— गेहूं,मकई और गरमा फसलों के लिए अमृत– आम-लीची के लिए भी फायदेमंद संवाददाता,पटनाअचानक हुई बारिश से भले ही लोगों की परेशानी बढ़ गयी हो,लेकिन किसानों के लिए बारिश खुशखबरी से कम नहीं है. खासकर गेहूं और मकई के लिए इस समय की बारिश को अमृत के समान माना जाता है. वजह इस समय गेहूं का दाना पुष्ट होता है और मकई में दाना बनता है. इस अवधि में किसानों को अच्छी उपज के लिए पटवन करना होता है. बारिश से किसानों को कम से कम एक पटवन की डीजल की बचत हुई है. कृषि वैज्ञानिक अनिल कुमार झा ने बताया कि इस बारिश से किसानों को जहां एक पटवन की बचत हुई है वहीं गरमा फसल की खेती के लिए खेत में नमी उपलब्ध होगा. गरमा फसल की अच्छी उपज होगी. किसानों को चाहिए कि इसी नमी का फायदा उठाते हुए मूंग और ढैंचा की खेती करें. तीन बाद हुई बारिश के बारे में वैज्ञानिक ने कहा कि आम और लीची के मंजर में पानी की कमी के कारण ड्राइनैस (नमी की कमी) के कारण पाउडरी मिलडीउ की बीमारी होती है. बारिश से समस्या का समाधान हो गया है. आने वले समय में बड़े पैमाने पर सब्जी की खेती होगी. इसके लिए किसानों को अलग से पटवन पर खर्च नहीं करना होगा. कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि बारिश से राई और दलहन की तैयार फसल को थोड़ी क्षति होगी क्योंकि यह फसल किसानों के खलिहान में आ चुका है. ऐसे में नमी से इन दोनों फसलों की क्षति हो सकती है.
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बारिश से किसानों को मिली राहत
— गेहूं,मकई और गरमा फसलों के लिए अमृत– आम-लीची के लिए भी फायदेमंद संवाददाता,पटनाअचानक हुई बारिश से भले ही लोगों की परेशानी बढ़ गयी हो,लेकिन किसानों के लिए बारिश खुशखबरी से कम नहीं है. खासकर गेहूं और मकई के लिए इस समय की बारिश को अमृत के समान माना जाता है. वजह इस समय गेहूं […]
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