पटना: खरगोशवा, चूहवा, मुरगिया, हापट, दोनलिया, लंगड़ा, लोथा आदि नामों को सुन कर भले ही आपको हंसी आये, लेकिन यही नाम एक समय राजधानी के सिरदर्द बने थे. अपराध की दुनिया में कभी इनका सिक्का चलता था. इनके आतंक से पुलिस भी परेशान थी. इनमें से कई अपराधियों को पुलिस ने पकड़ कर जेल में बंद कर दिया, तो कई गैंगवार में मारे गये. इन अपराधियों के नाम साग-सब्जी से लेकर जानवरों तक पर थे. अजीबोगरीब नामवाले इन अपराधियों पर लूट, हत्या, रंगदारी के आधा दर्जन से अधिक मामले हैं.
खास बात यह है कि इनकी आदतों के कारण लोगों के बीच ये नाम काफी चर्चित हुए. पुलिस भी इनके वास्तविक नाम को नहीं जानती थी और उनके उपनाम से ही केस भी दर्ज करती थी. इलाके में भी अगर कोई असली नाम पूछता, तो लोग कहते पता नहीं. लेकिन, जैसे ही उपनाम का जिक्र होता, लोग भी पहचान जाते. पुलिस खरगोशवा, चूहवा, मुरगिया, हापट, दोनलिया, लंगड़ा, लोथा आदि को कई बार गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन जेल से छूटने के बाद ये लोग अपराध की दुनिया में फिर सक्रिय हो गये. जेल में रहने के दौरान भी पुलिस की परेशानी कम नहीं होती है.
दानापुर का मक्खन अभी जेल में है, लेकिन जेल के अंदर से ही वह गिरोह को संचालित कर रहा है. दानापुर में कई रंगदारी के मामलों में उसकी संलिप्तता पायी गयी है. लेढ़वा, चांदीलाल की मौत गैंगवार में हो चुकी है. चांदीलाल अपने समय में अपहरण व हत्या के कई मामलों में वांछित था. लेढ़वा पर भी हत्या के मामले दर्ज थे.