पटना: राज्य में आयुव्रेद चिकित्सा पदाधिकारियों के स्वीकृत पद 317 हैं, जबकि 160 ही कार्यरत हैं. आयुव्रेद व यूनानी औषधियों की जांच के लिए 11 औषधि निरीक्षकों के पद स्वीकृत हैं, जबकि मात्र एक कार्यरत हैं.
बिहार प्रदेश आयुव्रेद सम्मेलन के अध्यक्ष धनंजय शर्मा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ज्ञापन सौंप कर रिक्त पदों पर बहाली व कार्यरत चिकित्सकों को एसीपी का लाभ देने की मांग की है.
श्री शर्मा ने बताया कि बिहार आयुष चिकित्सा सेवा नियमावली 2010 तैयार तो हो गयी है, पर इसके अनुरूप पदों का सृजन और प्रोन्नति व एसीपी का लाभ नहीं मिल रहा है. नियोजित आयुष चिकित्सकों का मानदेय कैबिनेट के स्वीकृति के बाद 28 हजार रुपये प्रति माह निर्धारित किया गया था. कुछ माह से बिना सरकार के निर्देश के गया, औरंगाबाद आदि जिलों में मानदेय 20 हजार रुपये दिया जा रहा है. प्रतिनिधिमंडल में आयुव्रेद सम्मेलन के प्रांतीय मंत्री अरुण कुमार भी थे.