पटना : कदमकुआं चौक पर रोजी स्वीट्स के सामने एयर बंच केबल चढ़ाने के लिए विद्युत पोल पर चढ़ा मजदूर विक्रम पहले बिजली का करंट लगने से झुलस गया और फिर सप्लाइ कटने के बाद सड़क के डिवाइडर पर सिर के बल गिर गया. इससे उसका सिर फट गया और वह अचेत हो गया.
खून से लथपथ देख लोगों ने पहले तो मजदूर को मृत मान लिया था, लेकिन उसे ऑटो से पीएमसीएच ले जाने के दौरान पाया गया कि उसकी सांसें चल रही हैं. एजेंसी द्वारा मजदूर का इलाज कराया जा रहा है. देर रात तक उसकी हालत गंभीर बनी हुई थी. उधर साथी की हालत देख कर दूसरा मजदूर चंदू पोल पर ही चिपक कर बैठा रहा. सप्लाइ कटने की पुष्टि के बाद वह पोल से नीचे उतरा. दोनों मजदूर विद्युत विभाग के नहीं थे, बल्कि उन्हें काम करानेवाली एजेंसी ने लाया था.
शनिवार को दिन में करीब दो बजे छोटी पहाड़ी का रहनेवाला नाखो महतो का पुत्र विक्रम (30 वर्ष) कदमकुआं चौक पर विद्युत पोल पर चढ़ा हुआ था. वह 11 हजार की विद्युत सप्लाइ से एयर बंच केबल जोड़ रहा था.
उसी पोल पर दूसरा मजदूर चंदू भी चढ़ा था. 11 हजार सप्लाइ के ठीक नीचे एलटी सप्लाइ दी गयी है. मजदूर सीढ़ी लगा कर ऊपर के पोल पर चढ़ कर काम कर रहा था.
इस दौरान विक्रम एलटी सप्लाइ के तार पर पैर रख दिया. करंट की चपेट में आने के बाद मजदूर विक्रम 30 सेकेंड तक पोल पर करंट का झटका खाता रहा. लाइन काटे जाने के बाद वह नीचे आ गिरा. इस मौके पर सिटी एसपी शिवदीप वामन लांडे भी पहुंच गये. उन्होंने घटना की जांच की.
एसआइ की तत्परता से बची जान
पोल से नीचे गिरने के बाद लोगों ने मान लिया था कि विक्रम की मृत्यु हो गयी है. लेकिन एक दुकान में घर के लिए परदा खरीदने गये कदमकुआं के एसआइ ज्ञान शंकर सिंह की जब नजर पड़ी, तो वह तत्काल एक ऑटो बुलाया और उसे लेकर पीएमसीएच लेकर भागे. अस्पताल पहुंचने पर पता चला कि उसकी सांसें चल रही थीं और वह जिंदा है.
यह तो लापरवाही की हद है
लापरवाही की यह तो हद है. एजेंसी ने 11 हजार वाले हाइटेंशन तार की सप्लाइ तो ठप करा दी थी, लेकिन ठीक उसके नीचे एलटी सप्लाइ का शट डाउन नहीं लिया था. ऐसे में मजदूर विक्रम का पैर तार पर पड़ते ही उसे जोर का झटका लगा. वह चिल्लाने लगा. शोर सुन मौके पर मौजूद पुलिस ने तत्काल विद्युत कंट्रोल रूम को सूचना देकर सप्लाइ बंद करायी. लाइन कटते ही विक्रम झटका खाकर नीचे आ गिरा. करंट लगने से उसकी कमर व पैर झुलस गये. वहीं सिर फट गया.
एजेंसी की गलती, भुगते मिस्त्री
बिहार स्टेट पावर (होल्डिंग) कंपनी द्वारा पटना में बिजली आपूर्ति व्यवस्था सुदृढ़ की जा रही है. इसे लेकर आरएपी-डीआरपी प्रोजेक्ट चल रहा है. इसका काम निजी एजेंसी कर रही है. इसी प्रोजेक्ट के तहत शनिवार को कदमकुआं इलाके में 11 केवीए का नया एयर बंच केबल लगाया जा रहा था. इसको लेकर एजेंसी ने सिर्फ 11 केवीए लाइन से ही बिजली आपूर्ति बंद करायी थी, जबकि एलटी लाइन में आपूर्ति जारी थी. पेसू अधिकारी ने बताया कि एजेंसी की गलती के कारण मिस्त्री को करंट लगा है. पेसू (इस्ट) के अधीक्षण अभियंता रंजीत कुमार ने बताया कि जख्मी मिस्त्री का इलाज एजेंसी करा रही है. गौरतलब है कि बिजली कंपनी की तरफ से सुरक्षा उपकरण के नाम पर कामगारों को दस्ताने, सेफ्टी बेल्ट, हेलमेट व ड्रेस आदि मुहैया कराये जाते हैं. इतना ही नहीं, ठेकेदार के अंदर काम करनेवाले मिस्त्री को भी सेफ्टी बेल्ट, हेलमेट समेत अन्य सामान दिये जाते हैं. मगर ताजा प्रकरण में ठेकेदार ने कामगार को सेफ्टी बेल्ट व हेलमेट मुहैया नहीं कराया था. अगर सेफ्टी बेल्ट व हेलमेट होता तो उसे चोट कम लगती.
उसी विद्युत पोल पर चढ़नेवाला दूसरा मजदूर चंदू डर के मारे ऊपर ही बैठा रहा. लोग नीचे से दिलासा देते रहे कि सप्लाइ कट गयी है, लेकिन वह इतना सहमा हुआ था कि उतरने के लिए सीढ़ी पर पांव नहीं रख रहा था. पुलिस के कहने पर 20 मिनट बाद वह पोल से उतरा. हालांकि उसे करंट नहीं लगा था, लेकिन वह काफी भयभीत था.