संवाददाता, पटना ब्रजकिशोर जी ने बिहार में स्वाधीनता आंदोलन की पृष्ठभूमि तैयार की थी. महात्मा गांधी को उन्होंने यहां आमंत्रित किया और पूरी टीम तैयार की. उन्होंने आजादी की लड़ाई लड़़ी और देश को अंगरेज की बेडि़यों से मुक्त कराया. जब हम आप अपनी दिनचर्या में ही व्यस्त रहते हैं वैसे में ब्रजकिशोर जी का जीवन हमें सकारात्मक संदेश देता है. इससे सभी को सीख लेने की जरूरत है. उक्त बातें पटना हाइकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एवं बिहार भूमि न्यायाधिकरण की अध्यक्ष मृदुला मिश्र ने स्वतंत्रता सेनानी ब्रजकिशोर प्रसाद की जयंती पर आयोजित सम्मान समारोह में कहीं. ब्रजकिशोर स्मारक प्रतिष्ठान के सभागार में आयोजित समारोह में अपने कार्यक्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धियों के लिए पांच व्यक्तियों को 2015 का ब्रजकिशोर सम्मान प्रदान किया गया. समाज विज्ञान के क्षेत्र में प्रोफेसर शमशाद हुसैन, साहित्य में डॉ उषा किरण खान, कला संस्कृति में विश्वबंधु, पत्रकारिता में अरविंद मोहन मिश्र और समाज सेवा के क्षेत्र में बैद्यनाथ चौधरी को मान पत्र व मोमेंटो के अलावे नकद पांच हजार रुपये दिया गया. मृदुला मिश्रा ने कहा कि उनकी शादी पंद्रह साल की उम्र में हुई थी,लेकिन वह कुछ नया करना चाहती थी. अध्यक्ष प्रेम प्रकाश वर्मा ने ब्रजकिशोर सम्मान के महत्व पर प्रकाश डालने के साथ ही आने वाले दिन में संस्थान के कार्यकलाप की जानकारी दी. गोविंद शर्मा द्वारा लिखित निबंधों का संग्रह तेरी मेरी उनकी बात का विमोचन किया गया.
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ब्रजकिशोर ने तैयार की थी स्वाधीनता आंदोलन की पृष्ठभूमि: मृदुला मिश्रा
संवाददाता, पटना ब्रजकिशोर जी ने बिहार में स्वाधीनता आंदोलन की पृष्ठभूमि तैयार की थी. महात्मा गांधी को उन्होंने यहां आमंत्रित किया और पूरी टीम तैयार की. उन्होंने आजादी की लड़ाई लड़़ी और देश को अंगरेज की बेडि़यों से मुक्त कराया. जब हम आप अपनी दिनचर्या में ही व्यस्त रहते हैं वैसे में ब्रजकिशोर जी का […]
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