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आइजीआइएमएस प्रशासन की कार्यशैली से परेशान 50 से अधिक डॉक्टर छोड़ेंगे नौकरी
पटना: आइजीआइएमएस प्रशासन की कार्यशैली से परेशान 50 से अधिक डॉक्टरों ने संस्थान छोड़ने का मन बना लिया है. सभी डॉक्टरों ने एक साथ पटना व दिल्ली, एम्स में नौकरी के लिए आवेदन किया है. कुछ विभागों में आधे से अधिक डॉक्टर दूसरी जगह नौकरी के लिए आवेदन कर चुके हैं. जब एचओडी के माध्यम […]
पटना: आइजीआइएमएस प्रशासन की कार्यशैली से परेशान 50 से अधिक डॉक्टरों ने संस्थान छोड़ने का मन बना लिया है. सभी डॉक्टरों ने एक साथ पटना व दिल्ली, एम्स में नौकरी के लिए आवेदन किया है. कुछ विभागों में आधे से अधिक डॉक्टर दूसरी जगह नौकरी के लिए आवेदन कर चुके हैं. जब एचओडी के माध्यम से आवेदन करनेवाले डॉक्टर अनुमति के लिए फॉर्म पर हस्ताक्षर कराने एक-एक कर पहुंचने लगे, तो संस्थान प्रशासन के भी होश उड़ गये.
डॉक्टरों के मुताबिक संस्थान को कोई छोड़ना नहीं चाहता है. लेकिन, संस्थान प्रशासन का काम चेहरा देख कर किया जाता है. ऐसे में जो डॉक्टर संस्थान के बड़े अधिकारियों की बात सुनते हैं उनको हर चीज बिना मांगे मिल जाता है और जो अपना काम पूरी ईमानदारी से कर रहे हैं उनको संस्थान से कुछ नहीं मिल रहा है. ऐसे हालात में बाहर के बड़े संस्थानों को छोड़ कर आनेवालों में डर पैदा हो गया है और वह मौके की तलाश में जुट गये हैं कि उनकी नौकरी जैसे ही दूसरे जगह पक्की होगी, वह संस्थान छोड़ देंगे.
कोई एसी की ठंड से परेशान, तो कोई नहीं चलने से परेशान
आइजीआइएमएस डॉक्टरों को चैंबर उनके काम से नहीं बल्कि निदेशक के साथ उनके संबंध के आधार पर मिलता है, जो डॉक्टर प्रशासन की नजर में ठीक हैं, उनको नया चैंबर से लेकर फर्नीस्ड कुरसी मिल जाती है. लेकिन, उन डॉक्टरों को कुछ नहीं मिल पाता, जिनके चेहरे प्रशासन को पसंद नहीं. यह भी एक बड़ा कारण है कि डॉक्टर यहां रहना नहीं चाहते. बहुत से चैंबर का एसी हर दिन चेक किया होता है, तो कुछ बार-बार कहने के बाद भी नहीं होता हैं. दूसरी ओर कैरियर प्रमोशन के नाम पर भेदभाव होता है. यही वजह है कि आइजीआइएमएस के एक डॉक्टर का जब आइएलबीएस, दिल्ली में प्रोफेसर के पद पर कैरियर प्रमोशन हुआ, तो उन्हें संस्थान की ओर से नहीं जाने दिया गया.
आइजीआइएमएस में लागू होता है एम्स दिल्ली का नियम
आइजीआइएमएस में एम्स दिल्ली के नियमानुसार ही काम होता है. चिकित्सकों की बहाली से लेकर वेतन तक एम्स के अनुसार दिया जाता है. बावजूद इसके डॉक्टर भाग कर दूसरे संस्थान में नौकरी के लिए आवेदन कर रहे हैं.
एम्स चिकित्सा जगत में एक बड़ा नाम हैं. इस कारण डॉक्टर वहां एक बार काम करना चाहते हैं. मुङो इसके अलावे कोई और वजह नहीं दिख रहा है. यहां पर सभी नियम एम्स दिल्ली का लागू है और यहां भी एम्स के डॉक्टर काम करने आते हैं.
डॉ एनआर विश्वास, निदेशक, आइजीआइएमएस
इन कारणों से भाग रहे हैं डॉक्टर
डॉक्टरों के साथ भेदभाव होता है
न्यूरो सजर्री विभाग में सजिर्कल माइक्रोस्कोप सहित अन्य मशीनों का नहीं होना
शिशु सजर्री में डॉक्टर अधिक, सप्ताह में दो ही ओटी का मिलना
शिशु सजिर्कल आइसीयू का अभाव
कार्डियोथेरोसिक सजर्री विभाग की स्थापना नहीं होना
जेनरल सजर्री विभाग में लेप्रोस्कोपी ऑपरेशन के लिए आवश्यक उपकरणों का नहीं होना
रेडियोलॉजी में एमआरआइ का नहीं होना
नेफ्रोलॉजी में 24 घंटे डायलेसिस सुविधा नहीं
किडनी की बीमारी का पहचान व निदान के लिए आवश्यक जांच का नहीं होना
मॉडर्न ब्लड बैंक का नहीं होना
डॉक्टरों के लिए लाइब्रेरी व शोध के लिए कोई व्यवस्था नहीं
डॉक्टरों के लिए एलडीए लागू नहीं हैं
मेडिकल सुविधा के नाम पर हर माह 200 रुपये
पोस्ट रिटायरमेंट की
सुविधा नहीं हैं
डॉक्टरों को अटेंडेंट नहीं दिये जाते हैं, जिससे मरीज देखते समय परेशानी
मरीजों के इलाज करते समय स्पोर्ट सिस्टम कम हैं. इस कारण से मरीज डॉक्टर पर भड़क जाते हैं
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