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शंकर गैंग मांग रहा हिसाब, निशाने पर मनोज

54 लाख का रहस्य रंगदारी की रकम वसूलने के लिए दुजरा स्थित दुकान से की गयी 82 हजार की लूट शंकर को शक है कि बिरजू की हत्या के बाद मनोज ने रख लिये हैं 54 लाख रुपये पटना : दुजरा की आटा चक्की दुकान में हुए 82 हजार के लूटकांड के पीछे 54 लाख […]

54 लाख का रहस्य
रंगदारी की रकम वसूलने के लिए दुजरा स्थित दुकान से की गयी 82 हजार की लूट
शंकर को शक है कि बिरजू की हत्या के बाद मनोज ने रख लिये हैं 54 लाख रुपये
पटना : दुजरा की आटा चक्की दुकान में हुए 82 हजार के लूटकांड के पीछे 54 लाख रुपये के बंटवारे के विवाद की बात सामने आयी है. शंकर गैंग को शक है कि शातिर अपराधी बिरजू की हत्या के बाद उसके द्वारा रंगदारी में वसूले गये 54 लाख रुपये दुकान के मालिक मनोज कुमार साह के पास है.
बिरजू की हत्या के बाद से शंकर गैंग लगातार रंगदारी की राशि में से अपना हिस्सा मांग रहा है. तभी से मनोज टारगेट पर है. उस पर चार बार हमले किये जा चुके हैं. हमले के आरोप में शंकर अपने गुर्गो के साथ जेल गया था. दो माह पहले उसके जेल से निकलने के बाद एक बार फिर रंगदारी की धनराशि में हिस्सेदारी की मांग तेज हो गयी है.
संदेश भेज दी धमकी
शंकर ने मनोज को संदेश भेज जल्द मिलने की बात कही थी, लेकिन जब उसने संपर्क नहीं किया तो नौ फरवरी को दिनदहाड़े उसकी दुकान में लूटपाट कर ली. घटना को अंजाम देने के दौरान अपराधी यह संदेश छोड़ गये हैं कि अब उन्हें 10 नहीं, 20 लाख चाहिए, नहीं तो अंजाम बुरा होगा. उधर जिस तरह से दुकान में लूटपाट के बाद रंगदारी मांगी गयी है, उससे शंकर गैंग की गिरफ्तारी पुलिस के लिए चुनौती बन गयी है. पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है, लेकिन अब तक कोई गिरफ्तार नहीं हुआ है.
गुप्ता जी के नाम से थी ठेकेदार की पहचान
बालू ठेकेदार की पहचान गुप्ता जी के नाम से थी. जब उसने बालू की ढुलाई से मोटा पैसा कमा लिया, तो रंगदारों की निगाह उस पर गड़ गयी. सबसे पहले बुद्धा कॉलोनी में रहनेवाले शातिर अपराधी बिरजू ने उससे रंगदारी वसूलनी शुरू की. पुलिस सूत्रों के मुताबिक कई किस्तों में गुप्ता ने कुल 54 लाख रुपये की रंगदारी बिरजू को दी थी. इसके बाद शंकर गैंग और संतोष नाम के अपराधी ने भी रंगदारी मांगनी शुरू कर दी.
गुप्ता ने जब यह बात बिरजू को बतायी तो बिरजू व संतोष में ठन गयी. इसके बाद (करीब दो साल पहले) बिरजू की हत्या करा दी गयी. इस हत्या में संतोष का नाम आया था. लेकिन खास बात यह रही कि बिरजू की हत्या के बाद भी रंगदारी के 54 लाख हत्या के आरोपितों के हाथ नहीं लगे.
मनोज के पास रखता था रंगदारी का पैसा
शंकर व संतोष को भनक लगी कि बिरजू का मनोज कुमार साह से संबंध था. बिरजू रंगदारी का पैसा मनोज के पास ही रखता था. इसी शक के बाद मनोज शंकर गैंग के टारगेट पर आ गया है. शंकर का कहना था कि उसने गुप्ता से 10 लाख की रंगदारी मांगी थी, लेकिन सारा पैसा बिरजू ने वसूल लिया था, इसलिए बिरजू की हत्या के बाद उसे 10 लाख चाहिए. इसी बात को लेकर जुलाई 2013 में मनोज के घर पर हमला किया गया.
गोली और बमबाजी की गयी, लेकिन मनोज बच गया. इस मामले में शंकर गैंग जेल चला गया. अब दोबारा जेल से छूटने के बाद 54 लाख का विवाद उभर गया है. वह शंकर गैंग के निशाने पर आ गया है. हालांकि मनोज ने पुलिस के सामने इस तरह की किसी भी धनराशि रखने से इनकार किया है.

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