पटना. जिन माताओं का शल्य चिकित्सा से प्रसव किया जाता है उनके दूध में प्रोबायोटिक्स की मात्रा कम होने से बच्चों में डायरिया आदि रोग होते हैं. यह कहना है डॉ रतन कुमार का. शनिवार को महावीर वात्सल्य अस्पताल में नवजात शिशु के रोकथाम के लिए प्रोबायोटिक्स विषय पर चर्चा की गयी. इसमें नवजात शिशु को कृत्रिम आहार पर निर्भर रहने को कहा गया. चर्चा में अस्पताल के निदेशक एम डब्ल्यू अंजुम, डॉ राकेश कुमार सिंह आदि कई लोगों ने अपने विचार रखे.
प्रोबायोटिक्स नहीं होने से बच्चों में हो रहा डायरिया
पटना. जिन माताओं का शल्य चिकित्सा से प्रसव किया जाता है उनके दूध में प्रोबायोटिक्स की मात्रा कम होने से बच्चों में डायरिया आदि रोग होते हैं. यह कहना है डॉ रतन कुमार का. शनिवार को महावीर वात्सल्य अस्पताल में नवजात शिशु के रोकथाम के लिए प्रोबायोटिक्स विषय पर चर्चा की गयी. इसमें नवजात शिशु […]
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