पटना: भाजपा राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के पक्ष में नहीं है. भाजपा चाहती है कि जीतन राम मांझी अपना टर्म पूरा करें. भाजपा चाहती, तो कबको जदयू को तोड़ देती. जून, 2013 में ही जदयू के कई विधायक भाजपा में आना चाहते थे, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया. भाजपा लोकतंत्र में विश्वास करती है. […]
पटना: भाजपा राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के पक्ष में नहीं है. भाजपा चाहती है कि जीतन राम मांझी अपना टर्म पूरा करें. भाजपा चाहती, तो कबको जदयू को तोड़ देती. जून, 2013 में ही जदयू के कई विधायक भाजपा में आना चाहते थे, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया. भाजपा लोकतंत्र में विश्वास करती है.
हम समय पर चुनाव मैदान में जाने का शुरू से ही पक्षधर रहे हैं. ये बातें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने पत्रकारों से बातचीत में कहीं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार बिना सत्ता के अधिक दिनों तक नहीं रह सकते. उन्होंने मांझी को सीएम बना कर महादलित कार्ड खेला था. भाजपा ने उनके निर्णय का कभी विरोध नहीं किया. भाजपा ने तो दलितों-महादलितों के सम्मान की हमेशा रक्षा की है.
दिक्कत तो नीतीश कुमार को होने लगी थी. सीएम बनने के दो माह बाद जब मांझी जी ने उनके रिमोट से चलना बंद कर दिया, तब नीतीश कुमार बेचैन हो गये. अब भी मांझी की विधानमंडल दल के नेता हैं. अभी उन्होंने मुख्यमंत्री की कुरसी नहीं छोड़ी है, लेकिन नीतीश कुमार मुख्यमंत्री होने का दावा कर रहे हैं. मांझी को मुख्यमंत्री बनाये रखने के लिए भाजपा समर्थन करेगी? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि यह परिस्थिति पर निर्भर करता है. इसके लिए भाजपा में केंद्रीय कमेटी है. वह क्या फैसला लेती है, इस बाबत फिलहाल कुछ कह नहीं सकते.
संकट के पीछे नीतीश : शाहनवाज हुसैन
भाजपा ने विभाजन की साजिश रचने के आरोप पर जदयू पर पलटवार किया है. भाजपा ने कहा कि यह पूरा संकट खुद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सत्ता के लिए उनकी ललक के चलते खड़ा हुआ है. हुसैन ने कहा कि यह संकट नीतीश और सत्ता के प्रति उनके मोह के चलते पैदा हुआ है. यह जदयू का आंतरिक विवाद है. वे अब हम पर दोष मढ़ रहे हैं क्योंकि वे अपने खुद के संकट से निबटने में असमर्थ हैं. नीतीश बिहार में जदयू भाजपा गंठबंधन सरकार से बाहर हो गये थे क्योंकि उनकी आकांक्षा प्रधानमंत्री बनने की थी.