संवाददाता,पटना शिक्षा मंत्री वृषिण पटेल ने कहा कि संस्कृत के विकास के लिए सरकार प्रयासरत है. संस्कृत को वंचित नहीं रखा गया है. जो सुविधाएं दूसरे शिक्षकों को मिल रहीं हैं वहीं सुविधाएं संस्कृत शिक्षकों को भी दी जा रही हैं. वह राजकीय संस्कृत महाविद्यालय, काजीपुर में ‘ संस्कृत वाड्गमय में मानवाधिकार की अवधारणा ‘ विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने गर्ल्स हॉस्टल और कैंटीन का भी उद्घाटन किया. वृषिण पटेल ने कहा कि संस्कृत के विकास के लिए संस्कृत शिक्षकों से राय ली जायेगी. उन्होंने कहा कि भारत विश्व गुरु रहा है. हजारों वर्ष पूर्व हमारे ऋषि मुनियों ने संपूर्ण जीव की रक्षा के लिए संदेश दिया है. आज हम मानवाधिकार की बात करते हैं. ऐसे में सभी को संस्कृत पढ़ने की जरूरत है. यह आपसी प्रेम और सौहार्द की भाषा है. पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र ने कहा कि समाज को आतंक, गरीबी व विषमता को दूर करने के लिए संस्कृत ने बहुत कुछ दिया है. इसे पढ़ेंगे, तो दुराचारी नहीं होंगे. कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृति विवि के कुलपति प्रो देवनारायण झा ने मानवाधिकार के महत्व पर प्रकाश डाला. प्राचार्य डॉ कुलानंद झा, मंच संचालक सह संयोजक डॉ ज्योत्सना, पीयू के संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो डॉ अखिलानंद त्रिपाठी, प्रो रामविलास चौधरी, डॉ रामाशीष पांडेय, डॉ श्याम सुंदर प्रसाद पांडेय, डॉ नवल किशोर सिंह, डॉ कृष्णानंद पांडेय, डॉ विजय बहादुर तिवारी, डॉ मधुबाला सिन्हा, डॉ शिवराम चौधरी ने भी अपने विचार व्यक्त किये. संगोष्ठी बुधवार को भी होगी. समापन पर पूर्व शिक्षा मंत्री रामचंद्र पूर्वे भी मौजूद रहेंगे.
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संस्कृत के विकास के लिए सरकार गंभीर: वृषिण पटेल,सं
संवाददाता,पटना शिक्षा मंत्री वृषिण पटेल ने कहा कि संस्कृत के विकास के लिए सरकार प्रयासरत है. संस्कृत को वंचित नहीं रखा गया है. जो सुविधाएं दूसरे शिक्षकों को मिल रहीं हैं वहीं सुविधाएं संस्कृत शिक्षकों को भी दी जा रही हैं. वह राजकीय संस्कृत महाविद्यालय, काजीपुर में ‘ संस्कृत वाड्गमय में मानवाधिकार की अवधारणा ‘ […]
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