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बाढ़ग्रस्त जिलों में लैप्स नहीं होगा फंड : उमा भारती

केंद्रीय जल संसाधन मंत्री ने नेपाल से बात कर वहां की नदियों से आनेवाली बाढ़ का जल्द समाधान निकालने का दिया भरोसा पटना : केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने सोमवार को कहा कि मैं पूरी तरह से बिहार में रची-बसी और यहां की समस्याओं को अच्छे से समझती हूं. इसलिए बिहार के विकास […]

केंद्रीय जल संसाधन मंत्री ने नेपाल से बात कर वहां की नदियों से आनेवाली बाढ़ का जल्द समाधान निकालने का दिया भरोसा
पटना : केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने सोमवार को कहा कि मैं पूरी तरह से बिहार में रची-बसी और यहां की समस्याओं को अच्छे से समझती हूं. इसलिए बिहार के विकास के लिए तमाम योजनाओं को बिछा दूंगी. भाजपा के प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि बिहार के उत्तरी जिले हर साल बाढ़ से तबाह होते हैं और यहां काफी समय तक बाढ़ का पानी जमा रहता है. बाढ़ देर से आती है और देर तक रहती है.
इस वजह से इन जिलों में आवंटित होनेवाला पैसा लैप्स कर जाता है. ये पैसे लैप्स नहीं हो, इसके लिए मैं खास व्यवस्था करूंगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए अगर जरूरत पड़ी, तो ‘नीति आयोग’ के समक्ष भी इस मुद्दे को रखूंगी. उन्होंने कहा कि इन जिलों के लिए केंद्र से देर से फंड मिले और इन्हें खर्च करने की अवधि ज्यादा मिले.
जितने समय तक बाढ़ रहती है, उतने समय तक फंड को जारी नहीं किया जाये. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिहार में सरप्लस पानी है. अगर यहां की बाढ़ और सुखाड़ की स्थिति को संतुलित कर दिया जाये, तो इस राज्य का विकास सबसे ज्यादा होगा. बिहार में नेपाल की नदियों की वजह से हर साल बाढ़ आती है. इसे रोकने के लिए नेपाल सरकार से जल्द ही केंद्र सरकार बात करेगी. नेपाल के जिस क्षेत्र में ये नदियां मौजूद हैं, वहां पहले लॉ एंड ऑर्डर की समस्या थी, जो अब खत्म हो गयी है.
चार नदियों को जोड़ा जायेगा
उन्होंने कहा कि राज्य की चार नदियों को जोड़ने (इंटर लिंकिंग रिवर प्रोजेक्ट) की योजना को मंजूरी दे दी गयी है. इसके तहत बूढ़ी गंडक-नून-गंगा, कोसी-मेची और सकरी-नाका को जोड़ने का काम जल्द ही शुरू हो जायेगा. इसकी डीपीआर तैयार करने का काम शुरू हो गया है. राज्य में इंटर लिंकिंग रिवर और इंट्रा लिंकिंग रिवर के फंड को एक दूसरे मद में खर्च करने की स्वीकृति केंद्र सरकार ने दे दी है.
2026 तक निर्मल हो जायेगी गंगा
केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने अपनी सरकार की प्रमुख घोषणाओं में शामिल गंगा सफाई योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि 2026 तक गंगा पूरी तरह से निर्मल हो जायेगी. यह फिर से पहले की तरह दिखने लगेगी. इसके लिए तीन चरणों में सफाई का काम किया जायेगा. पहले चरण का समय दो साल का होगा, दूसरा चरण चार से सात और तीसरा चरण 7-10 साल तक चलेगा. इस तरह 2026 तक गंगा निर्मल हो जायेगी. ‘गंगा रिवर बेसिन ऑथोरिटी’ का काम बिहार में सुचारु तरीके से करने के लिए सबसे ज्यादा 900 करोड़ रुपये का फंड दिया गया है. इसमें 500 करोड़ जारी कर दिये गये हैं. जल्द ही बाकी रुपये भी जारी हो जायेंगे. पटना में गंगा को किनारे तक लाने के लिए खास पहल की जायेगी, ताकि छठ में लोगों को दिक्कत नहीं हो.
देश भर के गंगा में गिरनेवाले 144 नालों को चिह्न्ति किया गया है, जिनसे निकलनेवाले पानी को साफ किया जायेगा. इसमें चार नाले बिहार के भी हैं. इनमें एसटीपी (सीवर ट्रीटमेंट प्लांट) लगाये जायेंगे. जिन उद्योगों का पानी गंगा में गिर रहा है, उन्हें सख्त चेतावनी दी जायेगी. नहीं माननेवाले उद्योगों को बंद कर दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि गंगा दियारे के विकास के लिए अगर कोई प्रस्ताव राज्य भेजता है, तो इसका स्वागत किया जायेगा.
फल्गू नदी होगी रिचाजर्
गया जिले में बहनेवाली फल्गू नदी को फिर से रिचार्ज किया जायेगा. इसे साबरमती नदी केतर्ज पर रिचार्ज करने का काम पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर किया जायेगा. इसके लिए केंद्र सरकार हर तरह से सहयोग करेगी.
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सीएम मांझी संवेदनशील व्यक्ति
केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने सीएम जीतन राम मांझी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह संवेदनशील व्यक्ति हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि मैं किसी तरह की कोई टिप्पणी नहीं करूंगी, क्योंकि यहां भाजपा के विपक्ष में होने के कारण इसका गलत अर्थ निकाला जायेगा. राजनीति और व्यक्तिगत आकलन में कोई मेल नहीं है. राजनीतिक स्तर पर किसी की निंदा करने का मतलब अलग होता है. व्यक्तिगत गुण के आधार पर की गयी प्रशंसा को राजनीतिक स्तर पर जोड़ कर नहीं देखना चाहिए.
जुड़ेंगी चार नदियां
उमा ने कहा कि राज्य की चार नदियों को जोड़ने (इंटर लिंकिंग रिवर प्रोजेक्ट) की योजना को मंजूरी दे दी गयी है. इसके तहत बूढ़ी गंडक-नून-गंगा, कोसी-मेची और सकरी-नाका को जोड़ने का काम जल्द ही शुरू हो जायेगा. इसकी डीपीआर तैयार करने का काम शुरू हो गया है. राज्य में इंटर लिंकिंग रिवर और इंट्रा लिंकिंग रिवर के फंड को एक दूसरे मद में खर्च करने की स्वीकृति केंद्र सरकार ने दे दी है.
2026 तक निर्मल हो जायेगी गंगा
केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने गंगा सफाई योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि 2026 तक गंगा पूरी तरह से निर्मल हो जायेगी. इसके लिए तीन चरणों में सफाई होगी. ‘गंगा रिवर बेसिन ऑथोरिटी’ का काम बिहार में सुचारु तरीके से करने के लिए सबसे ज्यादा 900 करोड़ रुपये का फंड दिया गया है. इसमें 500 करोड़ जारी कर दिये गये हैं. जल्द ही बाकी रुपये भी जारी हो जायेंगे. पटना में गंगा को किनारे तक लाने के लिए खास पहल की जायेगी, ताकि छठ में लोगों को दिक्कत नहीं हो.
देश भर के गंगा में गिरनेवाले 144 नालों को चिह्न्ति किया गया है, जिनसे निकलनेवाले पानी को साफ किया जायेगा. इसमें चार नाले बिहार के भी हैं. इनमें एसटीपी (सीवर ट्रीटमेंट प्लांट) लगाये जायेंगे. गंगा दियारे के विकास के लिए अगर कोई प्रस्ताव राज्य भेजता है, तो इसका स्वागत किया जायेगा. गया जिले में बहनेवाली फल्गू नदी को फिर से रिचार्ज किया जायेगा. इसके लिए केंद्र सरकार हर तरह से सहयोग करेगी.
मांझी संवेदनशील
केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने सीएम जीतन राम मांझी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह संवेदनशील व्यक्ति हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि मैं किसी तरह की कोई टिप्पणी नहीं करूंगी, क्योंकि यहां भाजपा के विपक्ष में होने के कारण इसका गलत अर्थ निकाला जायेगा. राजनीति और व्यक्तिगत आकलन में कोई मेल नहीं है. राजनीतिक स्तर पर किसी की निंदा करने का मतलब अलग होता है. व्यक्तिगत गुण के आधार पर की गयी प्रशंसा को राजनीतिक स्तर पर जोड़ कर नहीं देखना चाहिए.
जून तक राशि खर्च करने का मिले अधिकार : सीएम
पटना. केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि केंद्र सरकार राशि खर्च करने के लिए 31 मार्च नहीं, मई-जून तक का समय दे, ताकि राशि सही रूप से खर्च हो सके. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर पैसे खर्च नहीं करने का हर समय आरोप लगाया जाता है, लेकिन सच्चई है कि राशि ही इतने देर से आती है कि खर्च नहीं हो पता है.
उत्तर बिहार में जो बाढ़ आती है, उसका असर अक्तूबर तक रहता है. ऐसे में नवंबर-दिसंबर महीने आकलन पर प्लान तैयार होने में लग जाता है. जनवरी में वह जाता है, तो फरवरी के अंत तक केंद्र से राशि की स्वीकृति मिलती है. ऐसे में एक महीने में राशि को कैसे खर्च किया जा सकता है.
इसलिए अप्रैल-मई से जून तक राशि खर्च करने का अधिकार मिलना चाहिए. सीएम ने बताया कि इस पर केंद्रीय जल संसाधन मंत्री ने सहमति जतायी है और आश्वासन दिया है. पहले प्लानिंग कमीशन के किसी योजना में 90 फीसदी केंद्र और 10 फीसदी राज्य सरकार को देनी होती थी. उसे केंद्र ने 50-50 फीसदी का अनुपात कर दिया था. इससे बिहार जैसे गरीब राज्य को दिक्कत हो रही थी. ऐसे में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री ने 75-25 के अनुपात में योजना की राशि देने का आश्वासन दिया है.
सीएम ने कहा कि उत्तरी बिहार बाढ़ से और दक्षिणी बिहार सुखाड़ से परेशान होता है. नेपाल से जो नदियां निकलती हैं, उससे यहां बाढ़ आती है. इससे केंद्र द्वारा नेपाल को क्षतिपूर्ति को दे दी जाती है, लेकिन बिहार को क्षतिपूर्ति नहीं दी जाती है. क्षति की भरपाई के लिए बिहार सरकार पर छोड़ दिया जाता है. इस पर केंद्रीय जल संसाधन मंत्री ने आश्चर्य जताया और जल मंथन को इस मामले पर रेफर करने की बात कही. सीएम ने सुझाव दिया कि नेपाल में डैम को ऊंचा कर दिया जाये, तो वहां पानी ज्यादा रुकेगा और उससे वे बिजली का उत्पादन भी कर सकते हैं.
इससे नेपाल और बिहार को भी फायदा मिलेगा. सिंचाई से संबंधित मामलों पर मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि उस मामले पर छह चैनलों पर बात पहुंचती है. इन सभी मामलों के लिए अगले 15 दिनों में जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी के साथ केंद्रीय जल संसाधन मंत्रलय के साथ दिल्ली में बैठक भी होगी और जो आश्वासन दिया गया है, उसे पूरा किया जायेगा.

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