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5 मार्च से होगा सभी मनरेगा मजदूरों का ऑनलाइन पेमेंट

पटना: मनरेगा में पारदर्शिता लाने और मजदूरों को सीधे बैंक खाते में ऑनलाइन पेमेंट करने की नयी व्यवस्था पूरे राज्य में 5 मार्च से लागू हो जायेगी. इसकी तैयारी ग्रामीण विकास विभाग ने कर ली है. ई-एफएमएस (इलेक्ट्रॉनिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम) नामक इस नयी सुविधा को पूरी मुस्तैदी से लागू करने के लिए बुधवार को […]

पटना: मनरेगा में पारदर्शिता लाने और मजदूरों को सीधे बैंक खाते में ऑनलाइन पेमेंट करने की नयी व्यवस्था पूरे राज्य में 5 मार्च से लागू हो जायेगी. इसकी तैयारी ग्रामीण विकास विभाग ने कर ली है.

ई-एफएमएस (इलेक्ट्रॉनिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम) नामक इस नयी सुविधा को पूरी मुस्तैदी से लागू करने के लिए बुधवार को अधिवेशन भवन में एक राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसका उद्घाटन ग्रमीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने विभाग का प्रभार ग्रहण करने के बाद किया. उन्होंने कहा कि इससे मनरेगा में पारदर्शिता बढ़ेगी.

बिचौलियों की भूमिका पूरी तरह से खत्म हो जायेगी. मनरेगा के सारे खाते बैंकों में जल्द से ट्रांसफर कर दिये जायेंगे. इस ऑनलाइन व्यवस्था से मनरेगा में काम करने वाले सभी मजदूर का डिटेल वेबसाइट पर देखा जा सकता है. किसके खाते में कब कितने रुपये गये समेत अन्य बातों की विस्तृत जानकारी आसानी से प्राप्त की जा सकती है. किसी तरह का फर्जीवाड़ा नहीं हो पायेगा.

कार्यशाला में करीब 300 मास्टर ट्रेनरों को इस नई व्यवस्था का प्रशिक्षण दिया गया. ये ट्रेनर सभी प्रखंड स्तर पर जाकर संबंधित कर्मचारियों को इसकी ट्रेनिंग देंगे. ताकि निर्धारित समय पर यह सुविधा लागू हो सके. राज्य में मनरेगा के तहत 57 लाख मजदूरों के खाते खुले हुए हैं, जिसमें 35 लाख खाते ही सक्रिय या एक्टिव हैं. 35 लाख में 22 लाख खाते पोस्ट ऑफिस और 13 लाख खाते बैंक में हैं. रोजाना करीब 8-10 हजार खातों को पोस्ट ऑफिर से बैंक में ट्रांसफर किया जा रहा है. इन बैंक खातों में प्रधानमंत्री जन-धन योजना से भी जोड़ा जा रहा है. ट्रेनिंग देने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रलय से भी कई अधिकारी आये हुए थे. इसके अलावा विभाग की तरफ से सुमित अग्रवाल, शुभेंदु सान्याल के अलावा डीएफआइडी के अन्य पदाधिकारी मौजूद थे. ट्रेनिंग लेने वालों में डीआरडीए, पीओ, कंप्यूटर ऑपरेटर समेत अन्य शामिल थे.
ये होंगे खास इसमें
मजदूरों की मजदूरी सीधे बैंक खाते में आयेगी
पंचायत या प्रखंड स्तर पर किसी खाते में मनरेगा के रुपये नहीं पड़े रहेंगे
राज्य स्तर पर मनरेगा के अंतर्गत एक ही एकाउंट होगा
इसी एकाउंट से सारे लेन-देन की प्रक्रिया पूरी की जायेगी
बीडीओ इसमें चेकर और मनरेगा एकाउंटेंट मेकर की भूमिका में होंगे
दोनों ऑनलाइन मजदूरी का हिसाब जेनरेट करके इसकी मंजूरी दे देंगे
इनकी मंजूरी के बाद पैसे ऑनलाइन मजदूर के खाते में चले जायेंगे
इसके लिए सभी संबंधित पदाधिकारियों को डिजिटल सिगनेचर सर्टिफिकेट जारी किया जायेगा

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