पटना: नगर निगम क्षेत्र में 362 नये भवनों के निर्माण पर रोक लगा दी गयी है. ये वैसे भवन है, जिनके मालिकों को नगर निगम ने नोटिस दिया था और सभी कागजात, नक्शे का सत्यापन कराने को कहा था. लेकिन, तय तिथि में कागजात नहीं जमा करने के कारण निर्माण पर रोक लगा दी गयी है. इस संबंध में संबंधित थानों को निर्देश दिया गया है. इनमें सबसे अधिक 292 भवन नूतन राजधानी अंचल में, 49 भवन पटना सिटी अंचल में और 21 भवन कंकड़बाग अंचल में स्थित हैं.
ये भवन 20 फुट या उससे अधिक चौड़ी सड़क किनारे स्थित हैं, लेकिन कागजात नहीं जमा करने के कारण इनके निर्माण पर फिर रोक लगायी गयी है. हाइकोर्ट के निर्देश के बाद नगर निगम ने इनमें भूखंड की किस्म, प्लान केस संख्या, वास्तुविद का नाम, सक्षम प्राधिकार द्वारा पारित नक्शे की कॉपी, प्लानिंग रिपोर्ट और आवासीय व वाणिज्यिक उपयोग और ऊंचाई से संबधित जानकारी मांग थी. लेकिन, नूतन राजधानी अंचल में स्थित 606 भवनों में से 314, कंकड़बाग में स्थित 53 में से 32 और पटना सिटी अंचल में स्थित 58 में से नौ ने ही कागजात जमा कराये.
पहले भी लगी 449 भवनों के निर्माण पर लगी है रोक
नगर निगम क्षेत्र में बन रहे 449 अपार्टमेंटों के निर्माण पर जुलाई में रोक लगायी गयी है. इसकी लिस्ट भी संबंधित थानों को सौंपी गयी है. मई में हाइकोर्ट ने निगम को निर्देश दिया था कि राजधानी में नक्शे का विचलन या बिल्डिंग बाइलॉज का उल्लंघन कर बन रही इमारतों पर तत्काल रोक लगायी जाये और फिर उसे तोड़ा जाये. इस निर्देश के आलोक में नगर आयुक्त कुलदीप नारायण ने चारों अंचल कार्यपालक पदाधिकारियों को आदेश दिया था कि अपने-अपने अंचल में चल रहे अवैध निर्माण की सूची तैयार कराने के साथ साथ वीडियोग्राफी कराये.
कार्यपालक पदाधिकारियों ने सूची तैयार कर 449 अपार्टमेंटों के निर्माण पर रोक लगा दी. ये 449 अपार्टमेंट कहां और किस थाना क्षेत्र में हैं, इसकी सूची थानों को उपलब्ध करा दी गयी. इसके साथ निगम प्रशासन ने अवैध तरीके से अपार्टमेंट बनानेवाले 771 अन्य बिल्डरों व अपार्टमेंट मालिकों को नोटिस भेजा था. नोटिस मिलने के एक सप्ताह में स्वीकृत नक्शा और अपार्टमेंट से संबंधित सभी कागजात का सत्यापन निगम प्रशासन से कराना था.