— जलसंसाधन विभाग के अभियंताओं का प्रशिक्षण शिविर– 13 तक चलेगा शिविरसंवाददाता, पटना बिहार में 24.40 लाख हेक्टेयर में सिंचाई योजनाओं की जरूरत है. मध्यम एवं वृहत सिंचाई योजनाओं के माध्यम से 53.53 लाख हेक्टेयर में सिंचाई हो रही है. मार्च,2013 तक की रिपोर्ट के अनुसार 29.13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में वृहत एवं मध्यम योजनाओं से सिंचाई हुई है. उक्त बातें मंगलवार को राष्ट्रीय जल अकादमी,पुणे के निदेशक डीएस चासकर ने कही. वह वाल्मी में जल संसाधन विभाग के 30 सहायक अभियंता और प्राक्कलन पदाधिकारियों के प्रशिक्षण शिविर को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि बिहार की जो भौगोलिक स्थिति है. उसे देखते हुए बराज और बियर सिंचाई योजनाओं का निर्माण किया जाना चाहिए. बराज और बियर सिंचाई योजनाओं से बिहार में बड़े पैमाने पर सिंचाई हो सकती है. केंद्रीय जल आयोग के निदेशक एसके शर्मा ने कहा कि बिहार के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है. कृषि क्षेत्र की उत्पादकता बढ़ाने के लिए सिंचाई क्षमता तेजी से बढ़ाने की जरूरत है. इसके लिए बराज, बियर, केनाल के रूपांकण और निर्माण के लिए अभियंताओं को आधुनिकतम तकनीक की जानकारी से लैस करना आवश्यक है. राष्ट्रीय जल अकादमी और केंद्रीय जल आयोग जल संसाधन विभाग के अभियंताओं को आधुनिक तकनीक की जानकारी देने में भरपूर मदद करेगा. जल संसाधन विभाग के 30 अभियंताओं का प्रशिक्षण शिविर 13 फरवरी तक चलेगा. प्रशिक्षण शिविर में वाल्मी के आइसी ठाकुर और मुरलीधर सिंह भी थे.
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24.40 लाख हेक्टेयर में सिंचाई योजनाओं की जरूरत : चासकर,सं
— जलसंसाधन विभाग के अभियंताओं का प्रशिक्षण शिविर– 13 तक चलेगा शिविरसंवाददाता, पटना बिहार में 24.40 लाख हेक्टेयर में सिंचाई योजनाओं की जरूरत है. मध्यम एवं वृहत सिंचाई योजनाओं के माध्यम से 53.53 लाख हेक्टेयर में सिंचाई हो रही है. मार्च,2013 तक की रिपोर्ट के अनुसार 29.13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में वृहत एवं मध्यम योजनाओं […]
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