नयी दिल्ली : राज्यसभा में बुधवार को कांगे्रस ने आइआइटी, बंबई के संचालन मंडल के अध्यक्ष पद से काकोडकर के इस्तीफे का मुद्दा उठाया और आरोप लगाया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय से मतभेद के बाद देश के सर्वोच्च संस्थानों में विख्यात लोगों को इस्तीफा देने को मजबूर होना पड़ रहा है. पार्टी ने इस बारे में सरकार से स्पष्टीकरण देने की मांग की.विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि शिक्षा संस्थानों के उच्च पदों पर बैठे लोग मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी से मतभेदों के चलते इस्तीफा दे रहे हैं। आजाद ने आरोप लगाया कि यह पहली बार नहीं है, जब ऐसा मामला सामने आया है. उन्होंने आइआइटी, दिल्ली के निदेशक आर शेवगांवकर के इस्तीफे और दिल्ली यूनिवर्सिटी के वीसी से मानव संसाधन विकास मंत्री के मतभेदों की मिसाल देते हुए कहा, हमें लगता है कि सरकार की ओर से बहुत ज्यादा दखल दिया जा रहा है और इनकी वजह से उच्च गुणवत्ता के संस्थान बंध गये हैं सरकार को सफाई देनी चाहिए कि इन संस्थानों से आ रहे इस्तीफों की वजह क्या है? आम आदमी पार्टी ने भी एक बयान जारी कर इस मसले पर सरकार से जवाब मांगा है. आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार आरएसएस के चुनिंदा लोगों को शिक्षा व्यवस्था में शामिल करके अपनी विचारधारा को फैलाना चाहती है.
राज्यसभा में कांग्रेस ने उठाया मुद्दा
नयी दिल्ली : राज्यसभा में बुधवार को कांगे्रस ने आइआइटी, बंबई के संचालन मंडल के अध्यक्ष पद से काकोडकर के इस्तीफे का मुद्दा उठाया और आरोप लगाया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय से मतभेद के बाद देश के सर्वोच्च संस्थानों में विख्यात लोगों को इस्तीफा देने को मजबूर होना पड़ रहा है. पार्टी ने इस […]
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