पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचइडी) को ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस पॉलिसी बनाने के लिए कहा है, ताकि जलापूर्ति योजनाओं के बन जाने के बाद उसे कैसे चलाया जाये, इसकी व्यवस्था हो सके. उन्होंने यह निर्देश मंगलवार को विभाग की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में दी. उन्होंने कहा कि जिन ग्रामीण क्षेत्रों में हैंडपंपों की उम्र सीमा समाप्त हो गयी है, उनकी जगह नये हैंडपंप लगाये जाये. अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की एमएसडीपी योजना के तहत आंशिक आच्छादित बसावटों में पेयजल की व्यवस्था कर उनका जल्द-से-जल्द आच्छादन किया जाये.
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग व पीएचइडी के प्रधान सचिवों को उन्होंने इस मुद्दे पर शीघ्र ही बैठक बुलाने के लिए कहा. बिहार में एमएसडीपी योजना के तहत 20 जिलों के 75 प्रखंड आते हैं. उन्होंने इंटीग्रेटेड एक्शन प्लान पर भी युद्ध स्तर पर काम शुरू करने के लिए कहा, ताकि अधिक-से-अधिक बसावटें पूर्ण रूप से आच्छादित हो सकें. मुख्यमंत्री ने पीएचइडी को राज्य की सभी ग्रामीण बसावटों का भी पुन: सर्वेक्षण कराने के लिए कहा है. पीएचइडी के प्रधान सचिव रवींद्र पवार ने बताया कि विभाग में अभी ठेकेदार ही सामान क्रय करते हैं और योजनाओं को पूरा करते हैं, जबकि पहले विभाग समान क्रय करता था और ठेकेदार अन्य काम करते थे.
मुख्यमंत्री ने दोनों पद्धतियों को अध्ययन करने के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन करने के लिए कहा. एक्सपर्ट कमेटी यह सुझाव देगी कि कहां-कहां सुधार की जरूरत है. मौके पर मुख्य सचिव अशोक कुमार सिन्हा, विकास आयुक्त आलोक कुमार सिन्हा, प्रधान सचिव वित्त रामेश्वर सिंह व योजना एवं विकास विभाग के प्रधान सचिव विजय प्रकाश सहित कई अधिकारी मौजूद थे.