झारखंड की भी समीक्षा कीसंवाददाता, पटनाऊर्जा मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव से केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के विशेष सचिव देवेंद्र चौधरी और केंद्रीय बिजली प्राधिकार के चीफ इंजीनियर रविन्द्र कुमार वर्मा ने शुक्रवार को मुलाकात की. देर शाम को हुई इस मुलाकात में केंद्रीय अधिकारियों ने राज्य में बिजली की तेजी से बढ़ती जरूरत पर बात की. उन्होंने कहा कि वर्तमान में बिजली की खपत तीन हजार मेगावाट है. आने वाले तीन सालों में इसके बढ़ कर पांच हजार और 10 साल में करीब 10 हजार मेगावाट बिजली की जरूरत होगी. इसके लिए राज्य को व्यापक तैयारी शुरू कर देनी चाहिए. बिजली उत्पादन से लेकर इसके वितरण और ट्रांसमिशन पर खासतौर से फोकस करना चाहिए.ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिहार को जितनी बिजली केंद्र से मिलनी चाहिए, उसका पूरा कोटा नहीं मिल रहा है. केंद्र के सहयोग के बिना राज्य का लक्ष्य पूरा नहीं हो सकता है. इस पर केंद्र के अधिकारियों ने कहा कि बिहार की डिमांड को दिलाने की वे पूरी कोशिश करेंगे. जितना कोटा है, उसे पूरा दिलाने की पहल करेंगे. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिहार आजादी के बाद से ही बिजली के मामले पिछड़ा रहा है. पिछली सरकारों ने इसके लिए केंद्र के समक्ष सशक्त तरीके से डिमांड नहीं रखी, जिससे राज्य में बिजली की समस्या उत्पन्न होती चली गयी. पंरतु पिछले 10 सालों से इसके लिए काफी प्रयास किया गया है, जिसके बाद स्थिति सुधर रही है. अभी और सुधार की जरूरत है. इस बैठक में ऊर्जा सचिव प्रत्यय अमृत समेत अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे. बिहार के साथ ही श्री चौधरी ने झारखंड बिजली बोर्ड की भी समीक्षा की. तीन अप्रैल को बिजली मंत्रालय के संयुक्त सचिव पटना आयेंगे और राज्य की योजनाओं की समीक्षा करेंगे.
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10 मेगावाट बिजली के लिए तैयारी करना चाहिए बिहार को
झारखंड की भी समीक्षा कीसंवाददाता, पटनाऊर्जा मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव से केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के विशेष सचिव देवेंद्र चौधरी और केंद्रीय बिजली प्राधिकार के चीफ इंजीनियर रविन्द्र कुमार वर्मा ने शुक्रवार को मुलाकात की. देर शाम को हुई इस मुलाकात में केंद्रीय अधिकारियों ने राज्य में बिजली की तेजी से बढ़ती जरूरत पर बात की. […]
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