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मैट्रिक परीक्षा : सरकार सख्त, चार केंद्रों की परीक्षा रद्द
मैट्रिक परीक्षा : नकल पर हाइकोर्ट की फटकार के बाद सीएम ने बुलायी बैठक, सभी डीएम से मांगी रिपोर्ट पटना : मैट्रिक की परीक्षा में कदाचार को लेकर शुक्रवार को हरकत में आयी राज्य सरकार ने चार परीक्षा केंद्रों पर हुई दो दिनों की परीक्षा को रद्द कर दिया और नकल कराने में संलिप्त रहे […]
मैट्रिक परीक्षा : नकल पर हाइकोर्ट की फटकार के बाद सीएम ने बुलायी बैठक, सभी डीएम से मांगी रिपोर्ट
पटना : मैट्रिक की परीक्षा में कदाचार को लेकर शुक्रवार को हरकत में आयी राज्य सरकार ने चार परीक्षा केंद्रों पर हुई दो दिनों की परीक्षा को रद्द कर दिया और नकल कराने में संलिप्त रहे सात पुलिसकमिर्यों को हिरासत में ले लिया. इसके साथ ही सभी जिलों के डीएम व एसपी को दोषी पुलिसकर्मी, केंद्राधीक्षक, वीक्षक, प्रतिनियुक्त पदाधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने को कहा गया है. अन्य केंद्रों पर कदाचार के संबंध में सभी जिलों के डीएम से 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी गयी है.
मैट्रिक परीक्षा में कदाचार की खबरें व तसवीरें मीडिया में आने के बाद पटना हाइकोर्ट और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पर संज्ञान लिया. मुख्यमंत्री ने शिक्षा मंत्री पीके शाही, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, डीजीपी पीके ठाकुर, गृह विभाग के प्रधानसचिव आमिर सुबहानी और शिक्षा विभाग के प्रधानसचिव आरके महाजन के साथ बैठक की और कदाचारमुक्त मैट्रिक परीक्षा के लिए कड़े निर्देश दिये.
उन्होंने सभी जिलों के डीएम व एसपी को निर्देश दिया कि वे दोषी पुलिसकर्मी, केंद्राधीक्षक, वीक्षक, प्रतिनियुक्त पदाधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करें. सीएम के निर्देश के बाद शिक्षा विभाग व बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने चार केंद्रों -सहरसा के सिमरी हाइस्कूल, हाइस्कूल, नवादा और वैशाली जिले के महनार स्थित विद्या निकेतन व संत फ्रांसिस स्कूल केंद्रों पर 18-19 मार्च को हुई मैट्रिक परीक्षा को रद्द कर दिया गया है. अब इन चारों के छात्राों की दो दिनों की परीक्षा बाद में ली जायेगी. इधर, राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी मैट्रिक परीक्षा में कदाचार की खबरों पर संज्ञान लिया है.
विभाग ने सभी जिलों के डीएम को निर्देश दिया गया है कि वे 24 घंटे में रिपोर्ट दें कि उनके जिले में किन केंद्रों पर कदाचार हुआ है. इसके बाद सरकार वहां की परीक्षा रद्द करने की कार्रवाई करेगी. साथ ही रद्द किये गये परीक्षा केंद्रों के दोषी केंद्राधीक्षक, इनविजलेटर, मजिस्ट्रेट व पुलिस के जवानों पर भी कार्रवाई की जायेगी.
शिक्षा विभाग व बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने कहा कि अखबारों में आयी खबरों तसवीरों को सरकार ने गंभीरता से लिया है. जहां-जहां से कदाचार की खबरें दिखायी गयी हैं, वहां डीएम की रिपोर्ट से भी उसकी पुष्टि भी हुई है.
वैशाली के दो केंद्रों में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष और सचिव ने निरीक्षण किया था, जहां उन्होंने खुद स्कूल की दीवारों व खिड़कियों पर अभिभावकों को चढ़ा देखा था. वहां के लोगों ने अधिकारियों पर पथराव भी किया था. इसके बाद वैशाली के महनार के दोनों परीक्षा केंद्रों की परीक्षा रद्द कर दी गयी है.
उन्होंने कहा अखबारों में भी जिन केंद्रों में कदाचार की खबरें व तसवीरें आ रही है, संबंधित जिले के डीएम जांच कर रिपोर्ट देंगे, तो वहां की भी परीक्षा रद्द की जायेगी. साथ ही जिन केंद्रों में व्यापक कदाचार होगा, वहां की परीक्षा रद्द की जायेगी. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने माना कि कदाचार के लिए संबंधित परीक्षा केंद्र के केंद्राधीक्षक, मजिस्ट्रेट, पुलिस पदाधिकारी और इनविजलेटर जिम्मेदार हैं. जांच के बाद उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने बताया कि तसवीरों में साफ दिखा कि पुलिस वाले के सामने कदाचार हो रहा है. वैसे पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होगी. तीन दिनों (17-19 मार्च) में अब तक 766 छात्रा-छात्राओं को कदाचार के आरोप में निष्कासित किया जा चुका है.
कार्रवाई ऐसी हो, जिससे संदेश जाये : सीएम
पटना : मैट्रिक परीक्षा में कदाचार को लेकर शुक्रवार को उच्चस्तरीय बैठक करने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि अखबार में मैंने वैशाली के दो परीक्षा केंद्रों की तसवीरें देखीं, जिनमें पुलिस के लोग बगल में बैठे हुए थे और लोग खिड़कियों के पास खड़े होकर नकल करवा रहे थे.
इन तसवीरों को देख कर मैंने इस मामले को गंभीरता से लिया और शिक्षा मंत्री, मुख्य सचिव, डीजीपी, गृह विभाग के प्रधान सचिव व शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के साथ बैठ कर उचित निर्णय लेने को भी कहा गया है. जहां भी कदाचार हुआ है, वहां की परीक्षा रद्द करें और सख्त कार्रवाई करें. कार्रवाई का साफ संदेश होना चाहिए कि किसी भी कीमत पर कदाचार बरदाश्त नहीं होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासनिक पदाधिकारी कदाचारवाले परीक्षा केंद्रों पर दोबारा जाएं और सख्त कार्रवाई करें. सख्त कार्रवाई नहीं करने वाले और लापरवाही बरतने वाले पदाधिकारियों व कर्मियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जायेगी. सीएम ने कहा कि नकल में सहयोग देनेवाले अभिभावकों, संबंधियों व मित्रों से अनुरोध है कि नकल से काबिलियत नहीं आती. ऐसे सर्टिफिकेट से भविष्य का निर्माण नहीं होता. शिक्षा का मूल उद्देश्य ज्ञान प्राप्त करना है. नकल से ज्ञान प्राप्त नहीं होता. नकल करने और कराने से बचना चाहिए. नकल करानेवाले अभिभावक छात्रा का ही नहीं, बल्कि राज्य का भी नुकसान कर रहे हैं. बैठक में सीएम के प्रधान सचिव डीएस गंगवार, सचिव चंचल कुमार व ओएसडी गोपाल सिंह मौजूद थे.
हाइकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
पटना. मैट्रिक परीक्षा में कदाचार पर पटना हाइकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए गृह सचिव व डीजीपी को इस पर तुरंत रोक लगाने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने सरकार को 27 मार्च को हलफनामा दायर करने को कहा है. शुक्रवार को कोर्ट की जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई कि वरीय अधिवक्ता व आप के नेता वसंत कुमार चौधरी ने प्रभात खबर में छपी खबर की कॉपी मुख्य न्यायाधीश एल नरसिम्हा रेड्डी व न्यायमूर्ति विकास जैन के खंडपीठ को दिखायी. उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों को नकल की पूरी छूट दे दी गयी है. शिक्षा मंत्री का बयान भी गंभीर नहीं लगता.
मामले का संज्ञान लेते हुए खंडपीठ ने अधिवक्ता श्री चौधरी को इस मामले को लिखित आवेदन के रूप में लाने का निर्देश दिया. कोर्ट ने इस मामले की सुनवायी 11:45 बजे शुरू की. कोर्ट ने माना कि यह गंभीर मामला है. कोर्ट ने कहा कि जहां भी नकल को बढ़ावा दिया जा रहा है, वहां के डीएम कार्रवाई कर इसकी सूचना डीजीपी को उपलब्ध कराएं. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उन्होंने भी शिक्षा मंत्री के बयान को टीवी चैनलों पर सुना था. अगर ऐसा मामला चल रहा है, तो कोई जवाबदेही से नहीं भाग सकता है.
सदन में भिड़े मोदी व शाही
पटना. मैट्रिक की परीक्षा में कदाचार मामले में शिक्षा मंत्री पीके शाही और विधान परिषद में विरोधी दल के नेता सुशील कुमार मोदी के बीच तीखी नोकझोंक हुई. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही जहां भाजपा के बैद्यनाथ प्रसाद ने धान खरीद मामले में कार्य स्थगन प्रस्ताव लाया. मोदी ने कहा कि शिक्षा मंत्री सदन में मौजूद हैं. राज्य में मैट्रिक की परीक्षा में कदाचार के कारण देश में बिहार की फजीहत हो रही है.
मोदी ने कहा कि जिस प्रकार से शाही ने कहा है कि कदाचार नहीं रोका जा सकता है, उन्हें पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. इसके साथ ही जदयू और भाजपा सदस्यों के बीच कहासुनी शुरू हो गयी. शिक्षा मंत्री शाही ने भी कहा कि मैं अपने बयान पर कायम हूं. भविष्य में भी कायम रहूंगा. उन्होंने कहा कि 14 लाख छात्रा और चार-पांच अभिभावक यानी 70 -75 लाख लोगों को संभालना बिना समाज के सहयोग से संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि परीक्षा संचालन के लिए आवश्यक निर्देश दिये गये हैं.
मोदी ने शिक्षा मंत्री के बयान को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए कहा कि इससे राज्य की हंसी हो रही है. उन्होंने कहा कि 100 प्रतिशत कदाचार रोकने की बात कौन कह रहा है? हम 100 प्रतिशत कदाचारमुक्त की बात नहीं कर रहे हैं. आपको इस तरह के बयान के लिए पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. इसके साथ ही सदन में सत्ता और विपक्षी सदस्यों का हंगामा शुरू हो गया. शिक्षा मंत्री ने कहा कि आपके कहने से मैं इस्तीफा नहीं दे सका हूं. मोदी ने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव को सामने देख कर ही कदाचार रोकने से सरकार भाग रही है.
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