संवाददाता, पटना सहकारिता के क्षेत्र में बेहतर योगदान देने वाले में एक नाम स्वर्गीय तपेश्वर बाबू का है. वे सहकारिता के माध्यम से बिहार के किसानों का विकास संभव हो सका है.उन्होंने न केवल किसानों के हित में काम किया, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में भी योगदान दिया. ये कहना है केरल के पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार का. वे शुक्रवार को तपेश्वर सिंह स्मृति संस्थान के तत्वावधान में आयोजित राष्ट्र सहकारिता आंदोलन के प्रणेता स्व तपेश्वर सिंह की 24 वीं पुण्यतिथि समारोह में बोल रहे थे.उन्होंनेस्वर्गीय सिंह के सहकारिता के क्षेत्रों में किये गये कार्यों की चर्चा की. बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष अनिल सुलभ ने कहा कि उनके कार्यों को लोग जान सकें. इसके लिए बिस्कोमान का नाम उनके नाम पर रखा जाना चाहिए. सेवानिवृत राम उपदेश सिंह ने उनके कार्यों की सराहना की. मौके पर संस्थान के महासचिव डॉ. अजय कुमार सिंह, बिहार सहकारी भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष विजय कुमार सिंह, कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष लाल बाबू लाल समेत कई उपस्थित रहें.
तपेश्वर बाबू के नाम पर रखा जाये विस्कोमान का नाम
संवाददाता, पटना सहकारिता के क्षेत्र में बेहतर योगदान देने वाले में एक नाम स्वर्गीय तपेश्वर बाबू का है. वे सहकारिता के माध्यम से बिहार के किसानों का विकास संभव हो सका है.उन्होंने न केवल किसानों के हित में काम किया, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में भी योगदान दिया. ये कहना है केरल के पूर्व राज्यपाल […]
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