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आरक्षण की जरूरत नहीं, मेरिट से आगे बढ़ेंगे गरीब : मांझी

कर्पूरी जयंती पर आयोजित सेमिनार में बोले मुख्यमंत्री विधान परिषद सभागार में सेमिनार का आयोजन पटना : मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि आरक्षण की जरूरत नहीं है. गरीब के बच्चे मेरिट से आगे बढ़ेंगे. ऐसा तभी होगा जब स्कूलों में अमीर-गरीब के बच्चे एक साथ पढ़ें, एक समान खाना खाएं और एक समान […]

कर्पूरी जयंती पर आयोजित सेमिनार में बोले मुख्यमंत्री
विधान परिषद सभागार में सेमिनार का आयोजन
पटना : मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि आरक्षण की जरूरत नहीं है. गरीब के बच्चे मेरिट से आगे बढ़ेंगे. ऐसा तभी होगा जब स्कूलों में अमीर-गरीब के बच्चे एक साथ पढ़ें, एक समान खाना खाएं और एक समान सुविधाएं मिलें.
जब तक सुविधा पूरी तरह लागू नहीं होती है,तब तक कमजोर वर्ग (सवर्ण गरीब, एससी-एसटी, महादलित व अल्पसंख्यक) को प्रोटेक्ट किया जाये. सीएम ने कहा कि लक्ष्य का निर्धारण आवश्यक है. जितना कठिन लक्ष्य होगा,आदमी उसे पाने के लिए वैसा ही मेहनत करेगा. वह जननायक कर्पूरी ठाकुर फाउंडेशन द्वारा विधान परिषद सभागार में ‘बिहार के विकास के लिए कमजोर वर्गो का आर्थिक सशक्तीकरण आवश्यक’ पर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे.
मांझी ने कहा कि वह नक्सलवाद के समर्थक नहीं हैं, लेकिन वे नक्सली क्यों बने. इस पर सोचना चाहिए. वजह गरीबी होगी. बच्चों को अब हम जात-जमात में बांट रहे हैं. ऐसे में बहेलिया आयेगा,दाना डालेगा और फंसायेगा.
इससे सावधान रहने की जरूरत है. हम जाति बंधन नहीं जानते. जाति में बांट कर डिवाइड एंड रूल काम कर रहा है. आज क्लास का डिविजन हो गया है. आज समाज में जो हाइटेक चोरी हो रही है वह पढ़े-लिखे लोग ही कर रहे हैं. हमें पढ़ लिख कर नौकरी नहीं सेल्फ इम्पलायमेंट पर ध्यान देना चाहिए. मांझी ने कहा कि आज समाज में गरीब और अमीर के बीच की दूरी बढ़ती जा रही है. कुछ लोग पूर्व जन्म का पाप समझ कर मन बहला लेते हैं.
कुछ इधर-उधर करते हैं तो नक्सली,चोर व अछूत जैसे शब्दों से विभूषित किया जाता है. सीएम ने कहा कि आज हर लोग उनके पैर छू रहे हैं. गरीब के पास जाते ही नाक बंद कर लेते हैं. यही गरीबी समाज में असंतुलन बनाए हुए हैं. इसे हटाना है. सरकार में गरीबों के लिए जो योजनाएं हैं वह उन तक पहुंच रही है या नहीं. यह देखें.
कर्पूरी को मिले भारतरत्न : मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न की उपाधि मिलनी चाहिए थी. उन्हें भारत रत्न नहीं मिलना बिहार,अतिपिछड़ा और कर्पूरी ठाकुर के लिए दुख की बात है. विधान परिषद् के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने भी कर्पूरी ठाकुर और राम मनोहर लोहिया को भारत रत्न देने की मांग की.
पढ़-लिख दूर करें गरीबी : विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर गरीबों के प्रेरणास्नेत थे. पढ़-लिख कर आगे बढ़ा जा सकता है और गरीबी दूर की जा सकती है. इसलिए अपने बच्चों को पढ़ाना चाहिए. जब वे शिक्षित हो जायेंगे,तो अमीरी-गरीबी की असमानता दूर हो जायेगी. उद्योग मंत्री और फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ भीम सिंह ने कहा कि संविधान की व्याख्या सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के रूप में हुई है.
सामाजिक व राजनीतिक न्याय तो हो चुका है,लेकिन मुख्यमंत्री ने आर्थिक न्याय दिलाने की पहल की है. यह अच्छी बात है. समारोह में कर्पूरी ठाकुर के पुत्र वीरेंद्र ठाकुर, गन्ना उद्योग मंत्री रंजू गीता, विधान पार्षद डॉ रामवचन राय, विजय मिश्र, शिव प्रसन्न यादव, रामचंद्र भारती व उदय कांत चौधरी मौजूद थे.

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