भले मैट्रिक परीक्षा में कदाचार कुछ ही जिलों में हो रहा है, लेकिन बदनाम पूरा राज्य हो रहा है. कदाचार को लेकर सरकार ने चार परीक्षा केंद्र पर हुई दो दिनों की परीक्षा को कैंसिल कर दिया है. देखा जाये, तो इस बदनामी के पीछे बिहार के चार जिलों का महत्वपूर्ण स्थान है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अनुसार वैशाली, छपरा, गोपालगंज और अरवल जिलों में सबसे अधिक कदाचार हो रहा है.
इनमें भी वैशाली पहले पायदान पर है. इसके बाद छपरा का नाम आता है. गोपालगंज पहले दूसरे पायदान पर था, लेकिन कुछ सालों में उसकी स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है. उधर अरवल जिला छोटा जरूर है, लेकिन कदाचार में यह जिला भी कदाचार में जगहंसाई करा रहा है. बिहार बोर्ड की मानें तो उक्त जिलों में वास्तविक छात्रों से अधिक मैट्रिक परीक्षार्थी की संख्या होती है. इन जिलों से बाहरी छात्र काफी संख्या में मैट्रिक का फॉर्म भरते हैं. ये ऐसे परीक्षार्थी होते हैं, जिनके कोई संबंधी या जान पहचान के रहनेवाले संबंधित जिलों के होते हैं. वैशाली में इस साल मैट्रिक परीक्षा में 64192 परीक्षार्थी शामिल हुए हैं. वहीं छपरा में पूरे बिहार में दूसरे सबसे अधिक 70444 परीक्षार्थी शामिल हुए हैं.