पटना: मां का दूध नवजात शिशु के लिए अमृत समान है. स्तनपान कराने से मां की सेहत ठीक रहती है. व्यक्तित्व के संपूर्ण विकास में यह एक सहायक तत्व है. उक्त बातें स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ सारिका राय ने शिवम हॉस्पिटल कंकड़बाग में आयोजित एक समारोह में कहीं. उन्होंने कहा कि प्रसव के तत्काल बाद स्तनपान कराने से ऑक्सीटोसिन हार्मोन निकलता है, जो प्लेसेंटा को अलग करने में मदद करता है. साथ ही प्रसूति के रक्तस्नव को भी काफी कम करता है. शुरू में दो-तीन दिन तक गाढ़े पीले रंग का दूध आता है, जिसे कोलस्ट्रम कहते हैं. बांझपन रोग विशेषज्ञ डॉ हिमांशु राय ने कहा कि शिशु को मां का दूध नहीं देना कानूनी अपराध है. कृत्रिम दूध व बोतल का प्रचार भी शिशु आहार अधिनियम 1993 के तहत जुर्म माना गया. इसके लिए तीन वर्ष सजा का प्रावधान है. डॉ दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि मां के दूध में विटामिन व काबरेहाइड्रेट की प्रचुरता होती है.
छह माह तक दें मां का दूध
यदि मां अपना दूध जन्म के तुरंत बाद से शिशु को दे तो बच्चे में रोग निरोधक क्षमता कई गुना बढ़ जाती है. इतना ही नहीं, बच्चों का मानसिक एवं शारीरिक विकास भी समुचित होता है. उक्त बातें शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ उत्पल कांत सिंह ने स्तनपान सप्ताह के समापन समारोह में कहीं. अध्यक्षता करते हुए डॉ एसके कृष्णा ने कहा कि शिशु के लिए स्तनपान से अच्छा कोई आहार नहीं है.
पोषण पर वीडियो शो
भारत सरकार के सामुदायिक खाद्य व पोषण विस्तार इकाई की ओर से पोषण विषय पर वीडियो शो का आयोजन किया गया. उद्घाटन सीडीपीओ, पटना ने किया. प्रदर्शन अधिकारी दिलीप कुमार ने कहा मां का दूध अमृत है. कार्यक्रम में पटना ग्रामीण तथा पटना सदर की आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका व अन्य थे.