इतना ही नहीं, सभी वार्ड पार्षदों से सुझाव भी मांगे गये थे, लेकिन इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गयी. वहीं हाइकोर्ट के आदेश को पालन करने के आलोक में तत्कालीन नगर आयुक्त ने सालों भर नाला उड़ाही कराने का निर्णय लिया. वहीं अपर नगर आयुक्त रहते दो बार और नगर आयुक्त पद पर रहते हुए दो बार कार्यपालक पदाधिकारियों को नाला उड़ाही का आदेश दिया जा चुका है. लेकिन एक बार भी निर्देश का पालन कार्यपालक पदाधिकारी ने नहीं किया है.
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नगर आयुक्त के आदेश की निकली हवा, नहीं शुरू हुआ नाला उड़ाही का काम, आप ‘डूबने’ को रहें तैयार
पटना: पिछले मॉनसून के दौरान निगम क्षेत्र में भयावह जलजमाव की समस्या बनी थी, तो इसके लिए मुख्यमंत्री, मंत्री व विभागीय सचिव ने निगम में चल रहे विवाद को ही जिम्मेवार बताया. हाइकोर्ट में मामला गया, तो उसने तत्कालीन अपर नगर आयुक्त व वर्तमान में नगर आयुक्त शीर्षत कपिल अशोक को जिम्मेवारी दी कि तीन […]
पटना: पिछले मॉनसून के दौरान निगम क्षेत्र में भयावह जलजमाव की समस्या बनी थी, तो इसके लिए मुख्यमंत्री, मंत्री व विभागीय सचिव ने निगम में चल रहे विवाद को ही जिम्मेवार बताया. हाइकोर्ट में मामला गया, तो उसने तत्कालीन अपर नगर आयुक्त व वर्तमान में नगर आयुक्त शीर्षत कपिल अशोक को जिम्मेवारी दी कि तीन माह के भीतर नाले के ऊपर से अतिक्रमण हटाने के साथ-साथ नाला उड़ाही का कार्य पूरा करना है.
तीन-चार माह तक डेली सफाई की जरूरत
निगम क्षेत्र में बड़े-छोटे खुले व भूगर्भ नालों की लंबाई 1200 किलोमीटर है. साथ ही 21 हजार से अधिक मैनहोल व 25 हजार से अधिक कैचपीट हैं. मॉनसून आने के पहले नालों, मैनहोल व कैचपीट की पूर्ण सफाई अनिवार्य है और यह तभी संभव है, जब तीन-चार तक डेली नालों की उड़ाही हो. सबसे बड़ी बात यह है कि हर हाल में 15 जून से पहले सफाई कार्य पूरा हो जाना चाहिए. ऐसे में आज से नाला उड़ाही कार्य शुरू किया जाये, तो एक हद तक 15 जून तक सफाई हो जायेगी. लेकिन स्थिति यह है कि आनेवाले दो-चार दिनों में नाला उड़ाही शुरू होने की उम्मीद भी नहीं है. ऐसे में लास्ट समय में आनन-फानन में ही नाला उड़ाही का काम हो सकता है, तब पैसे की बंदरबांट होगी.
नगर आयुक्त 22 तक गये छुट्टी पर
नगर आयुक्त शीर्षत कपिल अशोक ने अब तक कार्यपालक पदाधिकारियों को चार बार नाला उड़ाही कराने की तिथि निर्धारित कर पत्र भेज चुका है, लेकिन किसी निर्धारित तिथि पर नाला उड़ाही कार्य शुरू नहीं किया गया. वर्तमान समय निगम प्रशासन के लिए काफी महत्वपूर्ण है. इस महत्वपूर्ण समय का सही उपयोग किया गया, तो जलजमाव से जनता को राहत मिलेगी और नाला उड़ाही पर ध्यान नहीं दिया गया, तो लोग एक बार फिर समस्या से जूझने को तैयार रहे. हालांकि नगर आयुक्त 22 मार्च तक छुट्टी पर चले गये हैं और प्रभारी नगर आयुक्त का प्रभार सीता चौधरी के जिम्मे है. आधिकारिक सूत्रों की मानें तो नगर आयुक्त की छुट्टी आगे भी बढ़ सकती है.
सिर्फ हो रहा है टालमटोल
नाला उड़ाही को लेकर शुरुआती दिनों से ही टालमटोल किया जा रहा है. यही कारण है कि सालों भर होनेवाले नाला उड़ाही का कार्य समय आने पर भी नहीं किया जा रहा है. कभी कड़ाके की ठंड, तो कभी मजदूरों की कमी का बहाना बनाया गया. अब भाड़े पर लिये जानेवाले उपकरणों के रेट का बहाना बनाया जा रहा है. जबकि, निगम मुख्यालय ने टेंडर निकाल कर रेट तय कर दिया है, लेकिन यह रेट अंचल कार्यालय में नहीं पहुंचा है. इससे नाला उड़ाही का कार्य लटका हुआ है.
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