तकनीकी स्वीकृति न मिलने के कारण दो वर्षों से अटका है कटाव निरोधक कार्य कटाव निरोधक कार्य न हुआ, तो बाढ़ में डूब जायेगा 89 हजार हेक्टेयर क्षेत्र सर्वेक्षण रिपोर्ट की आशंका के बाद हरकत में आया जल संसाधन विभाग अप्रैल में होगा पतहरा-छटकी तटबंध के कटाव निरोधक कार्य का टेंडर फाइनल संवाददाता, पटना सीवान में पतहरा-छटकी तटबंध दो वर्षों से कटाव झेल रहा है. पतहरा-छटकी तटबंध का कटाव निरोधक कार्य कराने के लिए जल संसाधन विभाग ने प्रशासनिक स्वीकृति तो दे दी, पर अभी तक तकनीकी स्वीकृति नहीं मिलने से कटाव निरोधक काम का टेंडर फाइनल नहीं हो पया है. जल संसाधन विभाग पतहरा-छटकी तटबंध के कटाव निरोधक कार्य पर 10 करोड़ रुपये खर्च करेगा. सीवान में पतहरा-छटकी तटबंध 9.57 किलो मीटर में बना है, किंतु कटाव निरोधक कार्य नहीं हो पाने के कारण तटबंध की सेहत जगह-जगह बिगड़ रही है. जल संसाधन विभाग की सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि शीघ्र की पतहरा-छटकी तटबंध का कटाव निरोधक कार्य नहीं कराया गया, तो बाढ़ के समय आस-पास के इलाकों में बड़ी क्षति हो सकती है. पतहरा-छटकी तटबंध के आस-पास के इलाकों में 89 हजार हेक्टेयर में खेती होती है. कटाव निरोधक कार्य नहीं होने के कारण बाढ़ के समय 89 हजार हेक्टेयर के डूबने की आशंका जतायी गयी है. पतहरा-छटकी तटबंध पर सर्वेक्षण रिपोर्ट मिलने के बाद जल संसाधन विभाग हरकत में आया है. जल संसाधन विभाग ने पतहरा-छटकी तटबंध के कटाव निरोधक कार्य की तकनीकी स्वीकृति दिलाने के लिए अधिकारियों को प्राक्कलन बनाने का निर्देश दिया है. विभाग पतहरा-छटकी तटबंध के कटाव निरोधक कार्य का अप्रैल माह में टेंडर फाइनल करायेगा.
दो वर्षों से कटाव झेल रहा सीवान का पतहरा-छटकी तटबंध
तकनीकी स्वीकृति न मिलने के कारण दो वर्षों से अटका है कटाव निरोधक कार्य कटाव निरोधक कार्य न हुआ, तो बाढ़ में डूब जायेगा 89 हजार हेक्टेयर क्षेत्र सर्वेक्षण रिपोर्ट की आशंका के बाद हरकत में आया जल संसाधन विभाग अप्रैल में होगा पतहरा-छटकी तटबंध के कटाव निरोधक कार्य का टेंडर फाइनल संवाददाता, पटना सीवान […]
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