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जनसुनवाई में बिजली दर में बढ़ोतरी के प्रस्ताव का हुआ विरोध, बिजली सस्ती मिलनी ही चाहिए

पटना: वर्ष 2015-16 में बिजली दर में बढ़ोतरी के बिजली कंपनियों के प्रस्ताव का उपभोक्ताओं ने जबरदस्त विरोध किया है. मंगलवार को राज्य विद्युत नियामक आयोग के समक्ष जनसुनवाई के दौरान उपभोक्ताओं ने प्रभात खबर में छपी खबर का हवाला देते हुए कहा कि कोयला, डीजल-पेट्रोल सस्ते हुए हैं, तो बिजली भी सस्ती दर पर […]

पटना: वर्ष 2015-16 में बिजली दर में बढ़ोतरी के बिजली कंपनियों के प्रस्ताव का उपभोक्ताओं ने जबरदस्त विरोध किया है. मंगलवार को राज्य विद्युत नियामक आयोग के समक्ष जनसुनवाई के दौरान उपभोक्ताओं ने प्रभात खबर में छपी खबर का हवाला देते हुए कहा कि कोयला, डीजल-पेट्रोल सस्ते हुए हैं, तो बिजली भी सस्ती दर पर मिलनी चाहिए. बिजली आम लोगों से जुड़ी चीज है. इसकी दर बढ़ाना उपभोक्ताओं के हित में नहीं है.

बिजली कंपनियां अपनी नाकामी का खामियाजा उपभोक्ताओं पर नहीं थोप सकती हैं. बिजली चोरी रोकना कंपनी का काम है. बिजली लॉस की भरपाई उपभोक्ताओं से वसूल करना उचित नहीं है. बिजली लॉस की भरपाई के लिए बिहार सरकार अनुदान देती है.

नॉर्थ व साउथ बिहार पावर वितरण कंपनी द्वारा अगले वित्तीय वर्ष के लिए बिजली दर में वृद्धि का प्रस्ताव दिया है. इस पर नियामक आयोग मंगलवार से पटना में जनसुनवाई शुरू की. जनसुनवाई का काम सुबह 11 बजे से शुरू हुआ. आयोग के कार्यालय में बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं ने पहुंच कर अपने-अपने विचार रखे. आयोग के अध्यक्ष यूएन पंजियार व सदस्य एससी झा ने उपभोक्ताओं के विचार सुने. जनसुनवाई में बिजली कंपनी की ओर से बिजली खरीद करने सहित अन्य मद में होनेवाले खर्च सहित अन्य सिस्टम से संबंधित प्रेजेंटेशन किया. बुधवार को भी जनसुनवाई जारी रहेगी. जनसुनवाई में पहुंचे पटना के जगदेव नगर के उपभोक्ता शशिशेखर ने कहा कि बिजली कंपनी अपनी कमजोरी जनता पर थोप रही है. कंपनी में इन्फ्रास्ट्रर की काफी कमी है. इससे बिजली चोरी के साथ लॉस हो रहा है. इसे रोकने के बजाय कंपनी बिजली दर में वृद्धि कर जनता पर बोझ लादना चाह रही है. अपने सुझाव में उन्होंने कहा कि अब बिजली कंपनी बनी है. पहले बिजली बोर्ड था. वर्ष 1966 से बिजली बोर्ड का क्रियाकलाप देख रहे हैं.

अपने इन्फ्रास्ट्रर को मजबूत करने के बदले हर बार जनता पर बिजली बोझ डालने का प्रयास होता है. अपने सुझाव में उन्होंने कहा कि शहर में मकान मालिक द्वारा अपने किरायेदार का दोहन खूब हो रहा है. घर में एक मीटर लगा कर किरायेदार से काफी अधिक बिजली बिल वसूल करने की शिकायत आ रही है. उन्होंने कहा कि हर घर में बिजली चोरी हो रही है. बिजली कंपनी को अपने स्तर से सबमीटर लगाना चाहिए, ताकि सही बिजली बिल वसूल हो सके. लेकिन, इंजीनियर से मिलीभगत कर बिजली चोरी हो रही है. उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत में बिजली दर में वृद्धि नहीं होनी चाहिए. बिजली आम लोगों से जुड़ी है, जो सस्ती होनी चाहिए.

बिहार प्रदेश ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भानुशेखर ने कहा कि कोयला, डीजल-पेट्रोल सस्ते हो रहे हैं, तो बिजली भी सस्ती होनी चाहिए. बिजली उत्पादन में कोयले का खपत अधिक होता है. कोयले के दाम कम होने पर बिजली की दर कम होनी चाहिए. उन्होंने समाचार पत्र (प्रभात खबर) में छपी खबर का हवाला देते हुए कहा कि संसद की कमेटी ने भी बिजली दर सस्ती होने के लिए लिखा है. उन्होंने कहा कि बिजली का उपयोग बड़े-बड़े लोगों मसलन मंत्री, अधिकारी द्वारा अधिक होता है. उनके यहां दिन में भी बिजली जलती है. ऐसे लोगों पर बिजली बकाया अधिक होता है.

ऐसे लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है. मध्यम व निम्न आयवाले के यहां थोड़ा भी बकाया रहने पर सबसे पहले उसकी बिजली काटी जाती है. उन्होंने प्राइवेट एजेंसी द्वारा घर-घर लगाये जानेवाले मीटर पर आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि तेज मीटर लगा कर उनके द्वारा उपभोक्ता का दोहन किया जाता है. मजबूरन में उपभोक्ता को उसके साथ सांठ-गांठ करने के लिए राशि खर्च करनी पड़ती है. उन्होंने कहा कि घाटे में चलनेवाले बिहार राज्य पुल निर्माण निगम आज फायदे में चल रहा है. बिजली कंपनी अगर ठान ले तो वह भी फायदे में रेगी, लेकिन कंपनी के अंदर व्याप्त भ्रष्टाचार, प्राइवेट एजेंसी के साथ सांठ-गांठ का लाभ लेने आदि के कारण वह घाटे से उबर नहीं रहा है. इसका बोझ जनता पर लादने का प्रयास हो रहा है.

सरकारी भवन में हो रही बिजली चोरी
जनसुनवाई में रिटायर्ड कर्मी श्रीधर पाठक ने कहा कि सरकारी भवन में अधिक बिजली चोरी हो रही है. थाना सहित सरकारी ऐसे कई जगह हैं, जहां बिना मीटर के बिजली उपयोग हो रहा है. बिजली कंपनी ऐसे जगहों पर अंकुश लगाने में सफल नहीं हो रही है. इससे होनेवाले क्षति का भार उपभोक्ता से वसूलना ठीक नहीं है. पहले बिजली बोर्ड था. अब पांच बिजली कंपनियां हैं. पहले एक अध्यक्ष होते थे. अब पांच-पांच आइएएस रैंक के अधिकारी है. हालांकि, बिजली कंपनी में चार अधिकारी प्रमुख पद पर तैनात हैं. इस पर अधिक खर्च हो रहा है. लेकिन, कंपनी को फायदा कुछ नहीं हो रहा है.

उन्होंने प्रीपेड मीटर लगाने पर जोर दिया, ताकि बिजली चोरी पर अंकुश लग सके. जन सुनवाई में नटराज इंजीनियरिंग के प्रतिनिधि एकेपी सिन्हा ने कहा कि चीन में बिजली दर कम है. भारत में भी यह कम होनी चाहिए. बिजली कंपनी अपने टी एंड डी लॉस 46 फीसदी को कम करने का उपाय कर जनता को सस्ती बिजली उपलब्ध कराये. बिजली कंपनी मिनिमम चार्ज को हटा कर केवल एनर्जी चार्ज लें. बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधि अजरुन लाल ने कहा कि बिजली पर अधिक दर बढ़ाने से सीधे इसका असर उपभोक्ता पर पड़ता है. साथ ही उद्योग-धंधे से जुड़े लोगों को भी कठिनाई होती है. नासरीगंज के धनकुंअर कोल्ड स्टोरेज के सत्येंद्र कुमार ने कहा कि बिजली बिल चुकाया नहीं होने के कारण तीन साल से कोल्ड स्टोरेज बंद है. हाइकोर्ट ने बिजली कंपनी को 23 लाख राशि लेकर कनेक्शन देने का निर्देश दिया है. एक साल से चक्कर लगा रहे हैं. अभी तक कनेक्शन नहीं मिला है. कोल्ड स्टोरेज पर 81 लाख बकाया है.

जन सुनवाई में बिजली कंपनी की ओर से बिजली खरीद करने सहित अन्य मद में होनेवाले खर्च सहित अन्य सिस्टम से संबंधित प्रेजेंटेशन किया. जन सुनवाई में बिजली कंपनी के अधिकारी के अलावा नियामक के उपसचिव लक्ष्मण भग सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे. जन सुनवाई में उपभोक्ता सहित बीआइए सहित अन्य संगठन के प्रतिनिधि अपने विचार रखेंगे.

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