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मेघालय के विवि के नाम पर बनाया ट्रस्ट, बांटीं डिग्रियां

पटना. मेघालय की राजधानी शिलांग में टेक्नो ग्लोबल यूनिवर्सिटी का अभी भवन भी नहीं बना और न ही पढ़ाई शुरू हुई, लेकिन उस यूनिवर्सिटी के फर्जी सर्टिफिकेट छात्रों के पास पहुंचने लगे हैं. छात्रों से लाखों रुपये लेकर इस यूनिवर्सिटी में एडमिशन कराने व उन्हें फर्जी सर्टिफिकेट देने का गोरखधंधा दिल्ली व पटना में चल […]

पटना. मेघालय की राजधानी शिलांग में टेक्नो ग्लोबल यूनिवर्सिटी का अभी भवन भी नहीं बना और न ही पढ़ाई शुरू हुई, लेकिन उस यूनिवर्सिटी के फर्जी सर्टिफिकेट छात्रों के पास पहुंचने लगे हैं. छात्रों से लाखों रुपये लेकर इस यूनिवर्सिटी में एडमिशन कराने व उन्हें फर्जी सर्टिफिकेट देने का गोरखधंधा दिल्ली व पटना में चल रहा था.

यह गोरखधंधा करनेवाले दंपती संजीव श्रीवास्तव व पूजा श्रीवास्तव को मेघालय पुलिस की टीम ने बुधवार को यहां शास्त्री नगर थाने के शिवपुरी रोड संख्या एक स्थित रामचंद्र एन्क्लेव के ब्लॉक संख्या ए के फ्लैट संख्या 201 से गिरफ्तार किया. फ्लैट से 17 लाख नकद, कंप्यूटर, लैपटॉप, प्रिंटर व टेक्नो ग्लोबल यूनिवर्सिटी अंकित खाली मार्कशीट, सर्टिफिकेट व अन्य दस्तावेज बरामद किये गये हैं. मेघालय पुलिस ने दंपती को पटना सिविल कोर्ट में पेश किया और ट्रांजिट रिमांड पर लेकर लौट गयी.

इस यूनिवर्सिटी को 2012 में मेघालय सरकार से पढ़ाई शुरू करने व सर्टिफिकेट देने की अनुमति मिली थी. अभी यह निर्माणाधीन है. यूनिवर्सिटी ने अपनी वेबसाइट टेक्नो ग्लोबल यूनिवर्सिटी डॉट कॉम बनना रखी थी. इसी बीच वर्ष 2013 में यूनिवर्सिटी में कई विभागों से सर्टिफिकेट वेरीफिकेशन के लिए पत्र आये, तो यूनिवर्सिटी प्रशासन को शक हुआ. 17 जून, 2013 को यूनिवर्सिटी के कुलपति ने शिलांग के मकोलई थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी. पश्चिम बंगाल में भी तीन थानों में अलग-अलग प्राथमिकियां दर्ज करायी गयी. इस मामले में पश्चिम बंगाल पुलिस ने आलम व हरीश को पकड़ा था. लेकिन, इन लोगों से भी सरगना की जानकारी नहीं मिल पायी थी. ये लोग फिलहाल जमानत पर हैं.
अनुसंधान में मेघालय पुलिस को पता चला कि टेक्नो ग्लोबल यूनिवर्सिटी के नाम से जालसाजों ने डॉट कॉम के बजाय डॉट ओआरजी से फर्जी वेबसाइट बना रखी थी. उन्होंने दिल्ली में टेक्नो ग्लोबल यूनिवर्सिटी के नाम से एक ट्रस्ट भी बना रखा है. इसके संचालक संजीव श्रीवास्तव का उसका आइसीआइसीआइ बैंक में एक एकाउंट का नंबर मिला, जिससे पता चला कि इससे पैसे कहां-कहां ट्रांसफर हुआ है. इसी से पता चला कि पटना में पूजा श्रीवास्तव के आइसीआइसीआइ बैंक के एकाउंट से लाखों रुपये कई बार ट्रांसफर किये गये. पुलिस ने पूजा के बैंक एकाउंट के डिटेल में दिये गये मोबाइल नंबर को निकाल लिया और कॉल डिटेल निकाला. फिर मेघालय पुलिस टीम के इंस्पेक्टर बीके मिश्र ने किसी तरह से पूजा से संजीव के पटना स्थित आवास का पता ले लिया. इसके बाद पुलिस टीम पटना पहुंची और अपार्टमेंट से पकड़ लिया गया.

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