नगर आयुक्त ने सचिव को भेजे पत्र में कहा है कि 21 अक्तूबर को हुई बैठक में पांच प्रस्ताव पारित किये गये,जिसमें चार प्रस्ताव को लागू कर दिया गया है,जबकि एक प्रस्ताव पारित नहीं किया गया है. साथ ही विधि परामर्शी की भी रिपोर्ट आ गयी है. गौरतलब है कि विपक्षी पार्षद 12 लाख की योजना पूरी करने को लेकर चेतावनी भी दे चुके हैं. चेतावनी को देखते हुए ही नगर आयुक्त ने विभागीय सचिव से दुबारा मार्गदर्शन की मांग की है.
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नगर आयुक्त ने सचिव से मांगा मार्गदर्शन
पटना: नगर निगम में 12 लाख व 16 लाख की विवाद गहरा गया है. विपक्षी पार्षद 12 लाख की योजना की मांग कर रहे है, तो सत्ता पक्ष 16 लाख की योजना को पूरा करने की मांग कर रहा है. दरअसल, 20 अक्तूबर को मेयर की अध्यक्षता में आयोजित हुई बोर्ड की बैठक में 16 […]
पटना: नगर निगम में 12 लाख व 16 लाख की विवाद गहरा गया है. विपक्षी पार्षद 12 लाख की योजना की मांग कर रहे है, तो सत्ता पक्ष 16 लाख की योजना को पूरा करने की मांग कर रहा है. दरअसल, 20 अक्तूबर को मेयर की अध्यक्षता में आयोजित हुई बोर्ड की बैठक में 16 लाख की योजना पारित की गयी, तो 21 अक्तूबर को डिप्टी मेयर की अध्यक्षता में विशेष बोर्ड की बैठक में 12 लाख सहित पांच प्रस्ताव की स्वीकृति दी गयी.
बैठक की वैधता को लेकर मामला हाइकोर्ट भी पहुंचा, जहां कोर्ट ने जनहित की योजना मानते हुए योजना पूरा करने का आदेश दिया, लेकिन 20 अक्तूबर की बैठक को भी अवैध नहीं ठहराया. अब कौन-सी योजना लागू किया जाये और कौन सी योजना रद्द की जाये. इसको लेकर नगर आयुक्त शीर्षत कपिल अशोक ने 14 फरवरी को नगर आवास विकास विभाग के सचिव से मार्गदर्शन मांगा था,लेकिन अब तक मार्गदर्शन नहीं दिया है. अब नगर आयुक्त ने गुरुवार को सचिव से दुबारा मार्गदर्शन की मांग किया है.
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