2014 में और दूसरी बार सितंबर, 2014 में भेजा गया है. रिपोर्ट के मुताबिक पिछले एक साल में डीएवी द्वारा फर्जी शिक्षकों की लिस्ट सीबीएसइ के पास भेजी जा रही है. डीएवी की अलग-अलग शाखाओं से आये शिक्षकों की लिस्ट में कई शिक्षक ऐसे हैं, जो एक साथ कई डीएवी में पढ़ा रहे हैं. शिक्षकों की डिग्री कभी पोस्ट ग्रेजुएट हो जाती है, तो कभी अनट्रेंड को पोस्ट ग्रेजुएट करके दिखाया जा रहा है.
सीबीएसइ बना रहा टीचर्स का डाटा बैंक
सीबीएसइ द्वारा 2014 से टीचर्स का डाटा बैक बनाया जा रहा है. इस डाटा बैंक में हर सीबीएसइ स्कूल के टीचर्स की पूरी जानकारी रहेगी. सीबीएसइ ने इसके लिए एक फॉर्मेट तैयार कर हर स्कूलों को भरने के लिए दिया हैं. डाटा बैंक में उन्हीं टीचर्स को शामिल किया जायेगा जिसे सीबीएसइ के नॉर्म्स के अनुसार सैलरी स्कूल द्वारा दिया जायेगा. जो ट्रेंड होंगे. सीबीएसइ के अनुसार जब डीएवी बिहार के टीचर्स का डाटा बेस तैयार किया जाने लगा तो टीचर्स का फर्जीवाड़ा सामने आया.
सीबीएसइ ने तमाम डीएवी से मांगा इन प्रश्नों के जवाब
– क्लास वाइज स्टूडेंट्स की संख्या
– स्कूल में इन्फ्रास्ट्रर का पूरा डिटेल्स
– 2013-14 में हर क्लास का लिया गया डिटेल्स
– स्कूल में टीचर और नॉन टीचिंग स्टाफ की संख्या
– स्कूल में कांट्रैक्ट पर बहाली क्यूं की जाती है
– एडहॉक पर टीचर को क्यूं रखा जाता है
– एडहॉक टीचर को हटाने के लिए स्कूल ने कार्रवाई क्यूं नहीं किया
– रेगुलर टीचर को नियुक्त क्यूं नहीं किया जाता है
बिहार जोन के कुल 58 डीएवी को सीबीएसइ ने नोटिस दिया है. जिलावार डीएवी को मिलने वाले शो कॉज नोटिस
बिहार के ये डीएवी स्कूल
चंपारण- 4, गया- 6, रोहतास (सासाराम) – 6, मुजफ्फरपुर – 4, बेगूसराय – 1, कैमूर – 1, नालंदा – 1, मुंगेर – 2, औरंगाबाद – 3, लखीसराय – 1, पटना – 5, जहानाबाद – 1, भागलपुर – 2, सीतामढ़ी – 3, गोपालगंज – 1, खगड़िया – 3, जमुई – 1, बक्सर – 1, पूर्णिया – 1, बेगूसराय – 1, सीवान – 2, समस्तीपुर – 1, मधुबनी – 1, आरा – 1,
झारखंड के कुछ डीएवी भी बिहार जोन में आते है
देवघर – 2, गोंडा – 1, पाकुड़ – 1, जामताड़ा – 1
स्कूल से 11वीं-12वीं की एलओसी गायब!
डीएवी, बीएसइबी में न तो 2013 की 11वीं की लिस्ट ऑफ कैंडिडेंट्स (एलओसी) मिल पा रही है और न ही 2015 के 12वीं बोर्ड की परीक्षा में शामिल स्टूडेंट्स की एलओसी ही सामने आ रही है. जब तक पूरी लिस्ट सामने नहीं आयेगी, तब तक यह पता नहीं चल पायेगा कि 11वीं में डीएवी, बीएसइबी से कितने छात्रों का रजिस्ट्रेशन हुआ था और 12वीं में कितने छात्र परीक्षा में शामिल हुए.
डीएवी प्रबंधन की ओर से बनायी गयी तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने दो दिनों में डीएवी, बीएसइबी कैंपस से कई चीजों की जानकारी लेनी चाही, लेकिन उन्हें अधिकतर बिंदुओं पर निराशा हाथ लगी है. गुरुवार और शुक्रवार को हुई जांच में डीएवी के तमाम टीचर्स से पूछताछ की गयी. जांच होने के बाद कमेटी के दो सदस्य शुक्रवार को लौट गये. एक सप्ताह में कमेटी अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी.
इसके बाद रिपोर्ट डीएवी पब्लिक स्कूल दिल्ली की डायरेक्टर नीशा पेशिन को भेजी जायेगी. रिपोर्ट की सारी जानकारी देने के बाद पूर्व प्राचार्य रामानुज प्रसाद पर फैसला लिया जायेगा. जांच कमेटी में डीएवी ओड़िशा जोन के प्राचार्य सह रीजनल डायरेक्टर डॉ केसी सत्यपती, रांची व हजारीबाग के रीजनल डायरेक्टर सह प्रिंसिपल डॉ टीपी पाति और पटना डीएवी के सहायक रीजनल डायरेक्टर सह प्रभारी प्राचार्य इंद्रजीत राय शामिल हैं.
इन बिंदुओं पर हुई पूछताछ
11वीं और 12वीं में कितने सेक्शन स्कूल में चलता है
हर सेक्शन में छात्रों की संख्या कितनी है
सेक्शन के अनुसार टीचर्स व क्लास रूम हैं या नहीं
प्लस टू में नामांकन की क्या प्रक्रिया है
नामांकन में 10वीं के रिजल्ट आधार बनाया जाता है या नहीं
एंट्रांस लेकर 11वीं में नामांकन होता है, तो इतनी संख्या में छात्र कैसे करते हैं फेल
इन बिंदुओं पर उलझी रही कमेटी
सब्जेक्ट वाइज क्लास टीचर कौन-कौन हैं
स्कूल में प्लस टू का इंचार्ज कौन है
हर क्लास में टीचर्स की संख्या कितनी हैं
स्कूल में नामांकन की प्रक्रिया क्या है
किस आधार पर स्कूल में नामांकन हो रहा है
सेक्शन वाइज स्टूडेंट्स की संख्या कितनी है
पूर्व प्राचार्य रामानुज की गिरफ्तारी पर रोक
डीएवी, बीएसइबी के पूर्व प्राचार्य रामानुज प्रसाद की गिरफ्तारी पर कोर्ट ने रोक लगा दी है. उनकी अग्रिम जमानत के आवेदन पर अगली सुनवाई सात अप्रैल को होगी. शुक्रवार को उनके अग्रिम जमानत के आवेदन पर जिला जज ने सुनवाई की और केस डायरी की मांग की. वहीं, आवेदन को एडीजे छह के यहां स्थानांतरित कर दिया गया है.
पूर्व प्राचार्य ने बुधवार को न्यायालय में आवेदन दिया था.
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