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साधु के भोज पर जदयू में बवाल : नरेंद्र सिंह ने पूछा, साधु चंबल का भागा डकैत है क्या ?
लालू के रिश्तेदार व पूर्व सांसद साधु यादव के घर पर शुक्रवार को दही-चूड़ा भोज में सीएम जीतन राम मांझी के शामिल होने पर जदयू में बवाल मच गया है. पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने इसे सुशासन से भटकाव करार दिया और सीएम को ऐसे लोगों के यहां जाने से बचने की सलाह दे डाली. […]
लालू के रिश्तेदार व पूर्व सांसद साधु यादव के घर पर शुक्रवार को दही-चूड़ा भोज में सीएम जीतन राम मांझी के शामिल होने पर जदयू में बवाल मच गया है. पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने इसे सुशासन से भटकाव करार दिया और सीएम को ऐसे लोगों के यहां जाने से बचने की सलाह दे डाली. इस पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने सवाल किया कि साधु यादव चंबल का भागा हुआ डकैत है क्या? वहीं, जदयू के दूसरे प्रवक्ता डॉ अजय आलोक ने तीन मंत्रियों पर हमला बोला. कहा-नरेंद्र सिंह, वृशिण पटेल व नीतीश मिश्र भाजपा में जाना चाहते हैं, तो शौक से चले जाएं. इस पर वृशिण पटेल ने पलटवार किया. कहा-मुङो दल विरोधी कहनेवाले के मन में खोट है. हालांकि, सारे प्रकरण पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव या प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह का कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
साधु के यहां सीएम का जाना सुशासन से भटकाव : नीरज
पटना: पूर्व सांसद साधु यादव के आवास पर दही-चूड़ा भोज को लेकर सत्ताधारी दल जदयू में बवाल है. इस भोज में मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी शामिल हुए थे. जदयू के प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने शनिवार को मुख्यमंत्री को इस तरह के भोज में जाने से बचने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि साधु यादव के आवास पर मुख्यमंत्री का जाना सुशासन के लक्ष्य से भटकाव दिखता है. हम इससे कोई समझौता नहीं कर सकते.
नीरज कुमार ने कहा, मांझी जी कहते हैं कि वह नीतीश कुमार के सुशासन के कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहे हैं. ऐसे में क्या सुशासन मुख्यमंत्री को आपराधिक पृष्ठभूमिवाले किसी व्यक्ति से मिलने की अनुमति देता है? ऐसी गतिविधियों से पार्टी और सरकार की बदनामी होती है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को मेरा सुझाव होगा कि वह नीतीश कुमार द्वारा बिहार में शुरू किये गये सुशासन के कार्यक्रम को लागू करने में लगे रहें.
नरेंद्र, वृशिण व नीतीश मिश्र भाजपा में जाना चाहते हैं, तो चले जाएं : डॉ आलोक
पटना : प्रवक्ता नीरज कुमार के बयान के कुछ ही देर बाद पार्टी के दूसरे प्रवक्ता डॉ अजय आलोक ने शनिवार को मांझी सरकार के तीन मंत्रियों-नरेंद्र सिंह, वृशिण पटेल और नीतीश मिश्र पर हमला बोला. कहा, तीनों मंत्रियों को यदि भाजपा में जाना है, तो वे चले जाएं. जदयू को इससे कोई परेशानी नहीं है. राजनीति में आना-जाना लगा रहता है. जदयू उन्हें सम्मान के साथ विदा करेगा. उन्होंने तीनों मंत्रियों को नसीहत देते हुए कहा कि वे मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के पक्ष में बयान जारी नहीं करें.
श्री मांझी जदयू के सच्चे सिपाही हैं. डॉ आलोक ने कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह समेत दोनों अन्य मंत्रियों की यादाश्त भी कमजोर हो गयी है. उन्होंने नरेंद्र सिंह को नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिये जाने के समय कही गयी बातों को याद दिलाया, जिसमें उन्होंने कहा था कि हमें विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही जाना होगा. पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि अब नरेंद्र सिंह इस बयान को बदल रहे हैं. बाकी के दोनों मंत्रियों की स्थिति भी कमोवेश इसी तरह है. यदि तीनों मंत्री भाजपा में जाना चाहते हैं, तो उन्हें कौन रोक रहा है?
दल विरोधी कहनेवाले के मन में खोट : पटेल
पटना: जदयू के प्रवक्ता डॉ अजय आलोक के आरोपों पर शिक्षा मंत्री वृशिण पटेल ने कड़ा एतराज जताया है. कहा कि मैंने कभी भी दल को तोड़नेवाला बयान नहीं दिया है. जो भी बयान दिया है, वह दल को मजबूत करनेवाला है. जो लोग उस बयान को दल विरोधी कह रहे हैं, उनके मन की खोट है. जो भी आरोप लगा रहे हैं, उनका पार्टी में क्या स्थान है और क्या जनाधार है, यह देखना चाहिए. श्री पटेल ने कहा कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री को बदलने की चर्चा हो रही थी. उस समय मैंने कहा था कि मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को बदलता जाता है, तो इसका असर दलित वोट पर पड़ेगा.
आज दलित-महादलित वोट एकजुट होकर मांझी के इर्द-गिर्द हो गया है. अगर हटाया भी जाता है, तो आनेवाले दिनों में भी दलित समुदाय से ही किसी नेता को मुख्यमंत्री बनाया पड़ सकता है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि एक और प्रवक्ता नीरज कुमार हैं, जो साधु यादव के यहां मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के जाने पर उन पर ही दल विरोधी काम करने का आरोप लगा रहे हैं. साधु यादव के यहां जाकर क्या मुख्यमंत्री ने दल विरोधी काम कर दिया? अगर मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलते हैं तो क्या यह दल विरोधी हो जायेगा? इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए.
साधु यादव चंबल का भागा हुआ डकैत है क्या ? : नरेंद्र सिंह
पटना: कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने कहा कि लालू प्रसाद से बड़ा खतरा आज देश में नरेंद्र मोदी और उनकी एनडीए की हुकूमत है. पहले भी हम लालू प्रसाद के कार्यो का विरोध करते थे, लालू का नहीं. उन्होंने मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के साधु यादव के घर जाने के मुद्दे पर कहा कि किसके यहां कौन जाता है, वह उसका व्यक्तिगत मामला है. यह किसी व्यक्ति के विवेक पर पूरी तरह से निर्भर करता है. इस पर मैं किसी तरह का कमेंट नहीं करूंगा.
हालांकि, साधु यादव की छवि के सवाल पर उन्होंने कहा- क्या साधु यादव चंबल का भागा हुआ डकैत है? समय के साथ ही हर आदमी में परिवर्तन आ जाता है. किसी के यहां जाने से कोई अच्छा या बुरा नहीं होता है. किसी बुरे व्यक्ति के यहां अगर कोई अच्छा व्यक्ति जाता है, तो क्या इससे वह बुरा हो जायेगा. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद भी अपनी खामियों को समङो होंगे. इतने समय तक सत्ता से बाहर रहने के कारण उन्हें अपनी गलतियां समझ में आ गयी होंगी.
केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह की प्रशंसा करने के मामले पर कृषि मंत्री ने कहा कि किसी की प्रशंसा करने का यह मतलब नहीं होता कि उसके पाले में चला जाना. राजनीति में कुछ भी संभावनाएं हो सकती हैं, लेकिन भाजपा और जदयू एक होना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि बिहार में कोई जाति के आधार पर सीएम नहीं बनता है. यह संयोग था कि जीतन राम मांझी सीएम बने और वह महादलित समुदाय से आते हैं. सुशील मोदी पर हमला करते हुए कहा कि वह चाहते हैं कि जदयू में आंतरिक कलह हो जाये, इस वजह से वह कुछ भी बयान देते रहते हैं. लेकिन, हकीकत में जदयू में किसी तरह का कोई आंतरिक मतभेद नहीं है. केंद्र की सरकार कैपिटलिस्टों की सरकार है. आम-अवाम और युवा के हितों में सोचनेवाली नहीं है.
मुझ पर कोई आपराधिक केस नहीं, नीरज मांगें माफी, नहीं तो करूंगा मुकदमा : साधु
फुलवारीशरीफ. साधु यादव ने जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार के बयान का एतराज जताते हुए कहा कि मेरे खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं है. नीरज कुमार माफी मांगें, नहीं तो उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा करूंगा. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और लालू प्रसाद पहले यह स्पष्ट करें कि अनंत सिंह, मो शहाबुद्दीन, पप्पू यादव, प्रभुनाथ सिंह और सुनील पांडेय सरीखे लोग, जिन पर कई आपराधिक मुकदमे लंबित हैं, के जरिये बिहार में कैसा सुशासन कायम किये हुए हैं.
शनिवार को अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में साधु यादव ने कहा, मो शहाबुद्दीन को कौन फूल माला पहनाने जाते हैं? अनंत सिंह को नीतीश कुमार माला पहनाते हैं, यह किसी से छुपा नहीं है. सगुना मोड़ से लेकर बेली रोड तक, एक्जीबिशन रोड, डाकबंगला आदि इलाकों में जमीन पर कब्जा जमानेवाले अंनत सिंह के खिलाफ क्यों नहीं बोलते हैं नीरज कुमार? सुनील पांडेय, पप्पू पांडेय, हुलास पांडेय, प्रभुनाथ सिंह, पप्पू यादव जैसे लोग सुशासन के प्रतीक हैं क्या? कौन गुंडा पालता है और कौन प्रभुनाथ सिंह को गले लगाता है, यह किसी से छुपा नहीं है.
उन्होंने कहा कि राजनीतिक व्यक्ति पर आचार संहिता उल्लंघन जैसा मुकदमा होता रहता है. मुझ पर धारा 107 का भी मुकदमा नहीं है. अगर मुकदमा है, तो उसका नेचर देखें. मेरे के खिलाफ बयान देने से पहले नीरज कुमार को साक्ष्य दिखाना चाहिए. कभी सूरजभान सिंह और अब अनंत सिंह जैसे आतंक फैलानेवालों के आगे-पीछे करनेवाले नीरज कुमार अपने बयान का खंडन या मांफी नहीं मांगते हैं, तो मैं उन पर मानहानि का केस करूंगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को हटाने की साजिश रची जा रही है .श्री मांझी मेरे घर दावत पर आये, तो यह बात विरोधियों को पच नहीं रही है. इसलिए मेरे खिलाफ अनाप- शनाप बयान दिये जा रहे हैं .बिहार की जनता जीतन राम मांझी को दुबारा मुख्यमंत्री बना कर इसका जवाब देगी .
राजनीतिक अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए
जहां तक मैं समझता हूं साधु यादव ने सौहार्दपूर्वक सीएम को बुलाया होगा और सहज भाव से सीएम वहां गये होंगे. त्योहार में आने जाने से राजनीतिक अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए. यह मुनासिब नहीं है.
अब्दुल बारी सिद्दीकी, राजद
प्रवक्ता को सीएम-मंत्री से पूछने का अधिकार नहीं
जदयू में अराजकता है. सीएम से किसी पार्टी प्रवक्ता को यह पूछने का अधिकार नहीं कि वह कहां जाएं व कहां नहीं. मंत्री सीएम के प्रति जवाबदेह होते हैं व सीएम असेंबली के प्रति. नरेंद्र, वृशिण व नीतीश मिश्र का मांझी के पक्ष में बयान देना उचित है.
डॉ जगन्नाथ मिश्र, पूर्व सीएम
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