मुख्य न्यायाधीश एल नरसिम्हा रेडी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने गुरुवार को कहा कि एकल पीठ के निर्णय को निलंबित रखते हुए विस्तृत सुनवाई बाद में करने का निर्देश दिया. कोर्ट को बताया गया कि जिस नियम के हवाले टॉल प्लाजा रोकने का निर्देश दिया गया था, वह सही नहीं है. एनएचआइए ने एकल पीठ के निर्णय के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की थी. एनएचआइए की ओर से वरीय अधिवक्ता विनोद कुमार कंठ ने कहा कि जिस सड़क के पांच किमी के दायरे में पुल-पुलिया या टनल का निर्माण नहीं होता है, वहां टॉल प्लाजा नहीं लगाने का प्रावधान है.
कंठ ने कहा कि इस सड़क पर बड़े पुल-पुलिया बने हैं और सबसे अधिक बड़े वाहनों के विक्रे ता इस सड़क पर हैं, जो सबसे अधिक इसका उपयोग करेंगे. एनएचआइए ने कहा कि सड़क बनाने पर 744 करोड़ खर्च हो चुके हैं, जिनकी वसूली जरूरी है. न्यू बाइपास सड़क पर दीदारगंज के करीब टॉल प्लाजा लगाने की योजना थी, जिसे हाइकोर्ट की एकल पीठ ने रोक लगा दी थी.