पटना. विधान परिषद से बुधवार को बिहार विनियोग विधेयक (लेखानुदान), 2015 पास किया गया है. इसे प्रस्तुत करते हुए वित्त मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि पूरा बजट पास होने में समय लगेगा, वह अप्रैल से पहले पास नहीं हो पायेगा. इस वजह से चार महीने के लिए लेखानुदान लाने की जरूरत पड़ी है. केंद्र सरकार ने इस नये वित्तीय वर्ष के लिए जो बजट पेश किया है, उसमें बिहार की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत बढ़ायी है. इसके साथ ही सामाजिक सेक्टर, कृषि, स्वास्थ्य के क्षेत्र में चलनेवाली योजनाओं में काफी कटौती कर दी है. 13वें वित्त आयोग से बिहार को गार्डगिल फॉर्मूला के हिसाब से पहले पैसा मिलता था, लेकिन इस बार इस फॉर्मूला को हटा देने से राज्य को घाटा हुआ है. इससे राज्य को अपना बजट फिर से संशोधित करना पड़ा. वित्त मंत्री के लेखानुदान लाने की जरूरत क्यों पड़ी, इसका कारण सुनकर बीच में ही भाजपा के एमएलसी रजनीश कुमार, लाल बाबू प्रसाद, बैद्यनाथ प्रसाद समेत अन्य खड़ हो गये और हंगामा करने लगे. इनका कहना था कि राज्य सरकार केंद्र पर गलत आरोप लगा रही है, बिहार की कोई हकमारी नहीं हुई है, बल्कि ज्यादा रुपये ही मिले हैं. इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार गलत नहीं करता, इस तरह की धारना विपक्ष के लोगों के मन में बैठ गयी है, जो काफी दुर्भाग्य की बात है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार आपकी नहीं पूरे देश की है. इस हंगामे के बीच लेखानुदान पास हो गया.
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विधान परिषद से भी पास हुआ लेखानुदान
पटना. विधान परिषद से बुधवार को बिहार विनियोग विधेयक (लेखानुदान), 2015 पास किया गया है. इसे प्रस्तुत करते हुए वित्त मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि पूरा बजट पास होने में समय लगेगा, वह अप्रैल से पहले पास नहीं हो पायेगा. इस वजह से चार महीने के लिए लेखानुदान लाने की जरूरत पड़ी है. […]
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