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एटीएम से उड़ाते थे पैसा, दो गिरफ्तार

पटना: एटीएम में फर्जीवाड़ा कर दूसरों का पैसे निकालनेवाले गिरोह के दो शातिरों को अनिसाबाद में एक एटीएम के पास से पुलिस ने पकड़ लिया. इनके पास से दो मोबाइल फोन, एक घड़ी, दो एटीएम कार्ड व 70 हजार नकद बरामद किये गये हैं. पकड़े गये शातिरों में रविशंकर कुमार (फतेहपुर, गया) व मो हारून […]

पटना: एटीएम में फर्जीवाड़ा कर दूसरों का पैसे निकालनेवाले गिरोह के दो शातिरों को अनिसाबाद में एक एटीएम के पास से पुलिस ने पकड़ लिया. इनके पास से दो मोबाइल फोन, एक घड़ी, दो एटीएम कार्ड व 70 हजार नकद बरामद किये गये हैं. पकड़े गये शातिरों में रविशंकर कुमार (फतेहपुर, गया) व मो हारून शम्स (चमरूचक, फतेहपुर, गया) शामिल हैं. इस गिरोह में एक दर्जन सदस्य शामिल हैं. पिछले साल भी पुलिस ने इसी गिरोह के एक अपराधी को पकड़ा था.

अन्य को पकड़ने के लिए पुलिस की छापेमारी जारी है. खास बात यह है कि यह गिरोह दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, ओड़िशा व अन्य शहरों में भी सक्रिय है और कई घटनाओं को अंजाम दे चुका है. इन दोनों को 2014 में मुंबई क्राइम ब्रांच व दिल्ली की गांधी नगर पुलिस ने भी पकड़ा था और जेल भेज दिया था. अभी तक पुलिस को अनुसंधान में जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार इन दोनों ने 50 लाख की निकासी की है.

घेराबंदी कर पकड़े गये : एसएसपी जितेंद्र राणा के निर्देश पर सिटी एसपी शिवदीप लांडे के नेतृत्व में सचिवालय डीएसपी डॉ शिबली नोमानी व गर्दनीबाग थानाध्यक्ष बीके चौहान की टीम ने इलाके की घेराबंदी की और इन्हें पकड़ लिया. एसएसपी ने बताया कि दोनों से पूछताछ की जा रही है. उनके पकड़े जाने के संबंध में दिल्ली, मुंबई व ओड़िशा पुलिस को भी जानकारी दे दी गयी है और वहां से भी इनके आपराधिक रेकॉर्ड की जानकारी मांगी गयी है.
गया के फतेहपुर में अड्डा : पटना पुलिस या अन्य जिलों की पुलिस ने जब भी एटीएम फर्जीवाड़ा करनेवाले सदस्यों को पकड़ने में सफलता पायी, वे सभी गया के फतेहपुर थाना क्षेत्र के ही विभिन्न गांव के रहनेवाले थे. पटना पुलिस की एक टीम जल्द ही उस इलाके में जायेगी और गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान कर गिरफ्तार करेगी.
फुटेज में दोनों की तसवीर
एटीएम में जालसाजी कर पैसा निकालने की घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे का वीडियो फुटेज निकाला, तो इन दोनों की तसवीर मिली. पकड़े जाने के बाद इन दोनों की तसवीर का मिलान किया गया, तो वहीं दोनों निकले. इसके अलावा पीड़ितों को बुला कर पहचान भी करायी गयी. उन दोनों को देख एक पीड़ित ने पहचान की और रो पड़ा, क्योंकि उनकी मेहनत की कमाई का 40 हजार इन लोगों ने जालसाजी कर निकाल लिया था.
बैंक खाते होंगे सील
इन लोगों के पास से एक एटीएम कार्ड बरामद किया गया है. उनके एसबीआइ में दो एकाउंट की जानकारी मिली है. पुलिस ने बैंक प्रशासन से उनमें जमा राशि की जानकारी मांगी है. पुलिस इन खातों को सील करने का आग्रह भी करेगी.
पटना में दर्ज कुछ मामले
13 जुलाई, 2014 : गर्दनीबाग थाने में मो अहमद खां (चितकोहरा) ने जानकारी दी थी कि एक अज्ञात ने ताक-झांक कर उनका एटीएम पिन जान लिया था और मदद के बहाने एटीएम कार्ड बदल कर पैसा निकाल लिया.
20 दिसंबर, 2014 : गर्दनीबाग थाने में प्रेमचंद्र झा (चितकोहरा) ने बताया था कि एक व्यक्ति ने ताक-झांक कर उनके पिन की जानकारी लेने के बाद खाते से 40 हजार निकाल लिये.
30 दिसंबर, 2014 : गर्दनीबाग थाने में कपिलदेव प्रसाद यादव (महावीर कॉलोनी, गर्दनीबाग) ने को जानकारी दी थी फर्जी तरीके से उनके एटीएम से 40 हजार निकाल लिये गये.
08 नवंबर, 2014 : गर्दनीबाग थाने में शबनम जमा (अली नगर, गर्दनीबाग) ने भी पिन की जानकारी लेकर पैसा निकालने की जानकारी दी थी.
30 अप्रैल, 2014 : जक्कनपुर थाना में मीठापुर बस स्टैंड स्थित एटीएम से पिन की जानकारी लेकर तीन लाख 33 हजार निकालने की जानकारी एक व्यवसायी ने दी थी.
श्रीकृष्णापुरी थाने में चार अगस्त 2014 को कृष्णा दास, सात अगस्त 2014 को कमला कुमारी, 29 सितंबर 2014 को चंद्रशेखर प्रसाद व पांच सितंबर 2014 को दिनेश चंद्र झा ने फर्जी तरीके से एटीएम से पैसा निकालने की जानकारी दी थी.
शातिराना अंदाज
ये लोग वैसी एटीएम में सक्रिय रहते है, जहां दो मशीनें होती हैं. ये एक मशीन से पैसा निकालने का नाटक करते हैं. इस दौरान दूसरी मशीन से पैसा निकालने अगर कोई व्यक्ति पहुंचता है, तो उसका पिन झांक कर देख लेते है और फिर उसके जाने के बाद पैसा निकाल लेते हैं.
ये लोग वैसे लोगों को निशाना बनाते हैं, जो बुजुर्ग है. उन्हें एटीएम से पैसा निकालने में मदद करने के दौरान भी उनके पिन की जानकारी ले लेते हैं.
पैसा निकलने पर देरी होने पर निकलने का हल्ला करते है. ऐसे में पैसा निकाल रहा व्यक्ति हड़बड़ा जाता है, तो उसके पास पहुंच कर पूछते हैं कि पैसा कैसे निकाला जाता है. उसके बताने पर उसके पिन की जानकारी ले लेते हैं. उनका कार्ड भी बदल देते हैं.
एटीएम से पैसा निकलनेवाले स्थान पर पिन लगा देते हैं, जिससे अगर कोई पैसा निकालने की प्रक्रिया करता है, तो उसके पैसे नहीं निकल पाते हैं. जब उक्त व्यक्ति का पैसा नहीं निकलता है, तो वे कैंसिल बटन दबा कर बाहर निकल जाते हैं. इसके बाद ये लोग पिन निकाल लेते हैं और आसानी से पैसा बाहर निकल जाता है.
एटीएम के स्क्रीन सिस्टम में कुछ गड़बड़ी कर देते हैं और कैंसिल व ओके बटन को पिन या फेविकॉल लगा कर निष्क्रिय कर देते हैं. कोई भी व्यक्ति जब पैसा निकालने जाता है और सारी प्रक्रिया करने के बाद वह ओके करता है, तो बटन काम नहीं करता है. इसके बाद इनमें से एक उनके पास पहुंचता है, जो बताता है कि एटीएम खराब है. उसके बाहर जाने के बाद ये लोग ओके बटन को ठीक कर दबा देते हैं और पैसा निकालने के बाद निकल जाते हैं.

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