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बिस्कोमान टावर उड़ाने की दी थी धमकी, पकड़ा गया

पटना: डायल 100 पर बिस्कोमान टावर को उड़ाने की धमकी देकर पुलिस के लिए परेशानी का सबब बने रसोइया सुबोध मंडल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से चार मोबाइल फोन व विभिन्न कंपनियों के सिम कार्ड बरामद किये गये हैं. वह मूल रूप से सीतामढ़ी के चंदौली के बेलसड़ का रहनेवाला है […]

पटना: डायल 100 पर बिस्कोमान टावर को उड़ाने की धमकी देकर पुलिस के लिए परेशानी का सबब बने रसोइया सुबोध मंडल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से चार मोबाइल फोन व विभिन्न कंपनियों के सिम कार्ड बरामद किये गये हैं. वह मूल रूप से सीतामढ़ी के चंदौली के बेलसड़ का रहनेवाला है तथा फिलहाल वह कुर्जी स्थित गीतांजलि अपार्टमेंट में रहता था. उसने पुलिस को बताया कि वह शराब के नशे में धुत होने के कारण धमकी दिया था.

उसके पास से वह सिम कार्ड भी बरामद कर लिया गया है, जिससे वह धमकी भरा कॉल करता था. सिटी एसपी (मध्य) चंदन कुमार कुशवाहा के नेतृत्व में अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) विवेकानंद, गांधी मैदान थानाध्यक्ष राजेश कुमार शर्मा के नेतृत्व में टीम को यह जानकारी मिली कि सुबोध छज्जुबाग इलाके में रहता है. इसके बाद उसे छापेमारी कर पकड़ लिया गया. एसएसपी जितेंद्र राणा ने बताया कि गिरफ्तार से पूछताछ व प्राप्त दस्तावेजों व अनुसंधान में यह स्पष्ट है कि उसके द्वारा ही धमकी दी जा रही थी. उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.

चार फरवरी को किया था पहला कॉल
सुबोध मंडल ने चार फरवरी को पहला कॉल डायल 100 पर मोबाइल संख्या 8804556371 से किया और बिस्कोमान टावर को उड़ाने की धमकी दी. इसके बाद पुन: उसने पांच व सात फरवरी की रात फोन कर यह धमकी दी कि नौ फरवरी की संध्या छह बजे के आसपास बिस्कोमान टावर को उड़ा दिया जायेगा. लगातार आ रहे धमकी भरे कॉल से पुलिस परेशान हो गयी और बिस्कोमान के आसपास 24 घंटे पुलिस बल की तैनाती सादे वेश में कर दी गयी.
रंजीत का सिम यूज कर रहा था सुबोध
पुलिस ने जब उक्त नंबर के बारे में जानकारी ली, तो पता चला कि वह सिम कार्ड बिहार विधानसभा में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी रंजीत पासवान का है और उसका घर हवाई अड्डा थाने के कौशल नगर पोलो रोड में है. पुलिस तुरंत वहां जाकर रंजीत को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया गया. रंजीत ने पूछताछ में बताया कि उसने एक सितंबर, 2014 को वह सिम पुनाईचक के सुनील कम्यूनिकेशन से लिया था और उसका इस्तेमाल उसकी पत्नी कर रही थी. 14 जनवरी को जब उसकी पत्नी कदमकुआं स्थित आयुर्वेदिक अस्पताल में भरती थी, तो उसका मोबाइल फोन गुम हो गया. उसने इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को नहीं दी थी. अनुसंधान के बाद पुलिस को पता चला कि इसमें रंजीत पासवान की भूमिका नहीं है. काफी मशक्कत के बाद जानकारी मिली कि उस नंबर का प्रयोग सुबोध मंडल कर रहा है.

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