इसका खुलासा बिट्टू और उसके चार साथियों की गिरफ्तारी के बाद हुआ है. एसएसपी जितेंद्र राणा ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली कि कुछ संदिग्ध लोग 90 फुट बाइपास के पास मौजूद हैं. इस पर बेऊर थानाध्यक्ष सहित अन्य पुलिसवालों को सादे वेश में वहां भेजा गया. इस दौरान एक स्कॉर्पियो वहां आकर रुकी और सभी आपस में बात कर रहे थे. उनकी संदिग्ध गतिविधियों को देखते हुए पुलिस ने घेराबंदी कर उन्हें पकड़ लिया. उनके पास से एक देसी पिस्टल, एक देसी कट्टा व 30 जिंदा कारतूस बरामद किये गये.
बरामद कारतूसों में 7 एके 47, 1 इनसास और बाकी .32 व 9 एमएम के हैं. एसएसपी ने बताया कि बिट्टू हत्या की सुपारी लेता है और अपने गैंग के सदस्यों से हत्या कराता है. वह रंगदारी भी वसूलता है. गिरफ्तार किये गये सकरईचा, परसा बाजार के अनिल पासवान उर्फ भूरा और कुशासाल, परसा बाजार के साहिल कुमार उर्फ लोपी से पूछताछ की गयी. दोनों ने रवि की हत्या की बात स्वीकार की. इनके अलावा रोहित कुमार (जनता रोड) व रंजन कुमार (हसनपुरा, बेऊर) को भी गिरफ्तार किया गया है. अनिल पासवान उर्फ भूरा शातिर अपराधी है. उसके खिलाफ फुलवारी में एक व बेऊर में दो मामले दर्ज हैं. इनमें एक हत्या व दो जानलेवा हमला करने के मामले हैं.