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खेती के लिए अलग से बिजली कनेक्शन : मांझी

पटना: मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने गणतंत्र दिवस पर गांधी मैदान में झंडोत्ताेलन के बाद कई कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की. उन्होंने न्याय के साथ विकास का संकल्प दोहराते हुए युवा, महिला, अनुसूचित जाति और जनजाति समेत सभी तबकों के विकास पर जोर दिया. कहा कि सभी प्रमंडलों में एक-एक इंजीनियरिंग कॉलेज, सभी जिलों में […]

पटना: मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने गणतंत्र दिवस पर गांधी मैदान में झंडोत्ताेलन के बाद कई कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की. उन्होंने न्याय के साथ विकास का संकल्प दोहराते हुए युवा, महिला, अनुसूचित जाति और जनजाति समेत सभी तबकों के विकास पर जोर दिया. कहा कि सभी प्रमंडलों में एक-एक इंजीनियरिंग कॉलेज, सभी जिलों में पॉलिटेक्निक और सभी अनुमंडलों में आइटीआइ खोला जायेगा.

साथ ही उन्होंने छह फरवरी से राज्य भर में शिविर लगा कर किसानों को बिजली कनेक्शन देने का एलान किया. मुख्यमंत्री ने राज्य के सर्वागीण विकास के लिए कानून का राज व सामाजिक सद्भाव को जरूरी बताया. कहा कि विधि-व्यवस्था सुदृढ़ रखने के लिए पुलिस के कार्यो की नियमित समीक्षा के साथ ही पुलिस के आधुनिकीकरण व प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, विशेष निगरानी इकाई व आर्थिक अपराध इकाई द्वारा भ्रष्टाचार उन्मूलन की दिशा में निरंतर कार्रवाई की जा रही है. अवैध रूप से अजिर्त संपत्तियों को जब्त करने की मुहिम जारी है.

बिजली आपूर्ति में सुधार : मुख्यमंत्री ने कहा, राज्य की विद्युत संचरण प्रणाली की क्षमता बढ़ कर तीन हजार मेगावाट हो गयी है और अगले साल तक इसे 4500 मेगावाट तक ले जाने का लक्ष्य है. राज्य में पहली बार अक्तूबर, 2014 में 2,800 मेगावाट से अधिक बिजली आपूर्ति की गयी. कांटी थर्मल पावर की 110 मेगावाट की दो और बाढ़ की 660 मेगावाट की एक इकाई में बिजली उत्पादन शुरू हो गया है. नवीनगर में 660 मेगावाट की तीन इकाइयों का निर्माण जारी है. फिलहाल जिला मुख्यालयों में औसतन 20 से 22 घंटे बिजली आपूर्ति का प्रयास किया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में भी पर्याप्त बिजली आपूर्ति देने का निर्देश दिया गया है. छह फरवरी से राज्य भर में शिविर लगा कर किसानों को बिजली कनेक्शन दिया जायेगा. सरकार कृषि के विकास के लिए कृषि रोड मैप पर चरणबद्घ तरीके से काम ले रही है. राजेंद्र कृषि विवि, पूसा को केंद्रीय विवि का दर्जा देने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्रलय के साथ समझौता किया गया है. गंगा नदी के जल का समुचित उपयोग राज्य के किसानों के हित में है. इसके लिए चुनारगढ़ से लेकर मोकामा टाल तक उच्चस्तरीय नहर बनाने की योजना पर काम हो रहा है.
धान पर 300 रुपये का बोनस : उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों को धान की बिक्री पर 300 रुपये प्रति क्लिंटल बोनस दे रही है. इसके लिए 500 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी है. वहीं, बिहार राज्य खाद्य निगम के लिए 689 नये गोदामों का निर्माण पूरा हो गया है. इससे पांच लाख मीटरिक टन से अधिक भंडारण क्षमता की वृद्घि हुई है. इसके अलावा पैक्स व व्यापार मंडलों में 2017 नये गोदामों का निर्माण पूरा कर लिया गया है.
2670 गांव होंगे आदर्श ग्राम : उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत प्रति प्रखंड पांच की दर से 2,670 गावों को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किया जायेगा. इन गांवों में सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ सरकार की सभी विकासात्मक व कल्याणकारी योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ योग्य लाभार्थियों को दिया जायेगा. श्रमिकों के कल्याण के लिए उन्हें कामगार बोर्ड के माध्यम से पंजीकृत करने का व्यापक अभियान चलाया जा रहा है. भवन निर्माण, औजार और साइकिल खरीद के लिए प्रत्येक पंजीकृत निर्माण कामगारों को 15 हजार रुपये अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है.
सड़कों का हो रहा निर्माण : मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों को राज्य मुख्यालय और जिला मुख्यालयों से जोड़ने के लिए सड़कों और पुल-पुलियों का निर्माण जारी है. पथ निर्माण विभाग के अंतर्गत राज्य उच्च पथों और बृहत जिला पथों के रखरखाव के लिए नीति बनायी गयी है और इसके आधार पर नौ हजार किमी से अधिक सड़कों के रखरखाव की योजनाओं पर काम चल रहा है. इसमें 2500 करोड़ से अधिक राशि खर्च की जा रही है. इसके अलावा इस वित्तीय वर्ष में 2,786 ग्रामीण पथों के निर्माण पर 4070 करोड़ खर्च होंगे.
प्रत्येक घर में शौचालय : सीएम ने कहा कि राज्य के प्रत्येक घर में चरणबद्ध तरीके से निजी शौचालय बनाने का अभियान चलाया जा रहा है. प्रत्येक गांव में स्वच्छता कर्मी की व्यवस्था करने पर विचार किया जा रहा है. नये चापाकल लगाने और पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित कराने के लिए व्यापक कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं.
एपीएचसी में भी 24 घंटे इलाज : सीएम ने कहा कि सभी अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 24 घंटे इलाज की व्यवस्था की जायेगी. गंभीर रोगों से पीड़ित रोगियों के लिए राज्य के सभी छह मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी विभागों के गठन की स्वीकृति दी गयी है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर जिला अस्पतालों तक आउटडोर में मरीजों के निबंधन, दवा वितरण, रेडियोलॉजी-पैथोलॉजी जांच की सुविधा दी जा रही है. सात जनवरी से नये ‘पेंटावैलेंट वैक्सीन’ को नियमित टीकाकरण में शामिल किया गया है. इस वैक्सीन की तीन खुराक बच्चों को पांच गंभीर बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर प्रमंडल में एक -एक इंजीनियरिंग कॉलेज खोलेगी. आइआइएम की स्थापना के लिए मगध विवि, बोधगया के अंतर्गत 150 एकड़ भूमि चिह्न्ति की गयी है. सभी जिलों में पॉलिटेक्निक और सभी अनुमंडलों में आइटीआइ संस्थान स्थापित किये जायेंगे. इसके अलावा सभी पंचायतों में एक-एक प्लस टू स्कूल की स्थापना की दिशा में चल रहे शैक्षणिक सत्र में 1291 प्लस टू स्कूलों की स्थापना की गयी. नये शैक्षणिक सत्र से भी 1000 नये प्लस टू स्कूल की स्थापना की योजना है.
महादलितों को पांच डिसमिल जमीन : उन्होंने कहा कि बिहार महादलित विकास योजना के अंतर्गत सर्वेक्षित कुल 2 लाख 46 हजार से अधिक वासरहित परिवारों में से 90 प्रतिशत परिवारों को वास भूमि उपलब्ध करायी गयी है. अब वासरहित महादलित परिवारों को तीन डिसमिल की जगह पांच डिसमिल जमीन दी जायेगी. शहरी क्षेत्रों में दस साल रहनेवाले एससी-एसटी के वैसे वासरहित परिवार जो शहरी बीपीएल की सूची में शामिल हैं, उन्हें भी जमीन दी जायेगी.
मैट्रिक में सेंकेंड डिविजन वाले को भी आठ हजार
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैट्रिक सेकेंड डिविजन से पास करनेवाले अनुसूचित जाति, जनजाति और अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र-छात्रओं को आठ हजार रुपये दिये जायेंगे. इन्हीं कोटि के प्लस टू में फस्र्ट डिविजन लानेवाली छात्र को 15 हजार व सेकेंड डिविजन लानेवाली छात्रओं को 10 हजार रुपये प्रोत्साहन छात्रवृत्ति दी जा रही है. एससी-एसटी के आवासीय विद्यालयों में बच्चों के आवासन संख्या को 28 हजार से बढ़ा कर एक लाख किये जाने पर काम चल रहा है. सरकार ने एससी-एसटी व अन्य सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक रूप से कमजोर व्यक्तियों और छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहन व सहायता प्रदान करने के लिए आंबेडकर फाउंडेशन की स्थापना की गयी है.
एससी-एसटी के छात्र-छात्रओं को नामांकन शुल्क नहीं
अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं और सभी वर्ग की छात्रओं के लिए उच्चतर शिक्षा के लिए नामांकन व अन्य किसी प्रकार का शिक्षण शुल्क नहीं लिया जायेगा. उधर, राज्य में अब तक 272 औद्योगिक इकाइयां उत्पादन में आ चुकी हैं और 176 औद्योगिक इकाइयों का स्थापना का काम अंतिम चरण में है. श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए पटना में दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान स्थापित करने का निर्णय लिया गया है. यह श्रम एवं नियोजन से जुड़े मुद्दों पर अध्ययन, शोध और मूल्यांकन व प्रशिक्षण का काम करेगी.

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