बिजली कंपनियां अपनी नाकामी का खामियाजा उपभोक्ताओं पर नहीं थोप सकती हैं. बिजली चोरी रोकना कंपनी का काम है. बिजली लॉस की भरपाई उपभोक्ताओं से वसूल करना उचित नहीं है. बिजली लॉस की भरपाई के लिए बिहार सरकार अनुदान देती है.
नॉर्थ व साउथ बिहार पावर वितरण कंपनी द्वारा अगले वित्तीय वर्ष के लिए बिजली दर में वृद्धि का प्रस्ताव दिया है. इस पर नियामक आयोग मंगलवार से पटना में जनसुनवाई शुरू की. जनसुनवाई का काम सुबह 11 बजे से शुरू हुआ. आयोग के कार्यालय में बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं ने पहुंच कर अपने-अपने विचार रखे. आयोग के अध्यक्ष यूएन पंजियार व सदस्य एससी झा ने उपभोक्ताओं के विचार सुने. जनसुनवाई में बिजली कंपनी की ओर से बिजली खरीद करने सहित अन्य मद में होनेवाले खर्च सहित अन्य सिस्टम से संबंधित प्रेजेंटेशन किया. बुधवार को भी जनसुनवाई जारी रहेगी. जनसुनवाई में पहुंचे पटना के जगदेव नगर के उपभोक्ता शशिशेखर ने कहा कि बिजली कंपनी अपनी कमजोरी जनता पर थोप रही है. कंपनी में इन्फ्रास्ट्रर की काफी कमी है. इससे बिजली चोरी के साथ लॉस हो रहा है. इसे रोकने के बजाय कंपनी बिजली दर में वृद्धि कर जनता पर बोझ लादना चाह रही है. अपने सुझाव में उन्होंने कहा कि अब बिजली कंपनी बनी है. पहले बिजली बोर्ड था. वर्ष 1966 से बिजली बोर्ड का क्रियाकलाप देख रहे हैं.
अपने इन्फ्रास्ट्रर को मजबूत करने के बदले हर बार जनता पर बिजली बोझ डालने का प्रयास होता है. अपने सुझाव में उन्होंने कहा कि शहर में मकान मालिक द्वारा अपने किरायेदार का दोहन खूब हो रहा है. घर में एक मीटर लगा कर किरायेदार से काफी अधिक बिजली बिल वसूल करने की शिकायत आ रही है. उन्होंने कहा कि हर घर में बिजली चोरी हो रही है. बिजली कंपनी को अपने स्तर से सबमीटर लगाना चाहिए, ताकि सही बिजली बिल वसूल हो सके. लेकिन, इंजीनियर से मिलीभगत कर बिजली चोरी हो रही है. उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत में बिजली दर में वृद्धि नहीं होनी चाहिए. बिजली आम लोगों से जुड़ी है, जो सस्ती होनी चाहिए.
ऐसे लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है. मध्यम व निम्न आयवाले के यहां थोड़ा भी बकाया रहने पर सबसे पहले उसकी बिजली काटी जाती है. उन्होंने प्राइवेट एजेंसी द्वारा घर-घर लगाये जानेवाले मीटर पर आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि तेज मीटर लगा कर उनके द्वारा उपभोक्ता का दोहन किया जाता है. मजबूरन में उपभोक्ता को उसके साथ सांठ-गांठ करने के लिए राशि खर्च करनी पड़ती है. उन्होंने कहा कि घाटे में चलनेवाले बिहार राज्य पुल निर्माण निगम आज फायदे में चल रहा है. बिजली कंपनी अगर ठान ले तो वह भी फायदे में रेगी, लेकिन कंपनी के अंदर व्याप्त भ्रष्टाचार, प्राइवेट एजेंसी के साथ सांठ-गांठ का लाभ लेने आदि के कारण वह घाटे से उबर नहीं रहा है. इसका बोझ जनता पर लादने का प्रयास हो रहा है.
उन्होंने प्रीपेड मीटर लगाने पर जोर दिया, ताकि बिजली चोरी पर अंकुश लग सके. जन सुनवाई में नटराज इंजीनियरिंग के प्रतिनिधि एकेपी सिन्हा ने कहा कि चीन में बिजली दर कम है. भारत में भी यह कम होनी चाहिए. बिजली कंपनी अपने टी एंड डी लॉस 46 फीसदी को कम करने का उपाय कर जनता को सस्ती बिजली उपलब्ध कराये. बिजली कंपनी मिनिमम चार्ज को हटा कर केवल एनर्जी चार्ज लें. बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधि अजरुन लाल ने कहा कि बिजली पर अधिक दर बढ़ाने से सीधे इसका असर उपभोक्ता पर पड़ता है. साथ ही उद्योग-धंधे से जुड़े लोगों को भी कठिनाई होती है. नासरीगंज के धनकुंअर कोल्ड स्टोरेज के सत्येंद्र कुमार ने कहा कि बिजली बिल चुकाया नहीं होने के कारण तीन साल से कोल्ड स्टोरेज बंद है. हाइकोर्ट ने बिजली कंपनी को 23 लाख राशि लेकर कनेक्शन देने का निर्देश दिया है. एक साल से चक्कर लगा रहे हैं. अभी तक कनेक्शन नहीं मिला है. कोल्ड स्टोरेज पर 81 लाख बकाया है.