सत्र को सही करने के लिए बोर्ड को यह जिम्मेवारी दी गयी है कि वस्तानिया की परीक्षा अगले साल फरवरी के पहले सप्ताह में हो. सचिव अपने कार्य क्षेत्र से बाहर जाकर इस कार्य को आगे बढ़ने से रोक दिया है. सचिव को हटाये जाने के संबंध में बोर्ड के अध्यक्ष से संपर्क करने की कोशिश की गयी, लेकिन उनसे बात नहीं हो पायी.
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डॉ खुर्शीद आलम मदरसा बोर्ड के सचिव पद से हटाये गये
पटना: राज्य मदरसा बोर्ड के सचिव पद पर कार्यरत डॉ खुर्शीद आलम को हटा दिया गया है. उनकी जगह तत्काल दैनिक कार्य के निष्पादन के लिए बोर्ड के सहायक सचिव मुख्तार हुसैन खान को प्रभारी सचिव के रूप में कार्यभार दिया गया है. मंगलवार को एक कड़ा फैसला लेते हुए बोर्ड के अध्यक्ष ने यह […]
पटना: राज्य मदरसा बोर्ड के सचिव पद पर कार्यरत डॉ खुर्शीद आलम को हटा दिया गया है. उनकी जगह तत्काल दैनिक कार्य के निष्पादन के लिए बोर्ड के सहायक सचिव मुख्तार हुसैन खान को प्रभारी सचिव के रूप में कार्यभार दिया गया है. मंगलवार को एक कड़ा फैसला लेते हुए बोर्ड के अध्यक्ष ने यह कदम उठाया है. बोर्ड के अध्यक्ष डॉ सैयद मोहिब-उल हसन ने यह कदम उस समय उठाया जब कार्यालय के कामों की समीक्षा करने के बाद पता चला कि बोर्ड के कई महत्वपूर्ण कार्य सचिव की लापरवाही के कारण नहीं हो पा रहा है. कई ऐसे काम भी थे जो उच्च न्यायालय के आदेश के तहत होना था. बोर्ड सूत्रों के मुताबिक काम में अनियमितता और सत्र को विलंब करने के कारण सचिव को हटाया गया.
सचिव पर लगे आरोप
डॉ आलम की स्वीकृति नहीं होने के कारण प्रदेश के मदरसा के शिक्षकों को आठ माह से वेतन नहीं दिया जा सका है जबकि अध्यक्ष के स्तर से 3 मार्च को ही वेतन संबंधित संचिकाओं को स्वीकृति दी गयी थी. अगर 31 मार्च तक शिक्षकों में वेतन का भुगतान नहीं किया गया तो सारी राशि वापस करनी होगी. इसके अलावा मुजफ्फरपुर जिला के मदरसा जामिया की स्थल की भी जांच की गयी. अनुमोदन का पत्र भी सचिव को उच्च न्यायालय के आदेश पर निर्गत किया गया,लेकिन सचिव ने कोई कार्रवाई नहीं की. वस्तानिया की परीक्षा 21 फरवरी से 26 फरवरी के बीच हुई.
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