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नक्शे पर बहाना, कभी गजट, कभी इंजीनियर
गजट प्रकाशन के 21 दिन बाद भी नक्शा स्वीकृति का काम शुरू नहीं नक्शा पारित करने के दो हजार आवेदन लंबित, निगम कार्यालय की लगा रहे दौड़ पटना : पहले बिल्डिंग बायलॉज, फिर गजट और अब अभियंताओं की कमी का बहाना. जी हां, नगर निगम की इसी कार्यप्रणाली की वजह से ढाई साल से शहर […]
गजट प्रकाशन के 21 दिन बाद भी नक्शा स्वीकृति का काम शुरू नहीं
नक्शा पारित करने के दो हजार आवेदन लंबित, निगम कार्यालय की लगा रहे दौड़
पटना : पहले बिल्डिंग बायलॉज, फिर गजट और अब अभियंताओं की कमी का बहाना. जी हां, नगर निगम की इसी कार्यप्रणाली की वजह से ढाई साल से शहर के लोगों का अपने घर का सपना साकार नहीं हो पा रहा है. निगम की सुस्त कार्यप्रणाली के चलते ढाई साल पहले नक्शा पारित किये जाने पर लगी रोक अब तक नहीं हटी है, जिसके चलते आम लोग से लेकर बिल्डर व वास्तुविद् तक हर दिन नगर निगम कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं.
हाइकोर्ट में नरेंद्र मिश्र बनाम राज्य सरकार में मई 2012 में फैसला आया, जिसमें कहा गया कि निगम क्षेत्र में बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन कर बनाये जा रहे निर्माणाधीन मकान या इमारत पर कार्रवाई करें. इसके बाद से निगम प्रशासन ने नक्शा पारित करने पर रोक लगाने का आदेश जारी किया, जो आज तक जारी है. इसके दौरान करीब 1200 लोगों ने प्लानिंग रिपोर्ट लेने के लिए आवेदन जमा किया है. फिलहाल हर दिन 50-60 प्लानिंग रिपोर्ट निर्गत की जा रही है, लेकिन उसके बाद की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही. प्लानिंग रिपोर्ट बनने के बाद आवेदक वास्तुविद् से नक्शा बनवाता है, जिसकी जांच के बाद नगर आयुक्त उसकी स्वीकृति देते हैं. एक अनुमान के तहत अब तक शहर में दो हजार से अधिक लोगों को नक्शा पारित कराना है.
अधिकारियों की कमी से रुका है काम
प्लानिंग शाखा के निदेशक को वर्तमान में तीन पद संभाल रहे हैं. इसमें प्लानिंग शाखा के निदेशक, मुख्य अभियंता और नूतन राजधानी अंचल के कार्यपालक अभियंता शामिल हैं. वहीं, प्लानिंग शाखा में 105 कनीय अभियंताओं के पद स्वीकृत हैं, जबकि सिर्फ चार कनीय अभियंता कार्यरत हैं. इतना ही नहीं, उप निदेशक के तीन पद, सहायक निदेशक के चार पद, अधीक्षण अभियंता के तीन पद और कार्यपालक अभियंता के दस पद स्वीकृत हैं, लेकिन सभी पद खाली हैं.
अनुशंसित नक्शे की स्थल जांच के सत्यापित करना मुश्किल हो गया है, जिससे नक्शा पारित करने का काम शुरू नहीं हो सका है.
गजट को लेकर हुआ था विवाद
बिहार सरकार ने न्यू बिल्डिंग बाइलॉज को कैबिनेट से मंजूरी मिली, तो आम लोगों के साथ रियल एस्टेट से जुड़े लोगों को लगा अब निगम से नक्शा पारित करने का काम शुरू हो जायेगा. लेकिन, तत्कालीन नगर आयुक्त कुलदीप नारायण ने कहा कि बाइलॉज प्रकाशित से काम नहीं चलेगा, गजट प्रकाशित होने के बाद ही नक्शा पारित करने का काम शुरू किया जायेगा. हालांकि, विभागीय मंत्री ने घोषणा की थी कि गजट कोई बाधा नहीं है. इसके बावजूद 29 जनवरी को गजट प्रकाशित हो गया.
अभियंताओं की कमी है. सीमित संसाधन में अतिक्रमण हटाना, योजनाओं को क्रियान्वयन कराना और योजना बनायी जा रही है. इस स्थिति में नक्शा पारित करने में मुश्किल है. इसको लेकर विभाग से अभियंताओं की मांग करेंगे और अभियंता की प्रतिनियुक्ति होने के बाद नक्शा पारित होना शुरू हो जायेगा.’
शीर्षत कपिल अशोक, नगर आयुक्त, पटना नगर निगम
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